Mudra Kya hai: मुद्रा,धन अथवा Money किसी भी अर्थव्यवस्था में विनिमय/Exchange का एक साधन है, जिसका इस्तेमाल कर किसी वस्तु या सेवा को खरीदा जा सकता है इसके साथ ही मुद्रा का इस्तेमाल किसी ऋण का भुगतान करने के लिए भी किया जा सकता है। भौतिक रूप से मुद्रा का प्रतिनिधित्व (Representation) विभिन्न देशों द्वारा जारी किये जाने वाले बैंक नोट तथा सिक्कों द्वारा किया जाता है।
यहाँ आपने मुद्रा क्या है? इस बारे में संक्षेप में जाना, आर्थिक पाठशाला से जुड़े आज के इस लेख में आगे हम विस्तार से चर्चा करेंगे अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण विषय मुद्रा (Money) की जानेंगे मुद्रा क्या होती है? मुद्रा के कितने प्रकार हैं? मुद्रा के क्या कार्य हैं? मुद्रा और करेंसी में क्या अंतर होता है तथा किसी देश के लिए मुद्रा का महत्व एवं इसकी विशेषताएं।
मुद्रा क्या है?
धन या मुद्रा (Money) किसी भी अर्थव्यवस्था का केंद्र होती है। मुद्रा का प्रयोग ऋण का भुगतान करने अथवा अर्थव्यवस्था में विनिमय के साधन के रूप में किया जाता है, जिसके माध्यम से आप किसी भी वस्तु या सेवा को खरीद सकते हैं। मुद्रा के इतिहास की बात करें तो प्रचीन काल में वस्तुओं का प्रयोग मुद्रा के रूप में या विनिमय के साधन के रूप में किया जाता था, जिसमें किसी एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का Exchange होता था और यह व्यवस्था बार्टर सिस्टम कहलाती थी।
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इसके बाद जैसे-जैसे मानव सभ्यताऐं विकसित होती गई वस्तुओं के स्थान पर कीमती धातुओं जैसे सोना, चांदी आदि को मुद्रा या विनिमय का साधन बनाया गया एवं औद्योगिकरण के बाद से विश्वभर में कागज़ की मुद्रा प्रचलन में आयी है जिसका प्रयोग हम वर्तमान में भी करते हैं, कागजी मुद्रा के अलावा वर्तमान में मुद्रा के डिजिटल रूप का इस्तेमाल भी किया जाने लगा है, जिसमें विभिन्न देशों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी आदि शामिल हैं।
मुद्रा के कितने प्रकार हैं? (Mudra Ke Prakar)
मुद्रा क्या है इस बारे में आप ऊपर पढ़ चुके हैं आइए अब इसके विभिन्न प्रकारों की चर्चा करते हैं। मुद्रा के प्रकारों की बात करें तो इसके अनेक प्रकार हैं, जिनमे से कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं।
- वास्तविक मुद्रा
- वैधानिक मुद्रा
- साख या ऐच्छिक मुद्रा
- सांकेतिक मुद्रा
- प्रामाणिक मुद्रा
- डिजिटल मुद्रा
- गर्म मुद्रा
- प्लास्टिक मुद्रा
- कमॉडिटी मुद्रा
- कागजी मुद्रा
- दुर्लभ एवं सुलभ मुद्रा
#1 वास्तविक मुद्रा
यह मुद्रा का वह प्रकार है, जिसका प्रयोग हम दैनिक जीवन में लेन-देन करने, किसी वस्तु या सेवा की कीमत चुकाने या कर्ज़ की मात्रा प्रकट करने के लिए करते हैं। इसके उदाहरणों की बात करें तो भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, ब्रिटेन में पाउंड इत्यादि इसके उदाहरण हैं अर्थात किसी भी देश की Official Currency को वास्तविक मुद्रा कहा जाता है।
#2 वैधानिक मुद्रा
