पैसा इंसान की महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है और इसे अर्जित करने के लिए कोई व्यक्ति नौकरी, व्यवसाय, निवेश जैसे तरीकों को अपनाता है। अब ये तरीके कुछ भी हों, लेकिन इनसे हुई कमाई का एक हिस्सा हमें टैक्स के रूप में सरकार को देना होता है और टैक्स के इस पैसे से ही सरकारें अपने सभी कामकाज करती हैं।
वर्तमान में “वैश्वीकृत” होती दुनिया ने दो देशों के बीच की सीमाओं को कम करते हुए अवसरों की उपलब्धता को बढ़ाने का काम किया है, लिहाजा लोग पैसा कमाने के लिए केवल अपने देश के संसाधनों या अवसरों तक सीमित नहीं हैं। सीमा पार किसी कंपनी के लिए काम करना, विदेशी बाजारों में निवेश करना इत्यादि वर्तमान में आम बात है।
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चूँकि आय का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार को देना होता है, अतः दो अलग-अलग देशों से प्राप्त होने वाली आय के मामले में आपको दोनों देशों की सरकरों को टैक्स देना पड़ सकता है।
इस स्थिति को दोहरा कराधान यानी “डबल टैक्सेशन” कहा जाता है और टैक्सपेयर्स को इसी से सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकारें आपस में डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट करती हैं। इस लेख में आगे विस्तार से जानेंगे डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट क्या होता है और करदाताओं समेत किसी देश के लिए यह कैसे फायदेमंद है?
डबल टैक्सेशन क्या है?
दोहरे कराधान या डबल टैक्सेशन का सीधा सा मतलब एक ऐसी स्थिति से है, जब किसी व्यक्ति, कंपनी या संस्था की एक ही आय पर दो अलग-अलग देशों में कर लगाया जाता है। ऐसी स्थितयो के कुछ प्रत्यक्ष उदाहरणों की हम लेख में आगे चर्चा करेंगे।
दरअसल यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति का निवास और उसकी आय के स्रोत जैसे नौकरी इत्यादि अलग-अलग देशों में हो या विदेशी संपत्ति से कोई आय अर्जित हो रही हो। अब क्योंकि प्रत्येक देश में कराधान के नियम भी एक दूसरे से भिन्न होते हैं इसलिए कई स्थितियों में एक ही आय दो देशों में कर योग्य हो जाती है।
डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) क्या है?
डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट को जानने से पहले कुछ ऐसी परिस्थितियों को समझना जरूरी है, जहाँ पर दोहरे कराधान (डबल टैक्सेशन) की स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। उदाहरण के तौर पर मान लें आप एक भारतीय निवासी हैं और आपने अमेरिका (यूएसए) में स्थित किसी कंपनी में निवेश किया है। ऐसे में जब आपको इस निवेश से लाभांश (डिविडेंड) या कोई आय प्राप्त होती है, तो वह भारत तथा अमेरिका दोनों देशों में कर के अधीन होगी।
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इसके अलावा कोई अमेरिकी व्यक्ति यदि किसी वर्ष 200 दिन भारत में तथा शेष दिन अमेरिका में काम करता है तो उसकी आय पर भारत और अमेरिका दोनों में टैक्स लगाया जा सकता है। भारत की टैक्स प्रणाली के अनुसार वह भारत का “निवासी” माना जाएगा क्योंकि उसने 182 दिन से अधिक भारत में बिताए, जबकि अमेरिकी नियमों (Substantial Presence Test) के तहत वह “टैक्सेबल यूएस पर्सन” भी होगा।
लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं होता है क्योंकि करदाताओं को दोहरे कराधान के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए देश आपस में एक समझौता करते हैं, जिसे डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) कहा जाता है। भारत ने यूनाइटेड स्टेट्स समेत 90 से अधिक देशों के साथ यह समझौता किया है।
डीटीएए समझौते के मुख्य उद्देश्य
डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर (व्यक्तिगत या कंपनियों) को दोहरे कर के नुकसान से बचाना है। लेकिन यह समझौता किसी देश के कुछ अन्य उद्देश्यों को भी पूरा करता है, जिससे वहाँ अंतर्राष्ट्रीय निवेश, व्यापार समेत विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में इजाफा होता है।
डीटीएए के प्रमुख उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- दोहरे कराधान से बचाव: इस समझौते का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि, करदाता चाहे व्यक्तिगत हो या संस्थागत दो अलग-अलग देशों में एक ही आय पर दो बार कर का भुगतान न करें।
- टैक्स चोरी को रोकना: यह एग्रीमेंट देशों के बीच सहयोग बढ़ाता है और सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है, जिससे टैक्स चोरी की संभावना कम होती है।
- अंतर्राष्ट्रीय निवेश को बढ़ावा: डीटीएए यह सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को निवेश से होने वाली उनकी आय पर दोहरा टैक्स नहीं चुकाना होगा, जिसके चलते वे विदेशी बाजारों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं और भारत जैसे विकासशील देशों में बाहरी निवेश बढ़ता है।
- टैक्स में छूट: इसके द्वारा टैक्सपेयर्स को दोहरे कराधान से सुरक्षा प्रदान करने के लिए टैक्स क्रेडिट, टैक्स में छूट या टैक्स की दरों में कटौती जैसी व्यवस्थाएं प्रदान की जाती हैं।
- कर प्रणाली को पारदर्शी बनाना: समझौते में दो देशों के बीच कराधान (Taxation) की प्रक्रिया और उसके नियम स्पष्ट रूप से परिभाषित होते हैं, ताकि टैक्सपेयर्स को अनुचित या अत्यधिक टैक्स का भुगतान न करना पड़े।
आय के स्रोत जिन पर डीटीएए लागू होता है
इस समझौते कई तरह की आय को कवर किया जाता है जैसे कि रोजगार से होने वाली आय, व्यावसायिक लाभ, लाभांश, ब्याज, रॉयल्टी, पूंजीगत लाभ, इत्यादि। ये समझौते दिशा-निर्देश निर्दिष्ट करते हैं कि किस देश को विशेष प्रकार की आय पर कर लगाने का अधिकार होगा। आम तौर पर, जिस देश में आय उत्पन्न होती है, उस देश को ही उस पर कर लगाने का प्राथमिक अधिकार होता है, जबकि निवास का देश भी कम दर पर कर लगा सकता है।
डीटीएए के अंतर्गत निम्नलिखित स्रोतों से अर्जित आय पर दोहरा कर नहीं लगाया जाता है।
- अचल संपत्ति से किसी प्रकार की आय
- शेयरधारक को मिलने वाला लाभांश या डिविडेंड
- बचत खातों पर मिलने वाला ब्याज
- सावधि जमा पर मिलने वाला ब्याज
- किसी प्रकार का पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन)
- सेवाओं की एवज में होने वाली आय
- नौकरी से प्राप्त वेतन
गौरतलब है कि, डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट का कोई मानक प्रारूप नहीं है। कोई भी दो देश अपनी आवश्यकताओं, कर नीतियों और आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए इस समझौते में विभिन्न प्रकार के आय वर्गों या शर्तों को शामिल कर सकते हैं।
कैसे पता करें DTAA आपकी आय पर लागू होगा?
