इंटरनेट की पहुँच बढ़ने के साथ शेयर बाजार में निवेश करना आज बेहद आसान हो चुका है, कोई भी व्यक्ति केवल अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए आसानी से शेयर बाजार में निवेश कर सकता है।
भले ही शेयर बाजार में लोगों की बढ़ती भागीदारी को किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा माना जाता हो, किन्तु बाजार में बढ़ती भागीदारी के साथ ही निवेशकों को इस विषय में जानकार और जागरूक होने की भी खासा जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए आज हम शेयर बाजार से जुड़े एक महत्वपूर्ण विषय पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) पर चर्चा करने जा रहे हैं।
इस लेख में आगे विस्तार से जानेंगे पेनी स्टॉक्स क्या होते हैं, पेनी स्टॉक्स में निवेश करना कितना जोखिम भरा है, अच्छे पेनी स्टॉक्स की पहचान कैसे करें, पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) में निवेश करने के नुकसान और फायदे क्या हैं तथा आपको इनमें निवेश करना चाहिए अथवा नहीं।
पेनी स्टॉक्स क्या हैं?
पेनी स्टॉक (Penny Stocks) सामान्यतः ऐसी कंपनियों के शेयरों को कहा जाता है, जो बहुत कम कीमत पर शेयर बाजार में ट्रेड होते हैं दूसरे शब्दों में वे शेयर जिनकी कीमत 10 रुपये या इससे कम (कई स्थितियों में 1 पैसे तक) होती है उन्हें Penny Stocks कहा जाता है।
Penny स्टॉक्स को और भी कई नामों से जाना जाता है जिनमें मुख्य रूप से माइक्रो-कैप स्टॉक, जंक या भंगार स्टॉक्स जैसे नाम शामिल हैं।
पेनी स्टॉक्स खरीदना किसी निवेशक के लिए लाभ और जोखिम के अवसरों को कई गुना तक बढ़ा देता है, यदि एक बेहतर रिसर्च करने के बाद किसी पैनी स्टॉक में निवेश किया जाए तो ऐसे स्टॉक किसी निवेशक को हजारों गुना तक का रिटर्न दे सकते हैं।
कई ऐसे पेनी स्टॉक्स हैं, जिन्होंने 10 से 15 सालों के दौरान अपने निवेशकों को करोड़पति तक बनाया है। चूँकि इनकी कीमत बहुत कम होती है अतः पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) में निवेश करने पर निवेशकों को लिक्विडिटी या नकदी की समस्या आती है।
पेनी स्टॉक्स क्यों खरीदे जाते हैं?
स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने का सीधा फंडा है कम कीमत में शेयर खरीदो और जब शेयर के भाव बढ़ जाएं तो उन्हें बेच कर मुनाफा कमा लो, शेयर बाजार से होने वाला मुनाफा दो फ़ैक्टर्स पर निर्भर करता है
पहला शेयरों की संख्या और दूसरा आपके निवेश के बाद शेयरों के भाव में वृद्धि, निवेशकों खासकर नए निवेशकों को लगता है कि यदि वे किसी कंपनी के शेयर भारी मात्रा में खरीद लें तो शेयर के भाव में केवल कुछ पैसों की वृद्धि से ही उन्हें अच्छा मुनाफा हो जाएगा।
चूँकि किसी अच्छी कंपनी के शेयरों को भारी मात्रा में खरीदने के लिए अच्छे-खासे कैपिटल की आवश्यकता होती है जो नये अथवा अधिकांश निवेशकों के पास नहीं होता है इसलिए वे पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) की तरफ आकर्षित होते हैं, जो उन्हें 5 पैसे, 10 पैसे, 1 रुपये जैसी कीमतों में मिल जाते हैं।
पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) जोखिम भरे क्यों होते हैं?
