Tuesday, February 11, 2025

शेयर मार्केट क्या है और शेयर मार्केट कैसे सीखें?

शेयर मार्केट एक ऐसा मंच है जहां कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। यह निवेशकों को कंपनियों में हिस्सेदारी लेकर मुनाफा कमाने का मौका देता है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, लेकिन सही रणनीति से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

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शेयर मार्केट वर्तमान में निवेश करने का सबसे पसंदीदा विकल्प बनता जा रहा है, कोई भी व्यक्ति अपने स्मार्टफोन की सहायता से देश व दुनियाँ की किसी भी कंपनी में निवेश कर सकता है।

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चूँकि शेयर बाजार में किये गए निवेश के साथ लाभ एवं जोखिम दोनों जुड़े होते हैं अतः किसी भी निवेशक के लिए शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता है इसे जानना बेहद जरूरी हो जाता है।

इसी को देखते हुए इस लेख के माध्यम से हम चर्चा करने जा रहे हैं शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट की, लेख में आगे आसान शब्दों में समझेंगे शेयर मार्केट क्या है, शेयर मार्केट कैसे काम करता है, शेयर मार्केट कैसे सीखा जा सकता है तथा शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाते हैं

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट, शेयर तथा मार्केट दो शब्दों से मिलकर बना है। शेयर का अर्थ किसी कंपनी की एक इकाई या उसके एक हिस्से से है, जबकि मार्केट से आप भली भांति परिचित हैं अतः शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयर या उनकी हिस्सेदारी को खरीदा और बेचा जाता है।

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शेयर मार्केट कंपनियों को यह अवसर प्रदान करता है कि, वे आम लोगों को शेयरों की पेशकश करके पूंजी इकट्ठा कर सकें साथ ही यह निवेशकों को भी कंपनी की संपत्ति और कमाई का एक हिस्सेदार बनाता है।

शेयर मार्केट के संबंध में सही जानकारी न होने के कारण कई लोगों को यह गलतफहमी होती है कि यह एक सट्टा बाजार है। हालाँकि इस बात से भी मना नहीं किया जा सकता कि शेयर बाजार में किये गए निवेश में लाभ एवं जोखिम दोनों की संभावनाएं बनी रही हैं, किन्तु शेयर मार्केट को सट्टा बाजार समझना पूर्णतः गलत है।

शेयर मार्केट कैसे काम करता है?

जब कभी किसी कंपनी को अपने बिजनेस को बढ़ाने या उसमें निवेश करने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होती है, तो वह निम्नलिखित तीन तरीकों से रकम जुटा सकती है।

पहले एवं दूसरे विकल्प का नुकसान यह है, कि इन दोनों स्थितियों में कंपनी को बैंक या जनता को ब्याज चुकाना पड़ता है। ऐसे में कंपनी तीसरे विकल्प का प्रयोग कर निवेशकों से पैसे इकट्ठा करती है और बदले में उन्हें कंपनी में हिस्सेदार बनाती है, ये निवेशक संस्थागत अथवा व्यक्तिगत कोई भी हो सकते हैं।

निवेशकों को उनके द्वारा दिये गए पैसे के बदले उस कंपनी के शेयर या कंपनी में हिस्सेदारी दी जाती है और ऐसे निवेशकों को शेयरधारक (Shareholder) कहा जाता है।

जहाँ बैंक से ऋण लेने पर कंपनी को निश्चित दर से ब्याज चुकाना पड़ता है, वहीं शेयरधारकों को कंपनी द्वारा कोई ब्याज नहीं दिया जाता बल्कि शेयरधारक स्वयं उस कंपनी का हिस्सा बन जाते हैं। इस प्रकार शेयर मार्केट उद्योगों को पूँजी जुटाने में मदद करता है और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शेयर मार्केट की शरुआत कब हुई?