यदि आप अपनी एक ही आय पर दो अलग-अलग देशों में टैक्स भरने के लिए उत्तरदायी हो जाते हैं, तो डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट आप पर लागू हो सकता है। आइए जानते हैं आप कैसे यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी आय पर डीटीएए लागू है या नहीं:
निवास स्थिति: टैक्सेशन में किसी व्यक्ति की निवास स्थिति (Residential Status) बेहद मायने रखती है। यह निर्धारित करती है कि आपकी आय पर किसी देश में टैक्स कैसे लगाया जाएगा। अपनी आय पर डीटीएए की स्थिति जाँचने के लिए सबसे पहले प्रत्येक देश के कर कानूनों के अनुसार अपनी निवास स्थिति निर्धारित करें।
देश की पहचान करें: यदि आपको किसी बाहरी देश से आय हो रही है, तो जाँच करें कि क्या निवास के देश और जहाँ से आय हो रही है उस देश के बीच कोई डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) है या नहीं।
आय की प्रकृति: आय के विशिष्ट प्रकार जैसे, वेतन, व्यवसाय से आय, ब्याज, लाभांश, रॉयल्टी, पूंजीगत लाभ की पहचान करें जो दोनों देशों में कर के अधीन है।
प्रत्येक देश में कराधान नियम: संबंधित आय पर दोनों देशों में लागू कर नियमों और उसकी दरों को समझें।
समझौते की शर्तें: यदि आपके निवास के देश और आय स्रोत वाले देश के बीच कोई समझौता है, तो उसकी शर्तों को पढ़ें और अपनी आय के संबंध में लागू प्रावधानों को समझें। इसके पश्चात ही आप डीटीएए लाभों का दावा करने के लिए उचित प्रक्रिया को अपना सकते हैं।
डीटीएए के तहत मिलने वाली राहत
DTAA के तहत मुख्यतः दो तरीकों से लाभ का दावा किया जा सकता है। इनमें टैक्स से छूट (Exemption Method), तथा टैक्स क्रेडिट (Credit Method) शामिल हैं। आइए इन दोनों को विस्तार से समझते हैं।
टैक्स से छूट
इसके तहत, निवास या स्रोत देश में से किसी एक में टैक्स से छूट (Exempt) का दावा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यदि आप भारतीय निवासी हैं और अमेरिका में अस्थाई तौर पर काम करते हुए कुछ आय अर्जित करते हैं तो अपनी आय पर किसी एक देश में छूट का दावा कर सकते हैं।
टैक्स क्रेडिट
इसके तहत आपकी आय पर दोनों देशों में टैक्स लगाया जाता है, लेकिन आप स्रोत देश में चुकाए गए टैक्स के लिए अपने देश में क्रेडिट का दावा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप अमेरिका में अपनी आय पर 30% टैक्स देते हैं और भारत में टैक्स की दर 40% है, तो आपको भारत में सिर्फ 10% टैक्स का भुगतान करना होगा।
टैक्स क्रेडिट आपकी टैक्स देनदारी को कम करते हुए आपको डबल टैक्सेशन से बचाता है। गौरतलब है कि, भारत में टैक्स क्रेडिट की राशि आपके भारतीय टैक्स दायित्व से अधिक नहीं हो सकती। इसका मतलब है कि भारत में आपकी आय पर जितना टैक्स बनता है, टैक्स क्रेडिट की राशि उससे अधिक नहीं होगी।
टैक्स दरों में कमी
कई डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट्स में विभिन्न प्रकार की आय पर एक विशेष टैक्स दर का प्रावधान किया जाता है। यह विशेष दर सामान्य टैक्स दर से कम होती है, उदाहरण के लिए लाभांश, रॉयल्टी और ब्याज आय पर अक्सर कम दरों पर टैक्स लगाया जाता है, जो संबंधित देशों के बीच किए गए समझौतों में निर्धारित होती है।
