विज्ञापन

Mutual Funds और Stocks में क्या अंतर है? किसमें करना चाहिए निवेश?

आर्टिकल शेयर करें

Difference Between Shares and Mutual Funds: आर्थिक रूप से एक मजबूत और सुरक्षित कल की कामना करते हुए हम सभी आज अलग-अलग तरीकों से अपना पैसा निवेश करते हैं। इन्हीं तरीकों में Mutual Funds और Stocks दो ऐसे विकल्प हैं जिन्हें इस दौर में लोगों द्वारा खासा पसंद किया जा रहा है।

आज इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे निवेश के इन दो प्रमुख विकल्पों Mutual Funds तथा Stocks की, जानेंगे म्यूचुअल फंड और स्टॉक्स क्या हैं, इन दोनों के बीच क्या प्रमुख अंतर हैं (Difference Between Shares and Mutual Funds) तथा Mutual Funds और Stocks में से किसमें निवेश करना आपके लिए अधिक फायदेमंद है।

Stocks या Share क्या हैं?

Stock या Share किसी कंपनी की एक यूनिट अथवा उसके एक छोटे से हिस्से को प्रदर्शित करता है। अलग-अलग कंपनियों के ये शेयर स्टॉक मार्केट में रोज खरीदे और बेचे जाते हैं, जब आप किसी कंपनी के कुछ शेयर खरीद लेते हैं तो आप उस कंपनी में शेयरों की संख्या के अनुसार हिस्सेदार या शेयरधारक बन जाते हैं।

किसी कंपनी के Stocks खरीदने पर निवेशक दो तरीके से पैसे कमा सकते हैं, इनमें पहला तरीका है शेयरों की कीमत में वृद्धि अर्थात X कीमत में शेयर खरीद कर उन्हें X+Y कीमत में बेच देना, इस स्थिति में निवेशक को Y रुपये प्रति शेयर का मुनाफा होता है। गौरतलब है कि, कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर उसके शेयरों की कीमत में उतार-चढ़ाव आते हैं।

वहीं दूसरा तरीका है Dividend या लाभांश, कई कंपनियां उनको हुए मुनाफे का एक हिस्सा अपने हिस्सेदारों/शेयरधारकों में भी बांटती हैं। कंपनी के बोर्ड द्वारा प्रति शेयर Dividend की घोषणा की जाती है और निवेशक को उसके डीमैट खाते में मौजूद शेयरों की संख्या के अनुसार डिविडेन्ड मिलता है।

Mutual Funds क्या हैं?

वर्तमान में भारतीय शेयर बाजार में तकरीबन 5,000 से अधिक छोटी-बड़ी कंपनियां लिस्टेड हैं, ऐसे में किसी निवेशक के लिए यह बहुत अहम हो जाता है कि वह हजारों कंपनियों में से उसी कंपनी में निवेश करे जहाँ उसे नुकसान होने की संभावना लगभग ना के बराबर हो और इसके लिए आवश्यकता होती है कंपनी के गहन विश्लेषण की लेकिन प्रत्येक व्यक्ति जो शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है उसके लिए यह आसान काम नहीं है।

इसी समस्या के समाधान के तौर पर Mutual Funds की शुरुआत करी गई है। म्यूचुअल फंड जैसा कि इसके नाम से साफ होता है अलग-अलग निवेशकों का एक “कॉमन फंड” होता है, जिसे शेयर बाजार के जानकारों द्वारा विभिन्न क्षेत्र की अलग-अलग कंपनियों में निवेश किया जाता है।

Difference Between Shares and Mutual Funds

किसी कंपनी के शेयरों की भांति ही Mutual Fund को भी यूनिट में बांटा जाता है, जिन्हें NAV (Net Asset Value) कहा जाता है। निवेशक इन यूनिट्स को खरीदते हैं और भविष्य में इन यूनिट्स की कीमत में हुई वृद्धि के आधार पर ही उन्हें मुनाफा होता है। गौरतलब है कि, Mutual Funds में निवेशकों का पैसा स्टॉक्स के अलावा अन्य वित्तीय उपकरणों जैसे बॉन्ड आदि में भी निवेश किया जाता है। फंड का कितना हिस्सा कहाँ निवेश करना है यह म्यूचुअल फंड के प्रकार के अनुसार तय होता है।

ध्यान दें

किसी Stocks में निवेश करने पर कंपनी का चुनाव तथा उसका फंडामेंटल एनालिसिस निवेशक को स्वयं करना होता है जबकि Mutual Funds की स्थिति में शेयर बाजार के जानकार, जिन्हें आमतौर पर फंड मैनेजर कहा जाता है निवेशक के लिए यह काम करते हैं।

Mutual Funds में निवेश करने के फायदे

Stocks तथा Mutual Funds दोनों में जोखिम की संभावना बनी रहती है किन्तु Mutual Funds में निवेश करना Stocks में निवेश करने की तुलना में कम जोखिम भरा होता है क्योंकि यहाँ फंड मैनेजर आपके पैसे को निवेश करते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं जिनके चलते आप Mutual Funds में निवेश करने को प्राथमिकता दे सकते हैं

Stocks की तुलना में अधिक स्थिर: Stocks की तुलना में Mutual Fund में निवेश करना कम जोखिम भरा होता है और इसके कई कारण हैं, मुख्य कारण की बात करें तो यह म्यूचूअल फंड्स का विविधता से भरा (Diversified) होना है, उदाहरण के तौर पर जब आप किसी कंपनी का एक शेयर खरीदते हैं तो उस शेयर की कीमत केवल एक कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर रहती है, जबकि Mutual Fund की स्थति में म्यूचुअल फंड के एक यूनिट या शेयर की कीमत उन सभी कंपनियों के औसत प्रदर्शन पर निर्भर करती है जहाँ-जहाँ फंड को निवेश किया गया है।