हालाँकि एक विनियमित शेयर मार्केट की शुरुआत सत्रहवीं शताब्दी के प्रारंभ में हुई, लेकिन जिस प्रणाली पर शेयर बाज़ार कार्य करता है, उसका इस्तेमाल कई सौ वर्षों पूर्व से होता आ रहा है।

इस दौरान यूरोप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का केंद्र हुआ करता था और व्यापारी लंबी समुद्री यात्रा करके अलग-अलग महाद्वीपों, देशों आदि से व्यापार किया करते थे।

चूँकि इन यात्राओं में अत्यधिक खर्च आता था, जो किसी अकेले व्यापारी के लिए वहन कर पाना संभव नहीं था अतः ऐसे में पूँजीपति लोगों ने यात्रा में आने वाले खर्च या लागत को वहन करने का एक नया तरीका खोजा

कई पूँजीपति लोग मिलकर यात्रा में आने वाले खर्चे को आपस में बाँट लेते थे और व्यापार से होने वाले मुनाफ़े में हिस्सेदार बन जाते थे। धीरे-धीरे यह व्यवस्था विकसित होती गई और घरेलू उद्योगों, कंपनियों में भी पूँजीपति लोगों ने निवेश करना शुरू किया और शेयर बाज़ार की शुरुआत हुई।

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आधुनिक शेयर मार्केट की शुरुआत एम्स्टर्डम स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना के साथ वर्ष 1602 में नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम में हुई। डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निवेशकों से धनराशि इकट्ठा की तथा कंपनी को होने वाले मुनाफे का एक हिस्सा लाभांश के रूप में निवेशकों को वितरित किया।

यूरोप के अतिरिक्त 1700 की शुरुआत में लगभग 24 व्यापारियों के एक समूह ने बटनवुड ट्री समझौता किया। यहाँ स्टॉक और बॉन्ड खरीदने और बेचने के लिए लोग रोजाना इकट्ठा हुआ करते थे। यही बाद में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना गया।

भारत में शेयर मार्केट की शुरुआत कब हुई?

भारत में स्टॉक मार्केट की शुरुआत को देखें तो यहाँ सर्वप्रथम वर्ष 1875 में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से विनियमित स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत की गई। इसे आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के नाम से जाना जाता है, यह भारत समेत सम्पूर्ण एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है।

इसके बाद 1894 में टैक्स्टाइल कंपनियों के शेयरों की खरीद बिक्री के लिए अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज और 1908 में जूट एवं प्लांटेशन कंपनियों के लिए कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत की गई।

देश के सबसे बड़े नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को वर्ष 1992 में शुरू किया गया। वर्तमान में देश में कुल 20 से अधिक स्टॉक एक्सचेंज हैं, जिनमें से दो राष्ट्रीय एवं अन्य क्षेत्रीय हैं।

शेयर मार्केट में शेयर कैसे बेचे जाते हैं?

शेयर मार्केट सामान्यतः दो चरणों मे कार्य करता है, जिन्हें प्राथमिक बाजार एवं द्वितीयक बाजार कहा जाता है। आइये समझते हैं प्राथमिक एवं द्वितीयक बाजार क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं?

प्राथमिक शेयर मार्केट क्या है?

जिस बाजार में एक कंपनी पहली बार अपनी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लेती है उसे प्राथमिक बाजार कहा जाता है और यह प्रक्रिया आईपीओ या इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग कहलाती है। आईपीओ की अवधि निश्चित होती है इस निश्चित अवधि में ही इच्छुक निवेशकों को कंपनी के शेयरों की खरीद के लिए आवेदन करना होता है।

जारी किये जाने वाले शेयरों में प्रत्येक प्रकार के निवेशकों के लिए एक हिस्सा निर्धारित किया जाता है। इनमें संस्थागत निवेशक, रिटेल निवेशक, कंपनी के कर्मचारी, हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल आदि शामिल होते हैं। आईपीओ की अवधि के दौरान कंपनी द्वारा निर्धारित प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर निवेशकों द्वारा बोली लगाई जाती है।

आईपीओ में कंपनी द्वारा शेयरों का एक लॉट अथवा एक संख्या निर्धारित करी जाती है, निवेशक केवल लॉट में ही शेयर खरीदने के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्राथमिक बाजार का अर्थव्यवस्था में बेहद अहम योगदान है, यह अर्थव्यवस्था में पूँजी निर्माण का कार्य करता है।

द्वितीयक शेयर मार्केट क्या है?

