पॉडकास्ट क्या है, कैसे बनाया जाता है और पॉडकास्ट से पैसे कैसे कमायें?

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समय के साथ जैसे-जैसे मानव सभ्यता विकसित हुई हमनें सूचनाओं, विचारों आदि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने हेतु विभिन्न माध्यमों की तलाश की है। 15वीं शताब्दी में शुरू हुई प्रिंटिंग प्रेस इस प्रकार का पहला माध्यम था, जिसकी सहायता से किसी जानकारी को स्याही द्वारा कागज पर छापकर कहीं भी पहुँचाया जा सकता था।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई तरक्की के चलते वर्तमान में हमारे पास किसी सूचना का आदान-प्रदान करने के अनेकों साधन जैसे रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट इत्यादि हैं। इन सब में इंटरनेट सबसे शक्तिशाली माध्यम बनकर उभरा है, जिसके द्वारा कोई व्यक्ति हर पल पूरी दुनियाँ से जुड़ा हुआ रहता है।

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सूचना प्रसारण के विभिन्न तरीकों को ध्यान में रखते हुए इस लेख के माध्यम से आज हम इसके ही एक नए प्रकार पॉडकास्ट (Podcast) की चर्चा करने जा रहे हैं, जो वर्तमान दौर में खासा लोकप्रिय है।

इस लेख में आगे विस्तार से जानेंगे पॉडकास्ट क्या होता है, पॉडकास्ट कैसे शुरू कर सकते हैं, पॉडकास्ट बनाने में कितना खर्च आता है तथा पॉडकास्ट शुरू करके आप कितना पैसा कमा सकते हैं?

पॉडकास्ट क्या होता है?

मीडिया के विभिन्न माध्यमों को मुख्यतः दो वर्गों में बांटा जा सकता है। इनमें पहला वर्ग प्रिन्ट मीडिया जैसे अखबार, पत्रिकाएं आदि का है वहीं दूसरे वर्ग में डिजिटल मीडिया जैसे टेलीविजन इत्यादि को शामिल किया जा सकता है। डिजिटल मीडिया का पुनः वर्गीकरण देखें तो इसमें भी दो अलग-अलग प्रकार हैं।

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पहली श्रेणी में ऐसा मीडिया है, जिसके अंतर्गत ध्वनि एवं चित्र दोनों आते हैं जैसे टेलीविजन, जबकि दूसरी श्रेणी में वो मीडिया है जिसमें केवल ध्वनि होती है, जैसे रेडियो।

पॉडकास्ट डिजिटल मीडिया का दूसरा प्रकार है, जिसमें किसी सूचना, मनोरंजक सामग्री, समाचार आदि को ऑडियो फ़ाइल्स के माध्यम से लोगों तक पहुँचाया जाता है। साधारण शब्दों में बात करें तो पॉडकास्ट रेडियो का ही आधुनिक रूप है। हालाँकि इन दोनों में कई अंतर भी हैं, जिन्हें हम आगे विस्तार से समझेंगे।

रेडियो: पॉडकास्ट का प्रारंभिक रूप

आधुनिक पॉडकास्टिंग के इतिहास को देखें तो रेडियो को इसका शुरुआती रूप समझा जा सकता है। रेडियो बिना तारों के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों का प्रयोग करते हुए दूरसंचार का पहला माध्यम था।

साल 1895 में, Gugliemo Marconi नाम के एक इतालवी ने एक “वायरलेस टेलीग्राफ” का आविष्कार किया, जिसकी सहायता से उन्होंने सर्वप्रथम Morse code को प्रसारित करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग किया। उनके द्वारा बनाया गया यह उपकरण ही रेडियो के रूप में जाना जाने लगा।

वायरलेस टेलीग्राफी में मार्कोनी के इस योगदान के चलते साल 1909 में उन्हें जर्मन वैज्ञानिक फर्डिनेंड ब्राउन के साथ भौतिकी के क्षेत्र मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रेडियो मुख्यतः ध्वनियों को रेडियो तरंगों में बदलता है, जो हवा, अंतरिक्ष और ठोस वस्तुओं के माध्यम से प्रसारित हो सकती हैं।

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अंततः रेडियो सेट इन तरंगों को पुनः ध्वनि में बदल देता है, जिन्हें हम सुनते हैं। रेडियो प्रसारण एक तरफा प्रसारण है, जो किसी रेडियो स्टेशन से प्रसारित होता है। 20वीं शताब्दी के अंत तक यह सूचना एवं मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन था, किन्तु दृश्य मीडिया जैसे टेलीविजन के आ जाने से इसकी लोकप्रियता में खासी कमी आई है।

