देश भर के करोड़ों यूजर्स, हर दिन हजारों करोड़ रुपयों का लेन-देन UPI के जरिये पूरा करते हैं। NPCI के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2023 में UPI के माध्यम से 1140 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन किये गए, जिनका कुल मूल्य 17,15,768.34 करोड़ रुपये था। ऐसे में यदि आप भी विभिन्न प्रकार के पेमेंट करने के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके बेहद काम की हो सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार UPI पेमेंट को लेकर कुछ नए नियम लागू करने जा रही है जिनका उद्देश्य आर्थिक धोखाधड़ी को कम करना है।
रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में आर्थिक फ्रॉड के कुल 13,530 मामले दर्ज किये गए जिनके माध्यम से तकरीबन 30,252 करोड़ की धोखाधड़ी हुई और इनमें से लगभग आधे (49 फीसदी) मामले डिजिटल पेमेंट से जुड़े हैं।
UPI पेमेंट से जुड़ा नया नियम
बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अब IMPS, RTGS तथा Unified Payments Interface (UPI) के माध्यम से होने वाले ट्रांजेक्शन में कुछ बदलाव करने जा रही है। इसके तहत अब किन्हीं दो यूजर्स के बीच होने वाले शुरुआती ट्रांजेक्शन को पूरा होने में कम से कम 4 घंटों का समय लगेगा।
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ट्रांजेक्शन पूरा होने में 4 घंटों की देरी के पीछे मुख्य कारण यह है कि किसी फ्रॉड ट्रांजेक्शन की स्थिति में व्यक्ति के पास उसे रद्द कर ट्रांजेक्शन को रिवर्स करने का विकल्प मौजूद होगा। गौरतलब है कि यह नियम केवल किन्हीं दो यूजर्स के बीच प्रारंभिक तथा 2000 रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन पर ही लागू होगा।
वर्तमान में UPI एकाउंट बनाने के पश्चात होने वाले पहले ट्रांजेक्शन के संबंध में पेमेंट में देरी या ट्रांजेक्शन लिमिट जैसी सुविधा उपलब्ध है। उदाहरण के लिए जब कोई यूजर एक नया UPI एकाउंट बनाता है, तो वह पहले 24 घंटों में अधिकतम 5,000 रुपये ही ट्रांसफर कर सकता है, लेकिन नए नियम के बाद अब इसे ऐसे प्रत्येक ट्रांजेक्शन के लिए लागू किया जाएगा जो किन्हीं दो यूजर्स के बीच होने वाला पहला ट्रांजेक्शन है।