आईपीओ के समाप्त हो जाने पर कंपनी प्राप्त बोलियों के अनुसार निवेशकों को शेयरों का आवंटन करती हैं तथा इसके बाद कंपनी विभिन्न स्टॉक एक्सचेंज जैसे एनएसई अथवा बीएसई में सूचीबद्ध हो जाती है। अब प्राथमिक बाज़ार में बेचे गए शेयर द्वितीयक बाज़ार में सभी के लिए ट्रेड किये जाने हेतु उपलब्ध होते हैं।

प्राथमिक बाज़ार के विपरीत यहाँ न ही शेयर खरीदने की कोई निश्चित अवधि होती है तथा न ही शेयरों को एक निश्चित लॉट में खरीदने की बाध्यता, निवेशक कम से कम 1 शेयर खरीद सकता है।

द्वितीयक बाजार में कंपनी की कोई भूमिका नहीं होती, जहाँ प्राथमिक बाजार से अर्थव्यवस्था में पूँजी का निर्माण होता है वहीं द्वितीयक बाजार या स्टॉक मार्केट में केवल शेयरों की खरीद-बिक्री या ट्रेडिंग होती है यहाँ से अर्थव्यवस्था में पूँजी का निर्माण नहीं किया जाता।

किसी कंपनी के शेयर कैसे खरीदें?

जिस प्रकार हमें मुद्रा का लेन-देन करने के लिए बैंक खाते की आवश्यकता होती है उसी प्रकार किसी कंपनी के शेयर खरीदने अथवा उन्हें बेचने के लिए भी एक खाते की आवश्यकता होती है, जिसे डीमैट खाता कहा जाता है। डीमैट खाते में ही आपके द्वारा खरीदे गए शेयर जमा किये जाते हैं।

डीमैट खाता कैसे खोलें?

वर्तमान में डीमैट खाता खोलना एक ई-मेल अकाउंट बनाने जितना आसान है, कई वित्तीय संस्थाओं समेत लगभग सभी बड़े बैंक डीमैट खाते की सुविधा उपलब्ध करवाते हैं। भारत में डीमैट खातों की सेवा देने वाली कंपनियों में ज़ेरोधा सिक्योरिटीज शीर्ष पर है, इसके प्रबंधन एवं अन्य शुल्क दूसरी कंपनियों की तुलना में बहुत कम हैं।

डीमैट खाता खोलने के पश्चात आपको ब्रोकरेज फर्म द्वारा एक लॉगिन आइडी और पासवर्ड प्रदान किया जाता है और आप अपने ब्रोकरेज फर्म की वेबसाइट या एप में लॉगिन करके मनचाहे स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं।

शेयर बाज़ार से पैसे कैसे कमाते हैं?

शेयर मार्केट से आप दो तरीकों से पैसा कमा सकते हैं। इनमें पहला तरीका है किसी कंपनी के शेयरों को कम कीमत में खरीद कर उन्हें ऊँचे दाम में बेचना, इसमें निवेशक प्रति शेयर खरीद और बिक्री के बीच के अंतर जितना लाभ कमाते हैं। दूसरा तरीका डिविडेंड या लाभांश है, हालांकि यह सभी कंपनियों की स्थिति में लागू नहीं होता।

जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी में हिस्सेदार बन जाते हैं और कंपनी को होने वाले प्रॉफ़िट में आपकी हिस्सेदारी भी होती है। हर साल कंपनी अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा प्रत्येक शेयर धारक को बाँटती है, जिसे डिविडेन्ड या लाभांश कहा जाता है।

शेयरों की कीमत कैसे बढ़ती या कम होती है?