पेनी स्टॉक्स किसी कचरे के ढेर के समान होते हैं, जहाँ दिखने वाला लगभग 90 फीसदी समान कचरा होता है। ऐसे में इस बात की संभावना बहुत अधिक होती है कि, आपके द्वारा चुना गया पेनी स्टॉक्स (Penny Stock) आपको मुनाफे के बजाए नुकसान करा दे।
किसी स्टॉक के पेनी स्टॉक बनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं और इन्हीं कारणों का पता लगाने से आप इस बात का अंदाजा भी लगा सकते हैं कि, किस पेनी स्टॉक्स में निवेश किया जा सकता है अथवा कौन पेनी स्टॉक्स आपके लिए आर्थिक रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता है।
किसी स्टॉक्स के पेनी स्टॉक्स बनने के पीछे मुख्य रूप से दो कारण होते हैं इनमें पहला कारण है कंपनी के भीतर किसी प्रकार की गड़बड़ी जैसे खराब या भ्रष्ट प्रबंधन, खराब बिजनेस मॉडल, कंपनी को बहुत अधिक कर्ज, प्रतिस्पर्धा इत्यादि, वहीं दूसरा कारण कंपनी या बिजनेस का कुछ हद तक नया होना भी है, किसी भी बिजनेस की ग्रोथ होने और लोगों का उस कंपनी में भरोसा बनने में कुछ समय लगता है।
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अतः ऐसी स्थित में जबकि कंपनी का प्रबंधन कंपनी को लेकर महत्वाकांक्षी है, किन्तु अभी नया बिजनेस होने के चलते लोगों को कंपनी पर भरोसा नहीं है और कंपनी के शेयर पेनी स्टॉक की श्रेणी में हैं भविष्य में कंपनी के शेयरों में वृद्धि होने की बहुत अधिक संभावना बनी रहती है और ऐसे पेनी स्टॉक समय के साथ Multibagger Stocks बनते हैं जो अपने निवेशकों को कई गुना मुनाफा देते हैं।
इसके विपरीत ऐसे पेनी स्टॉक जो कंपनी के घोटालों, गड़बड़ियों, खराब प्रदर्शन के चलते पेनी स्टॉक की श्रेणी में शामिल हैं उनके भविष्य में ऊपर बढ़ने की संभावना लगभग न के बराबर होती है।
पेनी स्टॉक के साथ क्या रिस्क होते हैं?
ऊपर हमनें विस्तार से समझा आखिर कोई स्टॉक पेनी स्टॉक (Penny Stock) की श्रेणी में क्यों शामिल होता है अथवा कौन से वे कारण हैं जो किसी स्टॉक को पेनी स्टॉक बनाते हैं। आइए अब जानते हैं पेनी स्टॉक के साथ किस प्रकार का जोखिम जुड़ा रहता है और क्यों निवेशकों को इन्हें खरीदने से पहले अधिक विश्लेषण की जरूरत होती है।
#1 तरलता (Liquidity) का कम होना
पेनी स्टॉक्स के साथ सबसे बड़ा जोखिम तरलता या Liquidity का होता है। तरलता का अर्थ होता है किसी ऐसेट को बेचकर कितनी जल्दी आपको कैश में परिवर्तित कर सकते हैं। चूँकि किसी व्यक्ति को कभी भी कैश की आवश्यकता हो सकती है अतः अधिक तरलता वाले ऐसेट अच्छे माने जाते हैं सोना इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसे आप बहुत कम समय में कैश में परिवर्तित कर सकते हैं।
चूँकि पेनी बहुत सस्ते होते हैं, जिस कारण अधिकांश लोग बहुत अधिक मात्रा में इन स्टॉक्स में पैसा निवेश करते हैं और मुनाफा कमाने की सोचते हैं लेकिन समस्या तब आती है जब बाजार में इन पेनी स्टॉक्स का कोई खरीदार (Buyer) नहीं मिलता है और इनकी कीमत लगातार गिरने लगती है।
इसके चलते किसी सामान्य शेयर की तुलना में इन्हें बेचना बहुत मुश्किल होता है और इस बात की बहुत अधिक संभावना होती है कि, जब कोई निवेशक कैश की जरूरत को पूरा करने के लिए अपने शेयर बेचना चाहे तो उसे कोई खरीदार न मिले।
#2 पम्प एंड डम्प का जोखिम
शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहाँ से छोटा-बड़ा हर कोई निवेशक पैसा बनाना चाहता है और ऐसी स्थिति में कई बार छोटे निवेशक बड़े निवेशकों की बुरी नीतियों का शिकार भी बनते हैं। शेयर बाजार के संबंध में आपने पम्प-और-डम्प शब्दावली को अवश्य सुना होगा इसका इस्तेमाल सामान्यतः बड़े निवेशक करते हैं।
छोटी हो या बड़ी किसी भी कंपनी के शेयरों की कीमत डिमांड और सप्लाई के आधार पर तय होती है अर्थात किसी कंपनी के शेयरों की जितनी अधिक डिमांड होगी उसकी कीमत भी उतनी अधिक होगी, ऐसे में बड़े निवेशक कई बार पेनी स्टॉक्स को भारी मात्रा में खरीद कर बाजार से उनकी सप्लाई को कम कर देते हैं जिससे उनकी कीमत बढ़ने लगती है।
पेनी स्टॉक्स की बढ़ती कीमत देख छोटे निवेशक शेयरों की कीमत में और वृद्धि होने की उम्मीद में शेयर खरीदने लगते हैं और ये बड़े निवेशक अब अपने शेयर बेच देते हैं, जिससे शेयरों की कीमतों में फिर से गिरावट आ जाती है और छोटे निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ता है।
#3 अत्यधिक अस्थिरता (Volatility)
पेनी स्टॉक्स अन्य शेयरों की तुलना में अत्यधिक अस्थिर होते हैं और इसका कारण है इनका भारी मात्रा में ट्रेड होना, प्रत्येक निवेशक इनकी सस्ती कीमत के चलते अत्यधिक मात्रा में शेयर खरीदता और बेचता है, जिससे पेनी स्टॉक की कीमत में कभी भी स्थिरता नहीं रहती और ये बेहद वॉलेटाइल होते हैं।
अच्छे पेनी स्टॉक्स कैसे खरीदें?
