Share Market Kya Hai: शेयर मार्केट क्या है तथा शेयर मार्केट कैसे सीखें?

शेयर मार्केट (Share Market) वर्तमान में निवेश करने का सबसे पसंदीदा विकल्प बनता जा रहा है, कोई भी व्यक्ति अपने स्मार्टफोन की सहायता से देश व दुनियाँ की किसी भी कंपनी में निवेश कर सकता है।

चूँकि शेयर बाजार में किये गए निवेश के साथ लाभ एवं जोखिम दोनों जुड़े होते हैं अतः किसी भी निवेशक के लिए शेयर मार्केट क्या है (Share Market Kya Hai) और कैसे काम करता है यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है।

इसी को देखते हुए इस लेख के माध्यम से हम चर्चा करने जा रहे हैं शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट की, लेख में आगे आसान शब्दों में समझेंगे शेयर मार्केट क्या है, शेयर मार्केट कैसे काम करता है, शेयर मार्केट कैसे सीखा जा सकता है तथा शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाते हैं

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट, शेयर तथा मार्केट दो शब्दों से मिलकर बना है शेयर का अर्थ किसी कंपनी की एक इकाई या उसके एक हिस्से से है, जबकि मार्केट से आप भली भांति परिचित हैं अतः शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयर या उनकी हिस्सेदारी को खरीदा और बेचा जाता है।

शेयर मार्केट कंपनियों को यह अवसर प्रदान करता है कि वे आम लोगों को शेयरों की पेशकश करके पूंजी इकट्ठा कर सकें साथ ही यह निवेशकों को भी कंपनी की संपत्ति और कमाई का एक हिस्सेदार बनाता है।

शेयर मार्केट के संबंध में सही जानकारी न होने के कारण कई लोगों को यह गलतफहमी होती है कि यह एक सट्टा बाजार है। हालाँकि इस बात से भी मना नहीं किया जा सकता कि शेयर बाजार में किये गए निवेश में लाभ एवं हानि दोनों की संभावनाएं बनी रही हैं किन्तु शेयर मार्केट को सट्टा बाजार समझना पूर्णतः गलत है।

शेयर मार्केट कैसे काम करता है?

शेयर मार्केट क्या है यह जानने के बाद आइए अब समझते हैं शेयर मार्केट काम कैसे करता है? जब कभी किसी कंपनी को अपने बिजनेस को बढ़ाने या उसमें निवेश करने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होती है तो कंपनी निम्नलिखित तीन तरीकों से रकम जुटा सकती है।

पहले एवं दूसरे विकल्प का नुकसान यह है, कि दोनों विकल्पों में कंपनी को बैंक अथवा जनता को ब्याज चुकाना पड़ता है। ऐसे में कंपनी तीसरे विकल्प का प्रयोग कर निवेशकों से पैसे इकट्ठा करती है और बदले में उन्हें कंपनी में हिस्सेदार बनाती है, ये निवेशक संस्थागत अथवा व्यक्तिगत कोई भी हो सकते हैं।

निवेशकों को उनके द्वारा दिये गए पैसे के बदले उस कंपनी के शेयर या कंपनी में हिस्सेदारी दी जाती है और ऐसे निवेशकों को शेयरधारक (Shareholder) कहा जाता है।

जहाँ बैंक से ऋण लेने पर कंपनी को निश्चित दर से ब्याज चुकाना पड़ता है, वहीं शेयरधारकों को कंपनी द्वारा कोई ब्याज नहीं दिया जाता बल्कि शेयरधारक स्वयं उस कंपनी का हिस्सा बन जाते हैं। इस प्रकार शेयर मार्केट उद्योगों को पूँजी जुटाने में मदद करता है और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शेयर मार्केट की शरुआत कब हुई?

