हम सभी आर्थिक रूप से एक सशक्त भविष्य की चाह में अपनी आय के एक हिस्से को कहीं न कहीं निवेश करते हैं, निवेश के ये विकल्प अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। इनमें कुछ बेहद सुरक्षित विकल्प हैं जैसे FD, RD, सरकारी बचत योजनाएं, सरकारी बॉन्ड आदि जबकि कुछ विकल्पों में रिटर्न और जोखिम दोनों अधिक हैं जैसे शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, कॉर्पोरेट बॉन्ड, क्रिप्टोकरेंसी इत्यादि।
इस लेख में आज हम चर्चा करने जा रहे हैं निवेश के ऐसे ही एक विकल्प की जिसे SIP कहा जाता है। लेख में आगे विस्तार से जानेंगे SIP क्या है? SIP की फुल फॉर्म क्या होती है? SIP कैसे काम करता है? इसके कितने प्रकार हैं तथा SIP में निवेश करने के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं
SIP क्या है?
SIP को जानने से पहले आपके लिए आवश्यक है कि, आप म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के विषय में कुछ मुख्य बातों को समझ लें, शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में आप सभी जानते हैं लेकिन यदि आप चाहते हैं कि, शेयर बाजार का कोई जानकार व्यक्ति आपके पैसे शेयर बाजार में निवेश करे तो निवेश का यह तरीका म्यूचुअल फंड कहलाता है।
म्यूचुअल फंड में जैसा कि इसके नाम से भी पता चलता है, लाखों लोग मिलकर एक कॉमन फंड तैयार करते हैं और उस फंड को “फंड मैनेजर” द्वारा अलग-अलग वित्तीय उपकरणों जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड आदि में निवेश किया जाता है। निवेश से होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा म्यूचुअल फंड मैनेज करने वाली कंपनी रखती है तथा बाकी हिस्सा निवेशकों में बाँट दिया जाता है।
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म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो तरीके होते हैं पहला तरीका है आप एकमुश्त धनराशि को निवेश कर दें और दूसरा तरीका आप एक निश्चित समयांतराल जैसे साप्ताहिक, मासिक, त्रिमसिक, अर्द्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते रहें। म्यूचुअल फंड में निवेश करने का ये दूसरा तरीका ही SIP या SYSTEMATIC INVESTMENT PLAN कहलाता है।
म्यूचुअल फंड क्या है और कैसे काम करता है इसे विस्तार से पढ़ने के लिए ये लेख पढ़ें 👉 म्यूचुअल फंड क्या है, कितने प्रकार के होते हैं तथा म्यूचुअल फंड के नुकसान और फायदे
SIP या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को छोटे निवेशकों के लिए बनाया गया है, मान लीजिए कि आप म्युचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करने में सक्षम नहीं है तो आप एक निश्चित समायान्तराल में किस्तों के माध्यम से भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जिसकी शुरुआत 100 रुपये प्रति माह से होती है हालांकि यह न्यूनतम राशि फंड्स के अनुसार भिन्न हो सकती है।
SIP कैसे काम करता है?
आइए अब समझने का प्रयास करते हैं कि SIP कैसे काम करता है? किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको यह तय करना होता है कि आप किस तरीके से निवेश करना चाहते हैं। आप या तो एकमुश्त धनराशि (Lump-Sum Amount) निवेश कर सकते हैं या एक निश्चित धनराशि को पूर्व निर्धारित समयान्तराल पर निवेश कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए माना आप हर महीने की शुरुआत में 5,000 रुपये किसी खास फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो इस स्थिति में महीने की पहली तारीख को आपके बैंक अकाउंट से 5,000 रुपये डेबिट हो जाएंगे और उस तारीख को म्यूचुअल फंड की NAV का जो भी भाव होगा उसके अनुसार 5,000 रुपये की यूनिट आपके अकाउंट में क्रेडिट कर दी जाएंगी। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक आप अपनी SIP को जारी रखना चाहते हैं।
SIP में निवेश करने पर मुनाफा कैसे होगा?
