एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) क्या होती है और क्यों करी जाती है?

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एनुअल जनरल मीटिंग क्या है?

वार्षिक आम बैठक (Annual General Meeting) या AGM किसी कंपनी के शेयरधारकों की सालाना होने वाली एक बैठक है। इस बैठक में कंपनी के डायरेक्टर, शेयरधारकों के समक्ष एक वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हैं, जिसमें कंपनी के प्रदर्शन तथा आने वाले समय में कंपनी की विभिन्न रणनीतियों के बारे में जानकारी होती है।

एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में कंपनी के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े लोग जैसे प्रबंध निदेशक, मुख्य वित्तीय अधिकारी आदि शेयरधारकों द्वारा कंपनी के प्रबंधन, नेतृत्व, बिजनेस स्ट्रेटजी आदि के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी देते हैं।

इसके अलावा बैठक में ऐसे शेयरधारक जिनके पास मतदान करने का अधिकार है, अपने मत का प्रयोग भी करते हैं। बैठक में कंपनी से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों जैसे वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट की स्वीकृति, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का चुनाव, डिविडेन्ड का भुगतान, ऑडिटर की नियुक्ति इत्यादि पर मतदान (Voting) किया जाता है।

वार्षिक आम बैठक (एजीएम) करना क्यों जरूरी है?

सभी कंपनियों के लिए चाहे वह प्राइवेट हों अथवा पब्लिक वार्षिक आम बैठक (AGM) का आयोजन करना अनिवार्य है, बैठक से जुड़े नियम प्रत्येक देश के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। एजीएम की कानूनी बाध्यता के अलावा भी यह बैठक कंपनी के शेयरधारकों, सदस्यों, प्रबंधन तथा कई स्थितियों में इसके ग्राहकों के लिए भी काम की होती है।

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इस वार्षिक बैठक के माध्यम से कंपनी के छोटे-बड़े सभी शेयरधारक कंपनी के शीर्ष नेतृत्व या मैनेजमेंट से रू-ब-रू हो पाते हैं, कंपनी के प्रदर्शन तथा भविष्य की योजनाओं के बारे में जान पाते हैं तथा उन्हें कंपनी की कार्यप्रणाली से जुड़े सवालों के जवाब पाने का अवसर भी मिलता है।

Annual General Meeting
© Kasto via Canva.com

सामान्य शब्दों में यह बैठक कंपनी तथा इसके शेयरधारकों के बीच पारदर्शिता सुनिश्चित करने का काम करती है और इससे कंपनी के संचालन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो पाती है। इसके अलावा AGM के माध्यम से कंपनी के कई अन्य कार्य भी पूरे किये जाते हैं, जिन्हें बैठक के एजेंडों के तौर पर आगे बताया गया है।

वार्षिक आम बैठक और कंपनी अधिनियम, 2013

भारत में सभी कंपनियाँ कम्पनी अधिनियम, 2013 से विनियमित होती हैं और इस कानून के तहत वन पर्सन कंपनी को छोड़कर अन्य सभी पब्लिक अथवा प्राइवेट कंपनियों के लिए साल में एक आम बैठक (Annual General Meeting) करना अनिवार्य है। गौरतलब है कि एजीएम का आयोजन करने के लिए कंपनी का सक्रिय रूप से कारोबार करना जरूरी नहीं है

उदाहरण के लिए यदि किसी वर्ष कंपनी निष्क्रिय रहती है या कोई व्यवसाय नहीं करती है तो उस स्थिति में भी उसे वार्षिक आम बैठक का आयोजन अनिवार्य रूप से करना होता है। कानून के अनुसार कंपनियों को प्रत्येक वित्त वर्ष की समाप्ति से छह महीनों के भीतर यानी 30 सितंबर तक अपनी एनुअल जनरल मीटिंग का आयोजन करना होता है।

किसी भी स्थिति में दो वार्षिक बैठकों के बीच का समयांतराल पंद्रह महीनों से अधिक नहीं होना चाहिए। हालांकि पहली AGM को कंपनी के निगमन (Incorporation) के 18 महीनों के भीतर आयोजित किया जा सकता है।

वार्षिक आम बैठक (एजीएम) आयोजित करने के नियम

कम्पनी अधिनियम, 2013 में ही एजीएम के संबंध में अन्य सभी नियमों का भी उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार कंपनी द्वारा अपने सदस्यों, शेयरधारकों तथा अन्य संबंधित व्यक्तियों को कम से कम 21 दिन पूर्व नोटिस भेजकर आगामी एनुअल जनरल मीटिंग की सूचना देनी चाहिए।

इस नोटिस में बैठक का स्थान, तिथि, दिन, बैठक के समय तथा इसके एजेंडे का उल्लेख किया जाता है। कानूनी रूप से AGM की सूचना कंपनी के सदस्यों (शेयरधारकों सहित), मृतक सदस्यों के कानूनी प्रतिनिधि, दिवालिया सदस्यों के नामित व्यक्ति, कंपनी के सभी निदेशक तथा सभी वैधानिक ऑडिटर्स को अनिवार्य रूप से भेजी जाती है।

वार्षिक आम बैठक का नोटिस डाक द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम जैसे ई-मेल के जरिए भेजा जा सकता है। गौरतलब है कि यदि बैठक में मतदान करने के लिए पात्र कम से कम 95% सदस्य कम समय के नोटिस पर सहमत हो जाएं तो वार्षिक आम बैठक 21 दिनों से कम समय के नोटिस पर भी बुलाई जा सकती है।

वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के लिए कोरम

कंपनी अधिनियम में एजीएम के लिए कोरम अथवा न्यूनतम सदस्यों की संख्या का निर्धारण भी किया गए है, अर्थात बैठक को कानूनी रूप से मान्य घोषित करने के लिए कोरम का पूरा होना अनिवार्य होता है। किसी निजी कंपनी (Private Company) के मामले में कम से कम दो सदस्यों का बैठक में होना अनिवार्य है।

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इसके अलावा सार्वजनिक कंपनी (Private Company) की बात करें तो इसका कोरम कंपनी के सदस्यों की संख्या पर निर्भर करता है। यदि सदस्यों की संख्या 1000 तक है तो 5 सदस्य, 1000 से 5000 के बीच है, तो 15 सदस्य तथा 5000 से अधिक सदस्य हैं तो 30 सदस्यों का बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य है।

वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के प्रमुख एजेंडे

एजीएम से पहले इसका एजेंडा (Agenda) तैयार किया जाता है। एजेंडा बैठक के दौरान किये जाने वाले कार्यों या ऐसे विषयों की सूची होती है, जिनके बारे में बैठक में चर्चा करी जानी है। वार्षिक आम बैठक में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा करी जाती है या निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं

  • पिछली वार्षिक आम बैठक के कार्यवृत्त (Minutes) को स्वीकृति
  • शेयरधारकों की स्वीकृति के लिए वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट प्रस्तुत करना
  • लाभांश (Dividends) की घोषणा करना
  • कंपनी के निदेशक मंडल (Boards of Directors) का चुनाव
  • यदि आवश्यक हो तो संगठन के संविधान को संशोधित करने का प्रस्ताव
  • ऑडिटर्स की नियुक्ति तथा उनके वेतन का निर्धारण
  • कंपनी का कोई अन्य मामला जिसके लिए मतदान की आवश्यकता होती है
ध्यान दें

किसी बैठक का कार्यवृत्त अथवा मिनट्स ऑफ मीटिंग एक आधिकारिक दस्तावेज होता है, जिसमें उस बैठक के दौरान की गई चर्चाओं, लिए गए निर्णयों और प्रस्तावित कार्यवाहियों का विस्तृत विवरण दर्ज किया जाता है। सामान्यतः इसे कंपनी के सचिव द्वारा तैयार किया जाता है।

कंपनी के सामान्य कार्यों से जुड़े प्रस्ताव जैसे निदेशकों की नियुक्ति, वित्तीय विवरणों की स्वीकृति, डिविडेंड वितरण इत्यादि सामान्य बहुमत द्वारा पारित किये जाते हैं। वहीं कुछ विशेष कार्यों जैसे कंपनी के संविधान में बदलाव आदि से जुड़े प्रस्ताव को पारित करने के लिए तीन चौथाई के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।

एजीएम की रिपोर्टिंग

प्रत्येक कंपनी खासकर पब्लिक कंपनी को कानून में निर्धारित फॉर्मेट के अनुसार वार्षिक आम बैठक पर एक रिपोर्ट तैयार करनी होती है। इसमें बैठक में पारित प्रस्तावों तथा व्याख्यात्मक विवरणों की जानकारी होती है, जिसे एजीएम के सम्पन्न हो जाने के 30 दिनों की अवधि के भीतर कंपनी रजिस्ट्रार के ऑफिस में दाखिल किया जाता है।

वार्षिक आम बैठक आयोजित न करने के परिणाम

प्रत्येक कंपनी को वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का आयोजन वर्ष में एक बार अनिवार्य रूप से करना होता है, किन्तु कोरम का अभाव, वित्तीय विवरण को अंतिम रूप देने में विलंब, विलय और अधिग्रहण जैसी कुछ विशेष परिस्थितियों में इस अवधि को कंपनी रजिस्ट्रार (ROC) के द्वारा अधिकतम तीन महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

समय विस्तार के लिए कंपनी को एक फॉर्म जीएनएल-1 रजिस्ट्रार के ऑफिस में दाखिल करना होता है, जिसमें रजिस्ट्रार को विस्तार के कारण से अवगत कराना होता है। इस प्रकार किन्हीं दो वार्षिक आम बैठकों के बीच किसी भी स्थिति में पंद्रह महीनों से अधिक का समय नहीं होना चाहिए।

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यदि कोई कंपनी अधिकतम पंद्रह महीनों के भीतर भी AGM का आयोजन करने में विफल रहती है, तो कंपनी का कोई भी सदस्य / शेयरधारक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में याचिका दायर कर सकते हैं।

इस स्थिति में ट्रिब्यूनल अपने निर्देशों के अनुसार वार्षिक आम बैठक आयोजित करने का आदेश दे सकता है। यदि इस दौरान भी कंपनी द्वारा बैठक का आयोजन नहीं किया जाता है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर एक लाख तक का जुर्माना तथा बैठक न होने तक कंपनी पर प्रति दिन 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सार-संक्षेप

एनुअल जनरल मीटिंग किसी कंपनी द्वारा साल में आयोजित करी जाने वाली एक बैठक है, जिसमें मुख्य रूप से कंपनी के निदेशक तथा शेयरधारक शामिल होते हैं। इस बैठक का उद्देश्य कंपनी के प्रदर्शन, वित्तीय स्थिति तथा भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करना तथा वोटिंग के जरिए कंपनी के महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करना होता है।

इसके साथ ही यह बैठक कंपनी के प्रबंधन की पारदर्शिता एवं जवाबदेही को सुनिश्चित करती है तथा कंपनी के निवेशकों को इसके प्रदर्शन, स्वास्थ्य तथा शॉर्ट एवं लॉन्ग टर्म रणनीतियों के बारे में जानकारी मिलती है।