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के सिद्धांत पर कार्य करता है। सरल शब्दों में बात करें, तो जिस कंपनी के शेयरों की माँग जितनी अधिक होगी उसका मूल्य उतना ही अधिक होगा। इसी प्रकार जिस कंपनी के शेयरों की माँग कम होगी उसका मूल्य भी कम होगा।

किसी कंपनी के शेयरों की माँग कब बढ़ जाए एवं कब किसी कंपनी के शेयरों की माँग में गिरावट आ जाए यह कई अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है।

जैसे कंपनी के अच्छे या खराब परिणाम, कंपनी द्वारा लिया गया कोई सकारात्मक या नकारात्मक निर्णय, कंपनी के बोर्ड के सदस्यों का कंपनी के विकास को लेकर नीति निर्माण, सरकार द्वारा लिए गए कोई फैसले आदि।

शेयर मार्केट कैसे सीखें?

यदि आप एक कामयाब निवेशक बनने के लिए शेयर मार्केट को और बेहतर तरीके से समझना चाहते हैं, तो यहाँ बताई गई कुछ बातें आपके बेहद काम आ सकती है। हालांकि शेयर मार्केट में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है, लेकिन मार्केट के बारे में एक अच्छा अध्ययन आपके जोखिम को बहुत हद तक कम कर सकता है।

शेयर मार्केट को सीखने और बारीकी से समझने के लिए अर्थव्यवस्था तथा बाजार की गतिशीलता को समझना आवश्यक है। नीचे हमनें शेयर मार्केट को सीखने के संबंध में कुछ मुख्य बातों को शामिल किया है, जिनका पालन कर आप शेयर मार्केट में एक बेहतरीन शुरुआत कर सकते हैं।

#1 शेयर बाजार को समझें

एक सफल निवेशक बनने की राह में सबसे जरूरी है कि, आपके पास शेयर मार्केट से जुड़ी बुनियादी बातों जैसे शेयर मार्केट क्या है, यह कैसे काम करता है, शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं, किसी कंपनी के शेयरों की कीमतों में कैसे उतार या चढ़ाव आता है आदि का ज्ञान हो।

#2 निवेश की रणनीति बनायें

शेयर मार्केट को समझने के बाद आपके लिए यह तय करना जरूरी है कि शेयर मार्केट में आपके निवेश की रणनीति क्या होगी, शेयर बाजार में निवेश की कई अलग-अलग रणनीति हो सकती हैं।

इनमें कम अवधि में पैसा कमाने के लिए ट्रेडिंग, अधिक रिटर्न पाने के लिए ग्रोथ इन्वेस्टिंग, सुरक्षित निवेश के लिए वैल्यू इन्वेस्टिंग, निवेश के साथ-साथ एक निश्चित आय पाने के लिए डिविडेंड इन्वेस्टिंग आदि शामिल हैं।

#3 बाजार से जुड़ी खबरों को फॉलो करें

शेयर मार्केट को सीखने के लिए जितना जरूरी इसका बेसिक ज्ञान है, आर्थिक एवं अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाली खबरों पर नजर रखना भी उतना ही जरूरी है।

कॉर्पोरेट जगत एवं देश-दुनियाँ की सरकारों के फैसले शेयर बाजार को प्रभावित करते हैं अतः वित्तीय खबरों, बाज़ार के रुझान और विशेषज्ञ विश्लेषणों से हमेशा अपडेट रहें ताकि आप शेयर मार्केट में सही समय में सही निर्णय ले सकें।

#4 अनुभवी लोगों से सीखें

शेयर मार्केट में कामयाब निवेशक बनना वर्षों के अनुभव से ही संभव हो पता है, इसलिए शेयर बाजार की अपनी यात्रा में ऐसे लोगों से हमेशा सलाह लें जो इस क्षेत्र में अच्छा अनुभव रखते हो। इसके लिए आप अपने परिचितों से सहायता ले सकते हैं साथ ही अनुभवी निवेशकों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ सकते हैं।

