शेयर बाजार में निवेश करना वर्तमान दौर में बेहद आसान हो चुका है अब आप सिर्फ अपने एक स्मार्टफोन से किसी भी कंपनी के शेयर मिनटों में खरीद या बेच सकते हैं। वर्तमान में देश के दोनों बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE तथा BSE में कुल मिलाकर 7,000 से अधिक कंपनियाँ लिस्टेड हैं, जिनमें आप आसानी से निवेश कर सकते हैं।
लेकिन यदि आप देश से बाहर Google, Apple, Facebook, Tesla, Amazon जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों में निवेश करने में रुचि रखते हैं तो इसके लिए प्रक्रिया सामान्य से थोड़ी अलग है। आज इस लेख के माध्यम से समझेंगे कैसे आप भारत में रहते हुए विदेशी स्टॉक्स में पैसा निवेश कर सकते हैं तथा यह घरेलू निवेश से कितना अलग है।
कैसे करें विदेशी कंपनियों में निवेश
भारत से अंतर्राष्ट्रीय शेयरों में निवेश करना बिल्कुल कानूनी है, हालाँकि इसके लिए कुछ विशेष प्रक्रिया से गुजरने की आवश्यकता होती है, देश से विदेशी शेयरों में निवेश करने के विभिन्न तरीके हैं, जिनकों हम यहाँ विस्तार से समझेंगे।
अमेरिकी शेयर बाजार में एक लोकप्रिय सूचकांक NASDAQ हालिया समय में भारतीय निवेशकों को खासा आकर्षित कर रहा है और भारत से विदेशी स्टॉक्स में निवेश पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ा है। आइए अब देखते हैं कुछ ऐसे तरीकों को जिनके द्वारा आप विदेशी कंपनियों में अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म (International Brokerage)
ब्रोकरेज फर्म ऐसी फर्म होती हैं, जो निवेशकों और ट्रेडर्स को शेयर बाजार में लिस्टेड स्टॉक खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं। ब्रोकरेज फर्म बायर्स और सैलर्स के बीच एक बिचौलिये के रूप में कार्य करती है और सभी के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करती है। भारत में मौजूद ब्रोकरेज फर्म की बात करें तो इनमें Zerodha, Upstox, Angel One, ICICI Direct कुछ प्रमुख नाम हैं।
यह भी पढ़ें – Mutual Funds और Stocks में क्या अंतर है और आपको किसमें करना चाहिए निवेश?
ऊपर बताए गए ब्रोकरेज फर्म आपको केवल भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों में ही निवेश की सुविधा देते हैं, जबकि अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से आप देश के बाहर भी किसी अन्य कंपनी में निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से पहले, आपको एक अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज एकाउंट खोलने तथा आरबीआई की Liberalized Remittance Scheme आदि की औपचारिकताओं से गुजरना होगा।
कुछ प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म की बात करें तो इनमें Interactive Brokers, Saxo Bank, Capital.com, Vested Finance आदि शामिल हैं। हालाँकि ये ब्रोकरेज फर्म घरेलू फर्म की तरह एक सुविधाजनक ट्रेडिंग इंटेरफेस प्रदान करती हैं लेकिन किसी घरेलू ब्रोकरेज फर्म के विपरीत इनके ब्रोकरेज तथा अन्य सेवा शुल्क तुलनात्मक रूप से अधिक हो सकते हैं, इसके साथ ही कुछ अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म विदेशी स्टॉक्स में निवेश करने के लिए निवेश की एक न्यूनतम सीमा जैसे US$10,000 भी तय कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड्स (International Mutual Funds)
म्यूचुअल फंड्स सामान्यतः ऐसे लोगों के लिए शेयर बाजार में निवेश करने का माध्यम है, जो स्वयं स्टॉक्स का चुनाव करने में सक्षम नहीं हैं अथवा ऐसा करने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। इसमें बहुत लोग पैसे लगाकर एक फंड तैयार करते हैं और इस फंड का प्रबंधन करने वाले लोग इन्हें विभिन्न स्टॉक्स में निवेश करते हैं।
ब्रोकरेज फर्म की तरह म्यूचुअल फंड्स भी आपको घरलू बाजार अथवा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निवेश करने का मौका देते हैं, अंतर्राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड ऐसे इक्विटी फंड हैं, जो मुख्य रूप से भारत के बाहर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। ये फंड्स सामान्यतः म्यूचुअल फंड के निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद करते हैं ताकि एक बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सके।
यह भी पढ़ें – शेयर बाजार में Short Selling क्या होती है और इससे प्रॉफ़िट कैसे कमाया जाता है?
गौरतलब है कि, पोर्टफोलियो में विविधता के कारण ऐसे फंड्स में निवेश करना घरेलू म्यूचुअल फंड की तुलना में जोखिम भरा भी होता है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड के माध्याम से किसी विदेशी कंपनी में निवेश करना चाहते हैं तो ऐसे कुछ मुख्य म्यूचुअल फंड्स निम्नलिखित हैं
- Kotak NASDAQ 100 Fund of Fund (Growth)
- ICICI Prudential US Blue-chip Equity Fund (Growth)
- PGIM India Global Equity Opportunities Fund (Growth)
- Motilal Oswal Nasdaq 100 Fund of Fund (Growth)
- DSP World Mining Fund (Growth)
भारतीय एक्सचेंज द्वारा
भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए मुख्यतः दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE तथा BSE हैं, लेकिन यदि आप विदेशी कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं तो ये एक्सचेंज उसकी सुविधा भी देते हैं। इसके लिए दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज की सबसीदारी कंपनियाँ हैं। उदाहरण के तौर पर NSE की सहयोगी कंपनी NSE International Exchange (NSE IFSC) तथा BSE की सहयोगी कंपनी The India International Exchange (IFSC) Limited भारतीयों को विदेशी शेयरों में निवेश करने का मौका देती हैं।
इन दोनों कंपनियों में घरेलू ब्रोकर्स के विपरीत दूसरे ब्रोकर रजिस्टर होते हैं, जो ट्रेडर के ऑर्डर के आधार पर उनके लिए शेयरों को खरीदने या बेचने का काम करते हैं।
इन ब्रोकर्स के साथ डीमैट खाता खोलने के बाद आप अपने स्थानीय बैंक खाते से इनके बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर कर सकते हैं और एक बार जब फंड आपके ब्रोकर के खाते में ट्रांसफर हो जाए तो आप आसानी से ट्रेड कर सकते हैं। ध्यान देने योग्य बात है कि, अन्य अंतर्राष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म के विपरीत यहाँ आप बस कुछ चुनिंदा कंपनियों में ही निवेश कर सकते हैं।