फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) या मुक्त व्यापार समझौता, किन्हीं दो या दो से अधिक देशों के बीच किया जाने वाला एक समझौता है, जिसके तहत विभिन्न देश आपसी व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा का संरक्षण करने तथा किसी भी प्रकार की व्यापारिक बाधाओं को कम या समाप्त करने पर सहमति जताते हैं।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) करने वाले देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहित किया जाता है। अर्थव्यवस्था से जुड़े इस लेख में आगे हम विस्तार से समझेंगे मुक्त व्यापार समझौता क्या है, किस प्रकार कार्य करता है, किसी देश को मुक्त व्यापार समझौते से क्या फायदे या नुकसान हो सकते हैं।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कैसे काम करता है?
प्रत्येक देश कई कारणों के चलते दुनियाँ के अन्य देशों से व्यापार करते हैं, फिर चाहे वह आर्थिक लाभ हो, उत्पादों की उपलब्धता या विविधता हो, दो देशों के बीच टेक्नोलॉजी और नवाचार का आदान-प्रदान हो या विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी उपयोग हो
वैश्विक व्यापार करने के दौरान सरकारों को अपने घरेलू उत्पादकों के हितों को भी ध्यान में रखना पड़ता है और इसके लिए वे दूसरे देश से किये जाने वाले व्यापार के संबंध में कुछ संरक्षणवादी नीतियों को लागू करती हैं, जिनमें शुल्क और कर, कोटा (मात्रा की सीमा), घरेलू उत्पादकों को सब्सिडी तथा विदेशी उत्पादों के लिए गुणवत्ता मानकों (स्टैंडर्ड) का निर्धारण करना आदि शामिल हैं।
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जब कोई दो देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) में हस्ताक्षर करते हैं तो उस स्थिति में इन नीतियों में कुछ ढील दी जा सकती है, ताकि दोनों देशों के मध्य व्यापार को पहले की तुलना में और अधिक आसान बनाया जा सके। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत किये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण समझौते निम्नलिखित हैं
- टैरिफ यानी सीमा शुल्क में कमी या समाप्ति
- मात्रात्मक सीमा को हटाया जाता है
- सदस्य देशों द्वारा एक-दूसरे के बाजारों में निवेश और सेवाओं को बढ़ावा दिया जाता है
- बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाता है
- नवाचार और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान होता है
- गैर-टैरिफ बाधाओं जैसे आयात कोटा, सब्सिडी आदि को कम किया जाता है
गौरतलब है कि, एक देश किसी दूसरे देश के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में रहते हुए भी व्यापार पर नियंत्रण एवं कुछ नीतियों को लागू कर सकता है उदाहरण के लिए वह घरेलू विनियामकों द्वारा अप्रूव न की गई दवाओं या उसके मानकों के अनुरूप न आने वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आयात पर रोक लगा सकता है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के फायदे
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से समझौते में शामिल देशों को कई तरीके से फायदा हो सकता है, इनमें कुछ मुख्य फ़ायदों की चर्चा हमनें यहाँ करी है
तीव्र गति से विकास
मुक्त व्यापार समझौता कई देशों को तेजी से आर्थिक विकास हासिल करने में मदद करता है। इससे देश का निर्यात बढ़ता है, उद्योगों को बाहरी निवेश प्राप्त होता है तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं, इसके साथ ही व्यापारिक संबंधों में वृद्धि होने के चलते अंततः समझौते में शामिल देशों की अर्थव्यवस्थाएँ मजबूत होती हैं।
उत्पादों में विविधता
FTA के माध्यम से घरेलू बाजारों में विदेशी उत्पादों की उपलब्धता में वृद्धि होती है तथा ग्राहकों को उत्पादों में विविधता देखने को मिलती है। विदेशी उत्पादों के आने से घरेलू उत्पादको के लिए प्रतिस्पर्धा (Competition) बढ़ जाती है और वे ग्राहकों की पसंद एवं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सबसे कम कीमत में वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करते हैं।
नवाचार और तकनीकी
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के कारण घरेलू उत्पादकों के लिए प्रतिस्पर्धा पहले की तुलना में अधिक बढ़ जाती है और इस व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनियाँ नवाचार एवं तकनीकी उन्नति पर खासा ध्यान देती हैं।
गौरतलब है कि, एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है, इससे कंपनियाँ नवाचार की तरफ तो ध्यान देती ही हैं साथ ही यह उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण करते हुए किसी कंपनी का एक क्षेत्र विशेष में होने वाले एकाधिकार (Monopoly) को भी खत्म करती है।
राजनीतिक सहयोग
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किन्हीं दो देशों के बीच आर्थिक सहयोग को दिखाता है, जिससे देशों के बीच राजनीतिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलता है और द्विपक्षीय रिश्तों में मजबूती आती है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के नुकसान
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के कुछ मुख्य फ़ायदों के बारे में हमनें ऊपर जाना, आइए अब इस समझौते से होने वाले कुछ नुकसानों को समझते हैं
घरेलू उद्योगों पर दबाव
हालांकि बाजार में प्रतिस्पर्धा बहुत जरूरी है, किन्तु कई परिस्थितियों में विदेशी कंपनियों के प्रवेश से छोटे उद्योग इस प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर पाते हैं और इसका उनके कारोबार पर खासा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही विविध उत्पादों का विकल्प मौजूद होने से स्थानीय उत्पादों की मांग भी कम हो सकती है।
आर्थिक असमानता
जैसा कि हमनें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के फ़ायदों में जाना FTA किसी देश के आर्थिक विकास की गति को बढ़ा सकता है, इसके परिणामस्वरूप देश के कई क्षेत्रों खासकर तकनीकी नवाचार में तो तेजी से विकास होता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में विकास दर धीमी रह जाती है और इससे आर्थिक असमानता बढ़ सकती है।
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के उदाहरण
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के उदाहरणों की बात करें तो यूरोपीय संघ (European Union) वर्तमान में इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण है। इसके सदस्य देश व्यापार के लिहाज से एक सीमाहीन इकाई का निर्माण करते हैं और इनमें से अधिकांश देशों द्वारा यूरो को मुद्रा के रूप में अपनाना इस प्रक्रिया को बेहद आसान कर देता है।
इसके अलावा कुछ अन्य FTAs तथा उनके सदस्य देशों के बारे में आप नीचे देख सकते हैं
नाम | सदस्य देश |
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NAFTA | अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको |
AfCFTA | इरिट्रिया को छोड़कर सभी अफ्रीकी देश |
ChAFTA | चीन एवं ऑस्ट्रेलिया |
SAFTA | भारत, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान एवं मालदीव |
ISLFTA | भारत एवं श्रीलंका |
ISCECA | भारत एवं सिंगापुर |
JICEPA | भारत एवं जापान |
सार-संक्षेप
FTA या फ्री ट्रेड एग्रीमेंट या मुक्त व्यापार समझौता सामान्यतः किन्हीं दो या दो से अधिक देशों के बीच होने वाला एक समझौता है, जिसके अंतर्गत ये सभी देश आपसी ट्रेड को बढ़ावा देने की दिशा में काम करते हैं।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ये देश टैरिफ दरों को कम कर सकते हैं, आयात-निर्यात नीतियों में सुधार कर सकते हैं, आयात-निर्यात की मात्रात्मक सीमा को हटा सकते हैं तथा व्यापारिक मानकों और नियमों को एक समान बना सकते हैं।