#5 जोखिम को समझें

शेयर मार्केट में लाभ एवं जोखिम दोनों शामिल हैं लिहाजा एक अच्छे अनुभव के बाद भी यहाँ नुकसान होने की संभावना बनी ही रहती है। अतः निवेश करने से पहले इससे जुड़े जोखिम को समझना जरूरी है। एक शुरुआती निवेशक को केवल उतनी ही धनराशि निवेश करनी चाहिए जितना जोखिम उठाने में वह सक्षम है।

शेयर मार्केट का नियामक कौन है?

शेयर मार्केट का किसी देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान होता है, किसी देश की अर्थव्यवस्था के आकार का अंदाजा इसकी सहायता से लगाया जा सकता है। ऐसे में शेयर मार्केट में किसी संस्था का नियामक की भूमिका में होना बेहद जरूरी हो जाता है और भारत में इस उद्देश्य के लिए सेबी की स्थापना की गई है।

सेबी की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992 के प्रावधानों के अनुसार अप्रैल 1992 में हुई। इसका मुख्य कार्य भारतीय शेयर बाजार को नियंत्रित और विनियमित करना है, जिससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा हो और बाजार में पारदर्शिता बनी रहे। यह शेयर बाजार में धोखाधड़ी रोकने, कंपनियों और ब्रोकरों पर निगरानी रखने तथा उचित नियमों का पालन सुनिश्चित करने का कार्य करता है।

शेयर बाजार से जुड़े FAQs

यहाँ शेयर मार्केट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयरों को खरीदा और बेचा जाता है। गौरतलब है कि, शेयर किसी कंपनी की एक इकाई या उसके एक हिस्से को प्रदर्शित करता है।

शेयर बाजार में निवेश कैसे करें?

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है, जो किसी ब्रोकरेज फर्म या कमर्शियल बैंक के माध्यम से खोला जाता है।

किसी शेयर के दाम कैसे तय होते हैं?

शेयर के दाम मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होते हैं। यदि किसी शेयर की मांग अधिक होती है, तो उसका दाम बढ़ता है और यदि मांग की तुलना में आपूर्ति अधिक होती है, तो दाम गिरता है।

शेयर मार्केट में कितना रिस्क है?

शेयर मार्केट में जोखिम बाजार के उतार-चढ़ाव, घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक हालात और कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। हालांकि सही रिसर्च और दीर्घकालिक निवेश से जोखिम को कम किया जा सकता है।

शेयर मार्केट कैसे सीखें?

शेयर बाजार में निवेश करने की एक बेहतर रणनीति के लिए आप हमारे एक अन्य लेख "शेयर बाजार में निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें" को पढ़ सकते हैं।

शेयर मार्केट में पैसे निवेश करने का क्या फायदा है?

शेयर मार्केट में पैसे निवेश करने से किसी देश की अर्थव्यवस्था तथा निवेशक दोनों को फायदा मिलता है। निवेशकों के पैसे से कंपनियां अपना बिजनेस बढ़ाती हैं जिससे देश में रोजगार बढ़ता है और अंततः देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, इसके साथ ही निवेशकों को भी उनके निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलता है।

शेयर मार्केट को सीखने के लिए किन किताबों को पढ़ें?

यदि आप शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है इस बारे में बहुत बारीकी के साथ अध्ययन करना चाहते हैं, तो नीचे बताई गई इन किताबों को पढ़ सकते हैं।

  • "द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर" बाय बेन्जामिन ग्राहम
  • "रिच डैड पुअर डैड" बाय रॉबर्ट कियोसाकी
  • "थिंक एंड ग्रो रिच" बाय नेपोलियन हिल
  • "द सायकोलॉजी ऑफ मनी" बाय मॉर्गन हाउसल

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