हाल ही में देश के केन्द्रीय बैंक यानी आरबीआई ने प्रोजेक्ट नेक्सस (project Nexus) के तहत शामिल होने पर अपनी आधिकारिक सहमति जताई है। यह प्रोजेक्ट विभिन्न देशों के घरेलू फास्ट पेमेंट सिस्टम (FPS) को आपस में जोड़कर सीमा पार भुगतान को सक्षम बनाने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है।
फास्ट पेमेंट सिस्टम (FPS) एक आधुनिक वित्तीय प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को त्वरित, सुरक्षित एवं सुलभ तरीके से भुगतान और पैसे के लेन-देन की सुविधा प्रदान करती है। सामान्यतः इसका इस्तेमाल देश के भीतर पेमेंट्स करने में किया जाता है, भारत की बात करें तो UPI, IMPS इसके उदाहरण हैं।
प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus) का मुख्य उद्देश्य विभिन्न देशों के इन्हीं घरेलू फास्ट पेमेंट सिस्टम को आपस में जोड़कर एक नेटवर्क स्थापित करना है, जिसके तहत भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) तथा मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड के फास्ट पेमेंट सिस्टम को आपस में जोड़ा जाएगा, आगे चलकर इस प्लेटफॉर्म को और अधिक देशों तक बढ़ाया जा सकता है।
प्रोजेक्ट नेक्सस क्या है?
प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus) की रूप-रेखा बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के इनोवेशन हब द्वारा तैयार की गई है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अलग-अलग घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (FPS) को जोड़कर, सीमा पार भुगतान को सस्ता और आसान बनाना है।
आरबीआई पहले से ही द्विपक्षीय स्तर पर विभिन्न देशों की त्वरित भुगतान प्रणाली के साथ भारत के UPI को जोड़ने की दिशा में काम कर रहा है, इसके परिणामस्वरूप सीमा पार P2P (व्यक्ति से व्यक्ति) और P2M (व्यक्ति से व्यापारी) भुगतान करना आसान होगा।
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वर्तमान में ऐसे देशों की संख्या 7 है जो UPI से भुगतान को स्वीकार करते हैं इन देशों में फ्रांस, सिंगापुर, UAE, भूटान, नेपाल, मॉरीशस जैसे देश शामिल हैं।
भारत और उसके साझेदार देश FPS की ऐसी द्विपक्षीय कनेक्टिविटी का लाभ पहले से ही ले रहे हैं ऐसे में, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स के लिए एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने में RBI के प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
प्रोजेक्ट नेक्सस से भारत को लाभ
बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के अनुसार वर्तमान में 70 से अधिक देशों में घरेलू भुगतान फास्ट पेमेंट सिस्टम की सहायता से केवल कुछ ही सेकंड में अपने गंतव्य तक पहुँच जाते हैं और प्रेषक एवं प्राप्तकर्ता को इसके लिए किसी प्रकार की लागत का भुगतान भी नहीं करना पड़ता है। देश में UPI के जरिये ऐसे कई पेमेंट्स हम दैनिक रूप से करते हैं।
ऐसे में यदि इन घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों को एक-दूसरे से जोड़ दिया जाए तो किसी भी क्रॉस बॉर्डर पेमेंट को पूरा होने में सिर्फ 60 सेकंड का समय लगेगा।
प्रोजेक्ट नेक्सस की सफलता अंतर्राष्ट्रीय भुगतान को बेहद सस्ता, त्वरित एवं आसान करेगी और इससे सीमा पार आर्थिक गतिविधियों जैसे व्यापार इत्यादि में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
प्रोजेक्ट नेक्सस के तहत शामिल देश
वर्तमान में प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus) के तहत भारत समेत दक्षिण एशियाई राष्ट्रों के संगठन (ASEAN) के चार अन्य देश सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड एवं फिलीफनस शामिल हैं, ये पांचों देश ही इस प्रोजेक्ट के संस्थापक एवं प्रस्तावक भी हैं।