डीटीएए के तहत लाभ के लिए दावा करने की प्रक्रिया
रेजीडेंसी स्टेटस: डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट्स के तहत लाभ का दावा करने के लिए सर्वप्रथम आपको अपनी आवासीय स्थिति को जाँचना होगा। किसी व्यक्ति के भारतीय निवासी होने के लिए निर्धारित की गई शर्तों को इस लिंक के जरिये देखा जा सकता है।
टैक्स रेजीडेंसी सर्टिफिकेट (TRC): यदि आप DTAA के तहत कर लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो TRC एक अनिवार्य दस्तावेज़ है। यह आपकी आवासीय स्थिति को सत्यापित करने के लिए प्रमाण के रूप में कार्य करता है, जिसे आप अपने निवास वाले देश की सरकार से प्राप्त कर सकते हैं। TRC के लिए आपको फॉर्म 10FA भरकर आयकर विभाग में दाखिल करना होगा।
फॉर्म 67: अगर आप भारत के निवासी हैं, तो आप विदेश में भुगतान किए गए करों पर क्रेडिट का दावा कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको भारतीय आयकर विभाग के पास, विदेश में भुगतान किए गए आयकर का प्रमाण संगलग्न करते हुए फॉर्म 67 भरकर दाखिल करना होगा।
फॉर्म 10F: ऐसे एनआरआई या विदेशी निवासी, जिनकी भारत में आय है और जो डीटीएए के तहत लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें फॉर्म 10F भरकर भारतीय आयकर विभाग में दाखिल करना होगा। इस श्रेणी के तहत फ्रीलांसर/परामर्शदाता या भारतीय निवेश से आय प्राप्त करने वाले लोग शामिल हैं।
भारत के साथ DTAA समझौते वाले देश
वर्तमान में भारत का तकरीबन 94 देशों के साथ डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट्स है। इन देशों की लिस्ट तथा विभिन्न प्रकार की आय के लिए टैक्स की दरें आप नीचे देख सकते हैं।
Recipient country | Dividend | Interest | Royalty | Technical services |
---|---|---|---|---|
Albania | 10 | 10 | 10 | 10 |
Armenia | 10 | 10 | 10 | 10 |
Australia | 15 | 15 | 10/15 | 10/15 |
Austria | 10 | 10 | 10 | 10 |
Bangladesh | 10/15 | 10 | 10 | NA |
Belarus | 10/15 | 10 | 15 | 15 |
Belgium | 15 | 15/10 | 10 | 10 |
Bhutan | 10 | 10 | 10 | 10 |
Botswana | 7.5/10 | 10 | 10 | 10 |
Brazil | 15 | 15 | 25/15 | NA |
Bulgaria | 15 | 15 | 15/20 | 20 |
Canada | 15/25 | 15 | 10/20 | 10/20 |
China | 10 | 10 | 10 | 10 |
Columbia | 5 | 10 | 10 | 10 |
Croatia | 5/15 | 10 | 10 | 10 |
Cyprus | 10 | 10 | 10 | 10 |
Czech Republic | 10 | 10 | 10 | 10 |
Denmark | 15/25 | 10/15 | 20 | 20 |
Estonia | 10 | 10 | 10 | 10 |
Ethiopia | 7.5 | 10 | 10 | 10 |
Fiji | 5 | 10 | 10 | 10 |
Finland | 10 | 10 | 10 | 10 |
France | 10 | 10 | 10 | 10 |
Georgia | 10 | 10 | 10 | 10 |
Germany | 10 | 10 | 10 | 10 |
Greece | 20 | 20 | 10 | NA |
Hong Kong | 5 | 5/10 | 10 | 10 |
Hungary | 10 | 10 | 10 | 10 |
Iceland | 10 | 10 | 10 | 10 |
Indonesia | 10 | 10 | 10 | 10 |
Iran | 10 | 10 | 10 | 10 |
Ireland | 10 | 10 | 10 | 10 |
Israel | 10 | 10 | 10 | 10 |
Italy | 15/25 | 15 | 20 | 20 |
Japan | 10 | 10 | 10 | 10 |
Jordan | 10 | 10 | 20 | 20 |
Kazakhstan | 10 | 10 | 10 | 10 |