हालाँकि एक विनियमित शेयर मार्केट की शुरुआत सत्रहवीं शताब्दी के शुरुआत में हुई, किन्तु जिस प्रणाली पर शेयर बाज़ार कार्य करता है, उसका इस्तेमाल Share Market के शुरू होने से भी कई सौ वर्ष पूर्व से चला आ रहा था, उस दौरान यूरोप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का केंद्र हुआ करता था।

व्यापारी लंबी समुद्री यात्रा करके अलग-अलग महाद्वीपों, देशों आदि से व्यापार करते थे। चूँकि इन यात्राओं में अत्यधिक खर्च आता था, जो किसी अकेले व्यापारी के लिए वहन कर पाना संभव नहीं था अतः ऐसे में पूँजीपति लोगों ने यात्रा में आने वाले खर्च या लागत को वहन करने का एक नया तरीका खोजा

कई पूँजीपति लोग मिलकर यात्रा में आने वाले खर्चे को आपस में बाँट लेते थे और व्यापार से होने वाले मुनाफ़े में हिस्सेदार बन जाते थे। धीरे-धीरे यह व्यवस्था विकसित होती गई और घरेलू उद्योगों, कंपनियों में भी पूँजीपति लोगों ने निवेश करना शुरू किया और शेयर बाज़ार की शुरुआत हुई।

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शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे और कितना टैक्स लगता है?

आधुनिक शेयर मार्केट की शुरुआत एम्स्टर्डम स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना के साथ वर्ष 1602 में नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम में हुई। डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निवेशकों से धनराशि इकट्ठा की तथा कंपनी को होने वाले मुनाफे का एक हिस्सा लाभांश के रूप में निवेशकों को वितरित किया।

यूरोप के अतिरिक्त 1700 की शुरुआत में लगभग 24 व्यापारियों के एक समूह ने बटनवुड ट्री समझौता किया। यहाँ स्टॉक और बॉन्ड खरीदने और बेचने के लिए लोग रोजाना इकट्ठा हुआ करते थे। यही बाद में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना गया।

भारत में शेयर मार्केट की शुरुआत कब हुई?

भारत में Share Market की शुरुआत को देखें तो यहाँ सर्वप्रथम वर्ष 1875 में Native Share and Stock Broker's Association के नाम से विनियमित स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत की गई, जिसे आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के नाम से जाना जाता है, यह भारत समेत सम्पूर्ण एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है।

इसके बाद 1894 में टैक्स्टाइल कंपनियों के शेयरों की खरीद बिक्री के लिए अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज, 1908 में जूट एवं प्लांटेशन कंपनियों के लिए कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत की गई।

देश के सबसे बड़े नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को वर्ष 1992 में शुरू किया गया। वर्तमान में देश में कुल 20 से अधिक स्टॉक एक्सचेंज हैं, जिनमें से दो राष्ट्रीय एवं अन्य क्षेत्रीय हैं।

शेयर मार्केट में शेयर कैसे बेचे जाते हैं?

शेयर मार्केट सामान्यतः दो चरणों मे कार्य करता है, जिन्हें प्राथमिक बाजार एवं द्वितीयक बाजार (Primary & Secondary Market) कहते हैं आइये समझते हैं प्राथमिक एवं द्वितीयक बाजार क्या हैं तथा ये कैसे काम करते हैं?

प्राथमिक शेयर मार्केट क्या है?

जहाँ कोई कंपनी पहली बार अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लेती है उसे प्राथमिक बाजार कहा जाता है और यह प्रक्रिया IPO या इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग कहलाती है। IPO की अवधि निश्चित होती है इस निश्चित अवधि में ही इच्छुक निवेशकों को कंपनी के शेयरों की खरीद के लिए आवेदन करना होता है।

जारी किये जाने वाले शेयरों में प्रत्येक प्रकार के निवेशकों के लिए एक हिस्सा निर्धारित किया जाता है इनमें संस्थागत निवेशक, रिटेल निवेशक, कंपनी के कर्मचारी, हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल आदि शामिल होते हैं। आईपीओ की अवधि के दौरान कंपनी द्वारा निर्धारित प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर निवेशकों द्वारा बोली लगाई जाती है।

आईपीओ में कंपनी द्वारा शेयरों का एक लॉट अथवा एक संख्या निर्धारित करी जाती है, निवेशक केवल लॉट में ही शेयर खरीदने के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्राथमिक बाजार का अर्थव्यवस्था में बेहद अहम योगदान है, यह अर्थव्यवस्था में पूँजी निर्माण का कार्य करता है।

द्वितीयक शेयर मार्केट क्या है?