ऐसी मुद्रा, जिसे किसी देश की सरकार द्वारा जारी किया जाता है वैधानिक मुद्रा कहलाती है, इसे स्वीकार करना प्रत्येक व्यक्ति की बाध्यता होती है दूसरे शब्दों में कोई ऋणदाता या व्यक्ति अपने भुगतान के लिए वैधानिक मुद्रा को लेने से इंकार नहीं कर सकता। वैधानिक मुद्रा को अस्वीकार करना दंडनीय अपराध होता है। भारत में सरकार तथा केंद्रीय बैंक द्वारा जारी सभी नोट एवं सिक्के वैधानिक मुद्रा है, किसी भी देश की करेंसी वैधानिक मुद्रा होती है।
जैसा कि हमनें ऊपर बताया सभी बैंक नोट तथा सिक्के वैधानिक मुद्रा हैं, जिन्हें स्वीकार करना किसी व्यक्ति के लिए बाध्यकारी होता है। किन्तु सिक्कों की स्थिति में इसकी एक निश्चित सीमा तय की गई है, जो कि न्यूनतम 1 रुपये तथा अधिकतम 1000 रुपये है, दूसरे शब्दों में कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार के भुगतान के रूप में 1,000 रुपयों से अधिक मूल्य के सिक्के लेने से मना कर सकता है।
#3 साख या ऐच्छिक मुद्रा
वैधानिक मुद्रा के विपरीत ऐसी मुद्रा जिसे स्वीकार करना या न करना किसी व्यक्ति, ऋणदाता पर निर्भर करता है ऐच्छिक मुद्रा कहलाती है। ऐसी मुद्रा को स्वीकार करने के लिए व्यक्ति बाध्य नहीं होता अतः वह अपने भुगतान के रूप में ऐसी मुद्रा को लेने से मना कर सकता है। बैंक चैक इस मुद्रा का उदाहरण है अर्थात कोई व्यक्ति भुगतान के रूप में चैक को अस्वीकार कर सकता है किंतु किसी बैंक नोट को स्वीकार करने के लिए वह बाध्य है।
#4 सांकेतिक मुद्रा
ऐसी मुद्रा जिसका मूल्य उसमें अंकित मूल्य से कम होती है सांकेतिक मुद्रा कहलाती है। उदाहरण के तौर पर यदि 1 रुपये के सिक्के की बात करें तो उसमें प्रयोग की गई धातु का मूल्य असल मे 1 रुपये से कम होता है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा जारी सभी सिक्के सांकेतिक मुद्रा होती हैं अर्थात सभी सिक्कों में प्रयुक्त धातु का मूल्य सिक्कों में अंकित मूल्य से कम होता है।
#5 प्रमाणिक मुद्रा
सांकेतिक मुद्रा के विपरीत ऐसी मुद्रा जिसका मूल्य उसमें अंकित मूल्य के बराबर होता है प्रमाणिक मुद्रा कहलाती है। सोने एवं चांदी के सिक्के प्रामाणिक मुद्रा के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
#6 प्लास्टिक मुद्रा
डिजिटलीकरण के दौर में मुद्रा का यह प्रकार काफी प्रचलन में है। इसके अंतर्गत बैंकों द्वारा जारी डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड शामिल हैं, जिनकी मदद से आप ऑनलाइन शॉपिंग, POS मशीन द्वारा दुकानों, रेस्त्रां तथा होटलों आदि में भुगतान, बिलों का भुगतान, पैसों का लेन-देन जैसे अनेकों कार्य बिना नगदी या Cash के कर सकते हैं।
जहाँ डेबिट कार्ड (ATM Card) का इस्तेमाल आप केवल अपने बैंक खाते में उपलब्ध राशि तक ही उपयोग कर सकते हैं वहीं क्रेडिट कार्ड आपको बैंक खाते में उपलब्ध राशि से अधिक अर्थात कर्ज़ लेने की सुविधा भी देता है।
क्रेडिट कार्ड क्या है कैसे बनाएं तथा इसे इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं जानने के लिए पढ़ें 👉 क्रेडिट कार्ड क्या है तथा इसे इस्तेमाल करने के क्या फायदे एवं नुकसान हैं?
