फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर है। बाजार नियामक सेबी ने 13 नवंबर को एक सर्कुलर के माध्यम से F&O सेगमेंट में 45 नए स्टॉक्स को शामिल करने का ऐलान किया था और शुक्रवार 29 नवंबर से इन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में शामिल कर लिया गया है। इस फैसले के बाद अब इन स्टॉक्स को कैश के साथ-साथ F&O सेगमेंट में भी ट्रेड किया जा सकेगा।
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में ब्रोकरेज फर्म की तरफ से मिलने वाले लेवरेज के कारण कम पैसों के बावजूद भी बड़े ट्रेड एग्जीक्यूट किये जा सकते हैं। इस सुविधा के चलते यहाँ छोटे निवेशकों को कम निवेश से ज्यादा मुनाफा कमाने का अवसर मिलता है। हालांकि यह ध्यान में रखना बेहद जरूरी है कि, F&O में ट्रेडिंग करना बेहद जोखिम भरा होता है और ट्रेडिंग को अच्छे से सीखने के बाद ही यहाँ निवेश किया जाना चाहिए।
इन कंपनियों को किया गया है शामिल
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में शामिल की गई ये नई कंपनियाँ कुल F&O स्टॉक का करीब 25% है। इन कंपनियों में अडानी समूह की अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के अलावा पेटीएम, जोमैटो, जियो फाइनेंशियल, एलआईसी, डीमार्ट, एंजेल वन, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ऑयल इंडिया, इंडियन बैंक, बीएसई, जेएसडब्ल्यू एनर्जी जैसी बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं।
कंपनियों पर क्या होगा प्रभाव
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में किसी स्टॉक को शामिल करने से निवेशकों की भागीदारी उस स्टॉक में बढ़ने लगती है, जिससे उस स्टॉक की लिक्विडिटी बढ़ती है। इसके अलावा F&O में स्टॉक को शामिल करने से निवेशक अपने जोखिम को हेज कर सकते हैं, अर्थात संभावित घाटे को सीमित करने के लिए फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस का उपयोग कर सकते हैं।
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वहीं इसके नकारात्मक पहलुओं को देखें तो सर्किट फिल्टर का हटना इसका एक महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है। सर्किट फिल्टर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा बहुत कम समय में स्टॉक की कीमत में बड़े उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए अपनाया जाने वाला सुरक्षा उपाय है। लेकिन फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) अनुबंधों वाले इक्विटी में दिन के लिए कोई निश्चित सर्किट सीमा नहीं होती है।