आईपीओ के समाप्त हो जाने पर कंपनी प्राप्त बोलियों के अनुसार निवेशकों को शेयरों का आवंटन करती हैं तथा इसके बाद कंपनी विभिन्न स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE अथवा BSE में सूचीबद्ध हो जाती है। अब प्राथमिक बाज़ार में बेचे गए शेयर द्वितीयक बाज़ार में सभी के लिए ट्रेड किये जाने हेतु उपलब्ध होते हैं।

प्राथमिक बाज़ार के विपरीत यहाँ न ही शेयर खरीदने की कोई निश्चित अवधि होती है तथा न ही शेयरों को एक निश्चित लॉट में खरीदने की बाध्यता, निवेशक न्यूनतम 1 शेयर भी खरीद सकता है।

द्वितीयक बाजार में कंपनी की कोई भूमिका नहीं होती, जहाँ प्राथमिक बाजार से अर्थव्यवस्था में पूँजी का निर्माण होता है वहीं द्वितीयक बाजार या स्टॉक मार्केट में केवल शेयरों की खरीद-बिक्री या ट्रेडिंग होती है यहाँ से अर्थव्यवस्था में पूँजी का निर्माण नहीं किया जाता।

किसी कंपनी के शेयर कैसे खरीदें?

अब तक आपने जाना शेयर मार्केट क्या है (Share Market Kya Hai) तथा कैसे काम करता है आइये अब समझते हैं कोई व्यक्ति कैसे किसी कंपनी के शेयर खरीद सकता है।

जिस प्रकार हमें मुद्रा का लेन-देन करने के लिए बैंक खाते की आवश्यकता होती है उसी प्रकार किसी कंपनी के शेयर खरीदने अथवा उन्हें बेचने के लिए भी एक खाते की आवश्यकता होती है, जिसे डीमैट खाता कहते हैं, डीमैट खाते में ही आपके द्वारा खरीदे गए शेयर जमा किये जाते हैं।

डीमैट खाता कैसे खोलें?

यहाँ यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है, कि डीमैट खाता कहाँ और किस प्रकार खोला जा सकता है? हालिया समय में सभी सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से हम तक पहुँच रही हैं, जितना आसान इंटरनेट पर एक ई-मेल अकाउंट बनाना है लगभग उतना ही आसान डीमैट खाता खोलना भी है।

वर्तमान में कई वित्तीय संस्थाओं समेत सभी बड़े बैंक डीमैट खाते की सुविधा दे रहे हैं, भारत में डीमैट खातों की सेवा देने वाली कंपनियों में पहले नम्बर की बात करें तो ज़ेरोधा सिक्योरिटीज का नाम आता है, क्योंकि इसके सालाना प्रबंधन शुल्क एवं अन्य शुल्क और कंपनियों की तुलना में बहुत कम हैं।

यहाँ मात्र 300 रुपए में आप डीमैट खाता खोल सकते हैं। डीमैट खाता खोलने के पश्चात आपको एक लॉगिन आइडी और पासवर्ड आपके सेवा प्रदाता द्वारा प्रदान किया जाएगा। अब आप अपने ब्रोकर की वेबसाइट या एप में लॉगिन करके मनचाही कंपनी में निवेश कर सकते हैं।

शेयर बाज़ार से पैसे कैसे कमाते हैं?

यहाँ तक आप शेयर मार्केट तथा इसकी आवश्यकता को समझ चुके हैं, डीमैट खाते तथा शेयर खरीदने के बारे में भी जान चुके हैं। अब बात करते हैं इस लेख के महत्वपूर्ण भाग शेयर बाज़ार से होने वाले मुनाफे की, गौरतलब है कि, शेयर मार्केट से आप दो तरीकों से पैसा कमा सकते हैं।

इनमें पहला तरीका किसी कंपनी के शेयरों को कम कीमत में खरीद कर उन्हें ऊँचे दाम में बेचना है, इसमें निवेशक प्रति शेयर खरीद और बिक्री के बीच के अंतर जितना लाभ कमाते हैं। दूसरा तरीका डिविडेन्ड या लाभांश है, हालांकि यह सभी स्टॉक्स की स्थिति में लागू नहीं होता।

जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी में हिस्सेदार बन जाते हैं और कंपनी को होने वाले प्रॉफ़िट में आपकी हिस्सेदारी भी होती है। हर साल कंपनी अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा प्रत्येक शेयर धारक को बाँटती है जिसे डिविडेन्ड या लाभांश कहा जाता है।

शेयरों की कीमत कैसे बढ़ती या कम होती है?