फंड का बेहतर मैनेजमेंट: सामान्यतः एक आम इंसान के लिए यह संभव नहीं हो पाता है कि, वह Stocks में निवेश करने से पहले आवश्यक रूप से उस कंपनी का विश्लेषण करे लेकिन जैसा कि, हमनें ऊपर बताया Mutual Funds की स्थति में शेयर बाजार के जानकार आपके पैसे को विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग कंपनियों में निवेश करते हैं लिहाजा किसी आम इंसान की तुलना में जानकारों द्वारा चुनी गई कंपनियों में जोखिम की संभावना कम और फायदा होने की संभावना अधिक हो जाती है।

Also Read

स्टॉक स्प्लिट क्या है और इससे निवेशकों को क्या फायदा होता है?

स्टॉक मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग क्या होती है?

शेयर मार्केट से कमाना है मुनाफा तो निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

शेयर मार्केट में सूचकांक क्या होते हैं और इनका क्या उपयोग है?

निवेश करने का सुविधाजनक विकल्प: Mutual Funds में आपको निवेश करने का एक सुविधाजनक विकल्प मिलता है, जिसे SIP (Systematic Investment Plan) कहा जाता है। SIP के माध्यम से आप हर महीने एक निश्चित राशि (कम से कम 100 रुपये) अपने पसंद के Mutual Fund में निवेश कर सकते हैं, एक बार SIP करने के पश्चात यह राशि हर महीने आपके बैंक एकाउंट से स्वतः डेबिट हो जाती है।

Income Tax में छूट: Mutual Fund में निवेश करने का एक सबसे बड़ा फायदा आयकर में छूट लेना भी है, ELSS (Equity Linked Saving Scheme) Mutual Funds का एक प्रकार है जहाँ निवेश करने पर आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत एक साल में 1.5 लाख तक की छूट ले सकते हैं।

Stocks में निवेश करने के फायदे

ऊपर हमनें स्टॉक्स के बजाए Mutual Funds में निवेश करने के कुछ प्रमुख फ़ायदों को देखा, लेकिन Stocks में निवेश करने के भी कुछ फायदे हैं जिनकी चर्चा हमनें यहाँ करी है-

निवेश की स्वतंत्रता: यदि आप अपने फंड को खुद मैनेज करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड के बजाए Stocks में निवेश करना आपके लिए अधिक फायदेमंद है। Mutual Fund की स्थिति में आपका पैसा AMCs (Asset Management Companies) द्वारा नियुक्त किये गए फंड मैनेजर अपने अनुसार निवेश करते हैं आपका इस पर कोई नियंत्रण नहीं होता, किन्तु Stocks की स्थिति में आपको निवेश करने या अपने फंड का प्रबंधन करने की पूरी स्वतंत्रता होती है।

अधिक लाभ की संभावना: Mutual Fund में जहाँ Diversified पोर्टफोलियो आपके जोखिम को कम करता है वहीं यह Stocks की तुलना में आपके मुनाफे को भी कम कर देता है। Stocks यदि गहन विश्लेषण कर चुने जाएं तो कई गुना तक मुनाफा दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर हैदराबाद आधारित क्लाउड कम्युनिकेशन कंपनी Tanla Platforms Ltd. ने पिछले 3 सालों में ही अपने निवेशकों का पैसा 14 गुना किया है।

अनावश्यक शुल्कों से मुक्ति: Mutual Fund में निवेश करने पर आपको कई तरह के चार्जेस देने होते हैं जिनमें Exit Load और Expense Ratio मुख्य हैं। Exit Load वह शुल्क है, जो निवेशकों पर एक निश्चित अवधि से पहले Mutual funds से बाहर निकलने पर लगाया जाता है वहीं Expense ratio आपके फंड को मैनेज करने के सालाना शुल्क के तौर पर वसूला जाता है।

यदि आप Stocks में निवेश करते हैं तो आप इन दोनों शुल्कों से बच सकते हैं। Stocks को आप अपनी इच्छा के अनुसार होल्ड कर सकते हैं या कभी भी बेच सकते हैं वहीं Stocks में निवेश करने पर आपको अपने फंड को मैनेज करने के लिए कोई शुल्क देने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

निष्कर्ष

Stock तथा Mutual Funds दोनों निवेश के बेहतरीन विकल्प हैं, Stock किसी कंपनी का एक छोटा सा हिस्सा है, जिसे कोई निजी व्यक्ति (Individual) खरीद या बेच सकता है, जबकि Mutual Fund हजारों-लाखों निवेशकों के पैसे का एक पूल होता है जिसे Asset Management Companies द्वारा विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स, प्राइवेट एवं सरकारी बॉन्ड, डिबेंचर्स आदि में निवेश किया जाता है। Mutual Funds में निवेश करने पर निवेशकों को किसी कंपनी के स्टॉक्स के विपरीत उस फंड की यूनिट मिलती हैं।

Stocks तथा Mutual Funds में से किसे निवेश के विकल्प के तौर पर चुना जाए यह बहुत हद तक निवेशक की मानसिकता पर निर्भर करता है। Stocks में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट एवं ट्रेडिंग एकाउंट की आवश्यकता होती है, जबकि Mutual Funds में आप बिना डीमैट खाते के भी निवेश किया जा सकता है, डिजिटल वॉलेट की सेवा देने वाले कई एप्स अब म्यूचुअल फंड में निवेश करने का विकल्प भी प्रदान कर रहे हैं।