जैसा कि, हमनें ऊपर बताया अच्छे पेनी स्टॉक छांटना किसी कचरे के ढेर से कोई काम की चीज ढूँढने जैसा है अतः यदि आप गहरी रिसर्च करें तो अच्छे पेनी स्टॉक्स ढूंढ सकते हैं जो भविष्य में आपके लिए मल्टीबैगर साबित हों।
मुनाफा देने वाले पेनी स्टॉक्स छाँटने के लिए आपको कई स्तर पर किसी कंपनी को जाँचना होगा। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को को हमनें नीचे शामिल किया है-
- सबसे पहले जिस सेक्टर या क्षेत्र विशेष में आपकी रुचि है जैसे बैंकिंग, फार्मा, FMCG, IT आदि उससे जुड़े कुछ पेनी स्टॉक्स की एक सूची तैयार करें।
- इसके बाद इनमें से उन पेनी स्टॉक्स की एक लिस्ट बनाएं जिनका प्रबंधन किसी प्रकार की गड़बड़ी में संलग्न नहीं है।
- तीसरे चरण में इन कंपनियों के वित्तीय आंकड़ों जैसे सेल्स, रिजर्व, कंपनी पर कर्ज इत्यादि को देखें और इन्हें इनके मार्केट कैप के अनुसार सूचीबद्ध करें
- अगले चरण में प्रत्येक कंपनी के प्रबंधन के बारे में रिसर्च करें और बढ़ते मार्केट कैप, महत्वाकांक्षी और प्रोग्रेसिव प्रबंधन के अनुसार स्टॉक्स को सूचीबद्ध करें
- अब आप इन कंपनियों में से सबसे शीर्ष कुछ कंपनियों में निवेश कर सकते हैं
ध्यान रहे यहाँ बताए गए रिसर्च मापदंड अंतिम नहीं हैं अतः किसी कंपनी को ऊपर बताए गए स्तर पर परखने के बाद भी उसमें जोखिम होने की संभावना बनी रहती है अतः निवेश करने से पूर्व किसी वित्तीय सलाहकार की राय लेना आवश्यक है।
पेनी स्टॉक्स में निवेश के नुकसान और फायदे
पेनी स्टॉक्स को खरीदने के नुकसान की हमनें ऊपर चर्चा करी वहीं इनमें निवेश करने के फायदे की बात करें तो वह है अधिक मुनाफा, चूँकि ब्लूचिप कंपनियां आर्थिक रूप से स्थिर और परिपक्व हो चुकी कंपनियां होती हैं अतः इनमें ग्रोथ की दर बहुत धीमी होती है।
इसके विपरीत छोटी कंपनियां अपनी ग्रोथ के शुरुआती चरण में होती हैं, इनके अभी कई गुना तक ग्रो करने की संभावना होती है और यदि सही पेनी स्टॉक्स में निवेश किया जाए तो यह निवेशक को करोड़पति तक बना देता है।
उदाहरण के तौर पर शुक्रा फार्मास्युटिकल्स जिसके शेयर की कीमत 2 साल पहले 3 रुपये के करीब थी आज 123 रुपये की कीमत पर ट्रेड कर रहा है। इसके अलावा बजाज फाइनेंस के एक शेयर की कीमत साल 2002 में 5 रुपये के करीब थी जो आज लगभग 7114 रुपये है।