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के सिद्धांत पर कार्य करता है, सरल शब्दों में बात करें तो जिस कंपनी के शेयरों की माँग जितनी अधिक होगी उसका मूल्य उतना ही अधिक होगा। इसी प्रकार जिस कंपनी के शेयरों की माँग कम होगी उसका मूल्य भी कम होगा।

किसी कंपनी के शेयरों की माँग कब बढ़ जाए एवं कब किसी कंपनी के शेयरों की माँग में गिरावट आ जाए यह कई अलग-अलग कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कंपनी के अच्छे या खराब परिणाम, कंपनी द्वारा लिया गया कोई सकारात्मक या नकारात्मक निर्णय, कंपनी के बोर्ड के सदस्यों का कंपनी के विकास को लेकर नीति निर्माण, सरकार द्वारा लिए गए कोई फैसले आदि।

शेयर मार्केट कैसे सीखें?

यदि आप भी शेयर मार्केट से पैसे कमाना चाहते हैं और सोच रहे हैं कि शेयर मार्केट कैसे सीखें तो यहाँ बताई गई कुछ बातें आपके बेहद काम आ सकती है। गौरतलब है कि शेयर मार्केट में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है किन्तु शेयर मार्केट के बारे में एक अच्छा अध्ययन आपके जोखिम को बहुत हद तक कम कर सकता है।

शेयर मार्केट को सीखने और बारीकी से समझने के लिए अर्थव्यवस्था तथा बाजार की गतिशीलता को समझना आवश्यक है। नीचे हमनें शेयर मार्केट को सीखने के संबंध में कुछ मुख्य बातों को शामिल किया है, जिनका पालन कर आप शेयर मार्केट में एक बेहतरीन शुरुआत कर सकते हैं।

#1 शेयर बाजार को समझें

शेयर बाजार को सीखने के लिए सबसे पहले आपके लिए जरूरी है कि आप शेयर मार्केट के बारे में अच्छे से जान लें जैसे शेयर मार्केट क्या है, यह कैसे काम करता है, शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं, किसी कंपनी के शेयरों की कीमतों में कैसे उतार या चढ़ाव आता है आदि।

#2 निवेश की रणनीति बनायें

शेयर मार्केट को समझने के बाद आपके लिए यह तय करना जरूरी है कि शेयर मार्केट में आपके निवेश की रणनीति क्या होगी, शेयर बाजार में निवेश की कई अलग-अलग रणनीति हो सकती हैं।

इनमें कम अवधि में पैसा कमाने के लिए ट्रेडिंग, अधिक रिटर्न पाने के लिए ग्रोथ इन्वेस्टिंग, सुरक्षित निवेश के लिए वैल्यू इन्वेस्टिंग, निवेश के साथ-साथ एक निश्चित आय पाने के लिए डिविडेंड इन्वेस्टिंग आदि शामिल हैं।

#3 बाजार से जुड़ी खबरों को फॉलो करें

शेयर मार्केट को सीखने के लिए जितना जरूरी इसका बेसिक ज्ञान है, आर्थिक एवं अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाली खबरों पर नजर रखना भी उतना ही जरूरी है।

कॉर्पोरेट जगत एवं देश-दुनियाँ की सरकारों के फैसले शेयर बाजार को प्रभावित करते हैं अतः वित्तीय खबरों, बाज़ार के रुझान और विशेषज्ञ विश्लेषणों से हमेशा अपडेट रहें ताकि आप शेयर मार्केट में सही समय में सही निर्णय ले सकें।

#4 अनुभवी लोगों से सीखें

शेयर मार्केट में कामयाब निवेशक बनना वर्षों के अनुभव से ही संभव हो पता है अतः शेयर बाजार की अपनी यात्रा में ऐसे लोगों से हमेशा सलाह लें जो इस क्षेत्र में अच्छा अनुभव रखते हो। इसके लिए आप अपने परिचितों से सहायता ले सकते हैं साथ ही अनुभवी निवेशकों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ सकते हैं।

#5 जोखिम को समझें

शेयर मार्केट में लाभ एवं जोखिम दोनों शामिल हैं अतः एक अच्छे अनुभव के बाद भी यहाँ नुकसान होने की संभावना हमेशा बनी ही रहती है इसलिए शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इससे जुड़े जोखिम को समझना बेहद आवश्यक है।

एक शुरुआती निवेशक को शेयर बाजार में केवल उतनी ही धनराशि निवेश करी जानी चाहिए जितना जोखिम उठाने के लिए वह तैयार है।

शेयर मार्केट का नियामक कौन है?