Kenya | 10 | 10 | 10 | 10 |
Korea | 15 | 10 | 10 | 10 |
Kuwait | 10 | 10 | 10 | 10 |
Kyrgyzstan | 10 | 10 | 15 | 15 |
Latvia | 10 | 10 | 10 | 10 |
Libya | 20 | 20 | 30 | NA |
Lithuania | 5/15 | 10 | 10 | 10 |
Luxembourg | 10 | 10 | 10 | 10 |
Macedonia | 10 | 10 | 10 | 10 |
Malaysia | 5 | 10 | 10 | 10 |
Malta | 10 | 10 | 10 | 10 |
Mauritius | 5/15 | 7.5 | 15 | 10 |
Mongolia | 15 | 15 | 15 | 15 |
Montenegro | 5/15 | 10 | 10 | 10 |
Morocco | 10 | 10 | 10 | 10 |
Mozambique | 7.5 | 10 | 10 | NA |
Myanmar | 5 | 10 | 10 | NA |
Namibia | 10 | 10 | 10 | 10 |
Nepal | 5/10 | 10 | 15 | NA |
Netherlands | 10 | 10 | 10 | 10 |
New Zealand | 15 | 10 | 10 | 10 |
Norway | 10 | 10 | 10 | 10 |
Oman | 10/12.5 | 10 | 15 | 15 |
Philippines | 15/20 | 10/15 | 15 | NA |
Poland | 10 | 10 | 15 | 15 |
Portugal | 10/15 | 10 | 10 | 10 |
Qatar | 5/10 | 10 | 10 | 10 |
Romania | 10 | 10 | 10 | 10 |
Russian Federation | 10 | 10 | 10 | 10 |
Saudi Arabia | 5 | 10 | 10 | NA |
Serbia | 5/15 | 10 | 10 | 10 |
Singapore | 10/15 | 10/15 | 10 | 10 |
Slovenia | 5/15 | 10 | 10 | 10 |
South Africa | 10 | 10 | 10 | 10 |
Spain | 15 | 15 | 10/20 | 20 |
Sri Lanka | 7.5 | 10 | 10 | 10 |
Sudan | 10 | 10 | 10 | 10 |
Sweden | 10 | 10 | 10 | 10 |
Switzerland | 10 | 10 | 10 | 10 |
Syria | 5/10 | 10 | 10 | NA |
Taipei | 12.5 | 10 | 10 | 10 |
Tajikistan | 5/10 | 10 | 10 | NA |
Tanzania | 5/10 | 10 | 10 | NA |
Thailand | 10 | 10 | 10 | NA |
Trinidad and Tobago | 10 | 10 | 10 | 10 |
Turkey | 15 | 10/15 | 15 | 15 |
Turkmenistan | 10 | 10 | 10 | 10 |
Uganda | 10 | 10 | 10 | 10 |
Ukraine | 10/15 | 10 | 10 | 10 |
United Arab Emirates | 10 | 5/12.5 | 10 | NA |
Mexico | 10 | 10 | 10 | 10 |
United Kingdom | 10/15 | 10/15 | 10/15 | 10/15 |
United States | 15/25 | 10/15 | 10/15 | 10/15 |
Uruguay | 5 | 10 | 10 | 10 |
Uzbekistan | 10 | 10 | 10 | 10 |
Vietnam | 10 | 10 | 10 | 10 |
Zambia | 5/15 | 10 | 10 | 10 |
विभिन्न देशों के साथ भारत के डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट्स (DTAAs) को विस्तार से पढ़ने के लिए भारतीय आयकर विभाग की वेबसाइट विजिट करें अथवा यहाँ दी गई लिंक पर क्लिक करें।
सार-संक्षेप
डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट्स या DTAA दो देशों के बीच एक द्विपक्षीय समझौता है, जो करदाताओं को एक ही आय पर दोहरा कर चुकाने से सुरक्षा प्रदान करता है। यह ऐसे लोगों के लिए बेहद उपयोगी है जो अपने निवास स्थान के अलावा दूसरे देशों से भी आय प्राप्त करते हैं।
Double Taxation Avoidance Agreement न केवल करदाताओं के लिए बल्कि सरकारों, विशेष रूप से विकासशील देशों की सरकारों के लिए भी लाभकारी है। डीटीएए जैसे समझौते विदेशी बाजारों में निवेश को प्रोत्साहित करते हैं, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाते हैं तथा दो देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देते हैं।