वर्तमान में इंटरनेट ने सूचनाओं का लोगों तक पहुँचना काफी आसान कर दिया है। सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से आज खबरें मिनटों में दुनियाँ के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुँच रही हैं।

रेडियो और पॉडकास्ट में अंतर

हालाँकि रेडियो और पॉडकास्ट ये दोनों माध्यम एक ही सिद्धांत पर कार्य करते हैं, किन्तु पॉडकास्टिंग रेडियो से कहीं अधिक विकसित है तथा वर्तमान परिस्थिति में अधिक प्रासंगिक भी है। आइए रेडियो प्रसारण एवं पॉडकास्ट के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतरों पर प्रकाश डालते हैं।

वर्तमान की भागती दौड़ती-जिंदगी में यदि इंसान के पास किसी एक चीज की कमी है तो वह समय है। ऐसे में ऑन डिमांड कॉन्टेन्ट बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है लेकिन पारंपरिक रेडियो प्रसारण में ऐसा नहीं होता यहाँ किसी विशेष कार्यक्रम का एक समय निर्धारित होता है, जिसे बाद में सुनना संभव नहीं है।

रेडियो कार्यक्रमों के विपरीत पॉडकास्ट एक रिकॉर्डेड कार्यक्रम होता है, जिसके चलते श्रोता (Listener) अपनी सुविधानुसार किसी इस को किसी भी वक्त सुन सकते हैं।

लाइव रेडियो तथा पॉडकास्टिंग के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर इन दोनों के श्रोतागण भी हैं, जिनको ध्यान में रखकर किसी कार्यक्रम को बनाया जाता है। किसी एक रेडियो स्टेशन को सामान्यतः अलग-अलग जीवनशैली / वर्गों के लोग सुनते हैं अतः उन्हें सभी वर्गों के श्रोताओं को ध्यान में रखकर कार्यक्रम बनाना होता है।

ऐसे में किसी विषय विशेष पर गहनता से कोई कार्यक्रम बना पाना रेडियो की स्थिति में संभव नहीं होता। इसके उलट पॉडकास्ट किसी विषय विशेष पर केंद्रित होते हैं, जो पॉडकास्ट का एक महत्वपूर्ण लाभ है। इसमें व्यक्ति अपने मनपसंद विषय के अनुसार कार्यक्रम सुन सकता है।

रेडियो को एक तात्कालिक माध्यम के तौर पर देखा जा सकता है। प्रत्येक वर्ग के श्रोताओं को आकर्षित करने के चलते आमतौर पर इनके कार्यक्रम ऐसे विषयों पर केंद्रित होते हैं, जो केवल एक छोटी अवधि के लिए ही प्रासंगिक होते हैं। वहीं पॉडकास्ट में किसी विषय विशेष पर बनाया गया कार्यक्रम एक लंबी समयावधि के लिए उपयोगी होता है।

पॉडकास्ट कैसे बनाएं?

यहाँ तक हमनें पॉडकास्ट क्या है तथा पारंपरिक रेडियो से कैसे भिन्न है इस पर चर्चा करी, आइए अब समझते हैं आखिर पॉडकास्ट किस प्रकार बनाया जा सकता है और कैसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सकता है। यहाँ हम विभिन्न चरणों में समझेंगे किस प्रकार आप अपना पॉडकास्ट बना सकते हैं।

सबसे पहले आपको चाहिये कि आप एक ऐसे विषय का चयन करें, जिस विषय में आप उचित ज्ञान व रुचि रखते हों तथा बे-झिझक बोल सकते हों। उदाहरण के तौर पर आप निम्न विषयों पर पॉडकास्ट रिकॉर्ड कर सकते हैं।

  • शैक्षिक पॉडकास्ट
  • किसी विषय विशेष जैसे इतिहास, राजनीति आदि से संबंधित जानकारी
  • हास्य सामग्री
  • कहानियाँ
  • विभिन्न विषयों में विशेष अनुभव रखने वाले लोगों का साक्षात्कार

यदि आप किसी विषय का चुनाव कर चुके हैं तो अब आपको आवश्यकता होगी अपने पॉडकास्ट को एक नाम या शीर्षक प्रदान करने की। जिस प्रकार टेलीविजन में किसी कार्यक्रम विशेष का एक शीर्षक होता है उसी प्रकार आपको चाहिये कि आप भी अपने कार्यक्रम को एक नाम दें।

पॉडकास्ट रिकॉर्ड करने के लिए सर्वप्रथम आपको एक उच्च गुणवत्ता वाले माइक्रोफोन की आवश्यकता है, रिकॉर्डिंग करने के बाद आपको आवश्यकता होगी एक ऑडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर की एडीटिंग करने के लिए आप Audacity जो कि एक फ्री सॉफ्टवेयर है को उपयोग में ले सकते हैं।