चूँकि शेयर मार्केट का किसी देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान होता है, यहाँ तक की किसी देश के शेयर बाज़ार (Share Market) से उस देश की अर्थव्यवस्था के आकार का अंदाजा लगाया जा सकता है अतः इस स्थिति में शेयर मार्केट में किसी संस्था का नियामक की भूमिका में होना अहम हो जाता है। भारत में इस कार्य के उद्देश्य के लिए स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की स्थापना की गई है।

सेबी की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल 1992 को की गई। इसका कार्य निवेशकों के हितों का ध्यान रखते हुए शेयर मार्केट की सभी गतिविधियों में नियामक की भूमिका में कार्य करना है।

शेयर बाजार से जुड़े FAQs

लेख में ऊपर हम शेयर मार्केट से जुड़े सभी अहम मुद्दों को विस्तार से बता चुके हैं आइए अब शेयर मार्केट से जुड़े महत्वपूर्ण FAQs का उत्तर देने की कोशिश करते हैं।

शेयर मार्केट क्या है?

मार्केट अर्थात ऐसा स्थान जहाँ किसी उत्पाद की खरीद-बिक्री करी जाती हो और जब बात शेयर मार्केट की हो तो यह ऐसी जगह है जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयरों को बेचा या खरीदा जाता है। किसी कंपनी के शेयर उस कंपनी के छोटे से हिस्से को प्रदर्शित करते हैं।

शेयर बाजार में पैसे कैसे लगायें?

यदि आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं या किसी कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा, जिसे आप ऑनलाइन या ऑफ़लाइन किसी भी तरीके से खोल सकते हैं।

शेयर मार्केट से कितना मुनाफा होता है?

शेयर बाजार से होने वाले मुनाफे की कोई सीमा नहीं हैं यहाँ आप लाखों करोड़ों तक कमा सकते हैं, शेयर मार्केट से होने वाली कमाई केवल इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस कंपनी में निवेश किया है।

शेयर मार्केट में कितना रिस्क है?

जहाँ शेयर मार्केट से आप असीमत लाभ ले सकते हैं साथ ही यहाँ किये गए निवेश पर जोखिम भी उतना ही होता है। शेयर बाजार में गलत निवेश से जहाँ आप निवेश की गई अपनी पूरी पूंजी को गंवा सकते हैं वहीं कुछ स्थितियों में आप कर्ज में भी डूब सकते हैं।

शेयर मार्केट कैसे सीखें?

शेयर बाजार में निवेश करने की एक बेहतर रणनीति के लिए आप हमारे एक अन्य लेख "शेयर बाजार में निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें" को पढ़ सकते हैं।

शेयर मार्केट में पैसे निवेश करने का क्या फायदा है?

शेयर मार्केट में पैसे निवेश करने से किसी देश की अर्थव्यवस्था तथा निवेशक दोनों को फायदा मिलता है। निवेशकों के पैसे से कंपनियां अपना बिजनेस बढ़ाती हैं जिससे देश में रोजगार, निर्यात आदि बढ़ता है और अंततः देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है इसके साथ ही निवेशकों को भी उनके निवेश पर अच्छा रिटर्न मिलता है।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है?

शेयर मार्केट तथा स्टॉक मार्केट दोनों एक ही बाजार को प्रदर्शित करते हैं। किसी कंपनी के शेयर या किसी कंपनी के स्टॉक दोनों का मतलब कंपनी के हिस्से से है।

शेयर मार्केट को सीखने के लिए किन किताबों को पढ़ें?

यदि आप शेयर बाजार क्या है और कैसे काम करता है इस बारे में बहुत बारीकी के साथ अध्ययन करना चाहते हैं साथ ही एक सफल निवेशक बनना चाहते हैं तो नीचे बताई गई किताबों को पढ़ सकते हैं।

  • The Intelligent Investor by Benjamin Graham
  • Rich Dad Poor Dad by Robert Kiyosaki
  • Think and Grow Rich by Napoleon Hill
  • The Psychology of Money by Morgan Housel
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