#7 डिजिटल मुद्रा
मुद्रा का यह सबसे लेटेस्ट प्रकार है, जो वर्तमान दौर में खासा प्रचलन में है और समय के साथ इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल कर आज प्रत्येक व्यक्ति अपने आर्थिक जीवन को बेहद सुविधाजनक बना रहा है, डिजिटल मुद्रा के चलते किसी व्यक्ति को नगद या Cash साथ में रखने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है साथ ही यह Cash की तुलना में अधिक सुरक्षित भी है।
इस प्रकार की मुद्रा के अंतर्गत सरकारों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी जैसे रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी किया गया डिजिटल-रुपया तथा विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी आदि शामिल हैं। डिजिटल मुद्रा के इस्तेमाल से विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियाँ जैसे बिलों का भुगतान, पैसों का लेन-देन, ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मर्चेन्ट का भुगतान आदि संचालित करना बेहद आसान हो गया है।
#8 गर्म मुद्रा
ऐसी मुद्रा, जिसके वित्तीय बाजार से पलायन की संभावनाएं बहुत अधिक होती हैं गर्म मुद्रा या Hot Money कहलाती है। यह मुद्रा जिस क्षेत्र में लाभ की संभावनाएं अधिक हो वहाँ स्थान्तरित हो जाती है, शेयर बाजार में लगी विदेशी मुद्रा इसका एक अहम उदाहरण है।
#9 कमॉडिटी मुद्रा
Commodity Money एक प्रकार की वस्तु होती है जिसे मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, इन वस्तुओं का उपयोग अन्य चीजें खरीदने और बेचने के लिए किया जाता था।
कमॉडिटी मुद्रा किसी भू-भाग विशेष के अनुसार भिन्न हो सकती है उदाहरण के लिए 17वीं और 18वीं शताब्दी की शुरुआत में अमेरिकी उपनिवेशवादियों द्वारा बीवर की खाल और सूखी मकई का इस्तेमाल मुद्रा के रूप में किया जाता था, कमॉडिटी मनी का अधिक उन्नत स्वरूप सोना जैसी कीमती धातुएँ हैं।
#10 कागजी मुद्रा
कागजी मुद्रा एक विशेष किस्म के कागज पर लिखी गई प्रतिज्ञा होती है, जिसे आम तौर पर किसी देश के केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है। इस कागज पर जारीकर्ता (केंद्रीय बैंक अथवा सरकार) धारक को उस पर अंकित राशि प्रदान करने का वचन देता है, इसे एक निश्चित विधान के तहत जारी किया जाता है तथा इसमें केवल बाह्य मूल्य होता है अर्थात इस कागज या प्रपत्र का स्वयं का मूल्य इसमें अंकित मूल्य से बहुत कम होता है, सभी बैंक नोट इसके उदाहरण हैं।
#11 सुलभ एवं दुर्लभ मुद्रा
वैश्विक बाजार में जिस मुद्रा की मांग अत्यधिक हो उसे दुर्लभ मुद्रा या Hard Money कहा जाता है वहीं इसके विपरीत ऐसी मुद्रा जिसकी मांग कम हो उसे सुलभ मुद्रा या Soft Money कहा जाता है। दुर्लभ मुद्राओं के उदाहरण अमेरिकी डॉलर, यूरो, ब्रिटिश पाउंड आदि हैं, जबकि अधिकांश देशों की मुद्राएं सुलभ मुद्रा हैं।
Currency और Money में क्या अंतर है?
Money तथा Currency को सामान्यतः एक ही समझा जाता है हालांकि इन दोनों में भिन्नता है। Money एक साधन है जिसके माध्यम से आप किसी वस्तु या सेवा को खरीद सकते हैं जबकि Currency मुद्रा का एक प्रकार है, जो भौतिक रूप से मुद्रा का प्रतिनिधित्व करती है।
Currency किसी देश विशेष से जुड़ी होती है और इसके अंतर्गत उस देश के केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी किये गए बैंकनोट तथा सिक्के आते हैं, किसी देश की करेंसी अपने देश में Money होते हुए किसी अन्य देश में Money नहीं हो सकती।
मुद्रा का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जाता है?