पॉडकास्ट के विषय एवं शीर्षक का चयन कर लेने के बाद अब आपको चाहिए कि आप पॉडकास्ट को रिकॉर्ड कर उसे एडिट करें। अपना पॉडकास्ट एडिट करने में निम्न बातों का ध्यान रखें।

  • पॉडकास्ट के लिये एक कवर आर्ट बनाएं, जैसे किसी किताब को आकर्षक बनाने के लिए उसका मुख्य पृष्ठ आवश्यक है उसी प्रकार आपके पॉडकास्ट को आकर्षक बनानेे के लिए भी एक कवर आर्ट ज़रूरी है।
  • Intro तथा Outro म्यूजिक का चयन करें, जिसे पॉडकास्ट के शुरुआत तथा अंत में बजाया जाता है।
  • बैकग्राउंड म्यूजिक का चयन करें।

अब आपको अपने रिकॉर्ड किये गए पॉडकास्ट को इंटरनेट पर स्टोर करने के लिए एक सर्वर या होस्टिंग की आवश्यकता होती है, जहाँ से श्रोता आपके पॉडकास्ट को सुन या डाउनलोड कर सकते हैं।

यहाँ आपके पास पेड तथा फ्री दोनों प्रकार की होस्टिंग सेवाओं का विकल्प है। ऐसी कुछ होस्टिंग सेवा उपलब्ध कराने वाली कम्पनियाँ नीचे दी गयी हैं, जिन्हें आप अपने बजट के अनुसार चुन सकते हैं।

एक बार होस्टिंग एकाउंट बना लेने के बाद आपको चाहिए कि आप पॉडकास्ट को अपने होस्टिंग प्लेटफार्म पर अपलोड करें और उसे अलग अलग डायरेक्टरी (Directories) जैसे Apple Podcast, Google Podcast, Spotify आदि से लिंक करें, जिन्हें आम लोग पॉडकास्ट सुनने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

अपने पॉडकास्ट को विभिन्न डायरेक्टरीज से जोड़ने के लिए पॉडकास्ट की RSS Feed को कॉपी करें जिसे आप अपने होस्टिंग एकाउंट में लॉगिन करके देख सकते हैं। जिस प्लेटफार्म पर आप अपने पॉडकास्ट को डिस्ट्रीब्यूट या जोड़ना चाहते हैं उसकी वेबसाइट अपने ब्राउज़र में खोलें अपना पॉडकास्ट उस प्लेटफ़ॉर्म से लिंक करें।

पॉडकास्ट से पैसे कैसे कमायें?

जैसा कि हमनें ऊपर भी बताया पॉडकास्ट को आय का एक महत्वपूर्ण साधन बनाया जा सकता है। किसी टेलीविजन कार्यक्रम की भाँति पॉडकास्ट के मध्य में विज्ञापन चलाकर अच्छी कमाई की जा सकती है। ऐसे ही एक विज्ञापन नेटवर्क की हम यहाँ चर्चा कर रहें हैं। अपने पॉडकास्ट में विज्ञापन चलाने के लिए ADVERTISECAST में रजिस्ट्रेशन करें और विज्ञापन चला कर पैसे कमायें।

earn with podcast

इसके अलावा आप कई अन्य तरीकों से भी अपने पॉडकास्ट से पैसे कमा सकते हैं, जिसमें Affiliate Marketing, श्रोतागणों से प्राप्त डोनेशन, आपके मर्चेंडाइज की सेल्स, प्रीमियम कॉन्टेन्ट के लिए सब्सक्रिप्शन मॉडल, पार्टनरशिप या कोलेबरेशन आदि शामिल हैं। इसके साथ ही यदि आप किसी क्षेत्र विशेष में अच्छा ज्ञान रखते हैं तो अपने श्रोतागणों को अपनी सेवाएं बेच कर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

सार-संक्षेप

जैसे-जैसे देश डिजिटल हो रहा है और इंटरनेट एवं स्मार्टफोन की पहुँच दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) देश में मार्केटिंग या प्रचार का सबसे बढ़ा माध्यम बनता जा रहा है। ऐसे में आप भी इसका फायदा उठाते हुए अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

बड़े से बड़े बिजनेस हो या छोटे स्टार्टअप्स हर किसी को आम लोगों तक अपने उत्पादों को पहुँचने के लिए मार्केटिंग / प्रमोशन की आवश्यकता होती है और ये सभी छोटी-बड़ी कंपनियाँ ऐसे किसी व्यक्ति या संस्था के माध्यम से अपने उत्पादों का प्रचार करवाने में रुचि रखती हैं, जिनके पास अधिक से अधिक लोगों तक उनके उत्पादों को पहुँचने की क्षमता हो।