मुद्रा क्या है और मुद्रा के प्रकारों को जानने के बाद आइए अब समझते हैं मुद्रा का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ किया जाता है? हम सभी दैनिक जीवन में धन या Money का इस्तेमाल करते हैं और इसके कुछ मुख्य उपयोगों को भली भांति जानते भी हैं जिनमें किसी वस्तु या सेवा की खरीदारी तथा कर्ज देना या कर्ज का भुगतान करना आदि शामिल हैं। किन्तु Money का इस्तेमाल इसके अलावा भी कई अन्य रूप से किया जा सकता है, जिसमें से कुछ निम्नलिखित हैं।
#1 विनिमय / Exchange का साधन
मुद्रा विनिमय/Exchange अथवा भुगतान के माध्यम का काम करती है, किसी भी वस्तु को खरीदना हो या किसी सेवा का उपभोग करना हो इनका भुगतान हम मुद्रा के माध्यम से ही करते हैं, मुद्रा के जरिए ही वस्तुओं और सेवाओं की खरीद-बिक्री आसानी से कर पाना संभव है।
#2 मूल्य सुरक्षित रखने के लिए
प्राचीन काल में वस्तुओं के बदले वस्तुओं का Exchange किया जाता था लिहाजा उस दौर में मुद्रा को भविष्य के लिए स्टोर करना मुश्किल था उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति के पास टमाटर बहुतायत में हैं तो उसे उन्हें समय रहते किसी अन्य उत्पाद के बदले ट्रेड करना होता था इसके विपरीत Money या मुद्रा को भविष्य के लिए स्टोर करके भी रखा जा सकता है।
#3 फाइनेंशियल रिकॉर्ड के लिए
Money/मुद्रा के माध्यम से ही किसी अर्थव्यवस्था में वित्तीय लेखा-जोखा रखना संभव है। मुद्रा Finance की इकाई है इसके इस्तेमाल से किसी सेवा या वस्तु के मूल्य की गणना करी जाती है, चूँकि मुद्रा के जरिए प्रत्येक वस्तु की कीमत का निर्धारण किया जा सकता है अतः यह किन्हीं दो ऐसे उत्पादों की तुलना करने में भी मददगार होती है जिनकी तुलना करना संभव नहीं है।
#4 संपत्ति / परिसंपत्ति का ट्रांसफर
मुद्रा किसी संपत्ति या ऐसेट्स के हस्तांतरण (Transfer of Value) में भी अहम भूमिका अदा करती है, कोई व्यक्ति किसी एक स्थान में मौजूद अपनी चल या अचल संपत्ति को बेच मुद्रा में परिवर्तित कर सकता है तथा किसी अन्य स्थान में पुनः खरीद सकता है, मुद्रा के ना होने की स्थिति में किसी संपत्ति खासकर किसी अचल संपत्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान में ट्रांसफर करना संभव नहीं था।
#5 भविष्य के भुगतान का माध्यम
चूँकि मुद्रा अपना मूल्य सुरक्षित रखने में सक्षम है अतः मुद्रा का एक महत्वपूर्ण कार्य उन अनुबंधों या समझौतों को सक्षम बनाना है जिनमें भविष्य में भुगतान करने की शर्त शामिल होती है। मुद्रा की स्थिरता और व्यापक स्वीकृति इसे Loans एवं Mortgages के भुगतान के लिए एक विश्वसनीय माध्यम बनाती है।
सार-संक्षेप
मुद्रा अपने विभिन्न रूपों में दुनियाँ भर की अर्थव्यवस्थाओं के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समय के साथ इंसान की बदलती जरूरतों के चलते मुद्रा का स्वरूप कमॉडिटी मनी से क्रिप्टोकरेंसी तक बदला है।
मुद्रा एक ऐसा Asset या ऐसी वस्तु है, जिसका उपयोग खरीदारी करने के लिए विनिमय के साधन के रूप में किया जा सकता है। इसके उदाहरणों की बात करें तो किसी देश की Currency, Precious Metal, Cryptocurrencies आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं। मुद्रा / Money का इस्तेमाल मुख्यतः विनिमय के साधन, फाइनेंस की इकाई और मूल्य के भंडार के रूप में किया जाता है।