किसी भी म्यूचुअल फंड की एक NAV या Nat Asset Value होती है, जिसका हमनें ऊपर भी जिक्र किया। जैसे कोई कंपनी अलग-अलग शेयरों में विभाजित होती है ठीक उसी प्रकार कोई म्यूचुअल फंड भी अलग-अलग हिस्सों में विभाजित होता है और इसके एक हिस्से या यूनिट को NAV कहा जाता है। इसी NAV के भाव में उतार-चढ़ाव आने से निवेशकों को फायदा या नुकसान होता है,
उमान लीजिए कि, आप SIP के माध्यम से किसी म्यूचुअल फंड में हर महीने 1,000 रुपये का निवेश आने वाले 20 सालों के लिए निवेश करते है, तो इस स्थिति में आप हर साल ₹12,000 और 20 सालों में कुल मिलाकर ₹2,40,000 रुपये का कुल निवेश कर चुके होंगे।
SIP पर मिलने वाले रिटर्न को अगर हम सालाना 12 फीसदी मान के चलें तो आपकी निवेश कि हुई रकम 20 सालों बाद बढ़कर ₹9,99,148 हो जाएगी, जो कि आपके कुल निवेश का लगभग चार गुना है।
SIP के कितने प्रकार हैं?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स यानी SIPs के मुख्यतः तीन प्रकार हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है-
#1 टॉप-अप एसआईपी
यह SIP का एक ऐसा प्रकार है जिसमें आप समय के साथ अपनी निवेश राशि में वृद्धि कर सकते हैं। यह प्लान ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प होता है जो आपनी आय में वृद्धि होने की स्थिति में निवेश की राशि को भी उसी अनुपात में बढ़ाना चाहते हैं अथवा अपनी निवेश राशि को महंगाई से मुक्त रखना चाहते हैं।
इस प्रकार की SIP का फायदा यह है कि निवेशक को अधिक निवेश करने के लिए किसी नई SIP को शुरू करने की जरूरत नहीं होती है वह पुरानी SIP में ही अधिक धनराशि निवेश कर सकता है।
#2 फ्लेक्सिबल एसआईपी
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है एक नियमित एसआईपी के विपरीत जहाँ निवेशक पूर्वनिर्धारित अंतराल पर एक निश्चित राशि को निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, Flexible SIP में निवेशक के पास निवेश की जाने वाली राशि को कम करने या बढ़ाने का विकल्प मौजूद रहता है। इस प्रकार की SIP उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकती है, जिनके पास नकदी का अनियमित प्रवाह है या जिनकी आर्थिक जरूरतें निरंतर बदलती रहती हैं।
#3 परपेचुअल एसआईपी
सामान्यतः किसी SIP की एक पूर्व निर्धारित समाप्ति तिथि होती है, जिसके बाद निवेशक निश्चित समयांतराल पर निवेश करने के लिए बाध्य नहीं रहता है। सामान्य SIP के विपरीत सतत या Perpetual SIP अनिश्चितकाल तक चलने वाली SIPs हैं, इनकी कोई परिपक्वता तिथि या Maturity Date नहीं होती है बल्कि जब तक निवेशक इसे समाप्त न करना चाहे ये जारी रहती हैं।
SIP में निवेश कैसे करें?
अगर आप भी SIP या Systematic Investment Plan में निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास ऑफ़लाइन या ऑनलाइन दोनों विकल्प मौजूद हैं। ऑनलाइन माध्यम से SIP में निवेश करने के लिए आप Zerodha Coin का इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा आप PayTm, PhonePe, Groww जैसी किसी भी एप्स के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
इसके साथ ही यदि आप ऑफ़लाइन तरीके से म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको एक फॉर्म भरना होगा, जिसे आप फंड हाउस से प्राप्त कर सकते हैं या उसकी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
इस फॉर्म को भर कर इसके साथ आपको KYC और ऑटो डेबिट फॉर्म (Auto Debit NACH Mandate) भी भरना होगा, अंत में इन सभी दस्तावेजों को आपको AMC (Asset Management Company) के नजदीकी शाखा कार्यालय में जमा करना होगा।
SIP में निवेश करने के फायदे
- SIP की सबसे खास बात है कि, इसमें आप कम से कम 100 रुपए से निवेश शुरू कर सकते है। निवेश करने के लिए आपके पास एक बड़ी रकम का होना जरूरी नहीं है, इसी के चलते कोई भी आम इंसान SIP मे निवेश कर पाता है।
- SIP एक बेहतरीन निवेश प्लान है, जो आपको एक अनुशासित निवेशक बनाता है। एक बार SIP शुरू करने के पश्चात आपको निवेश करने के लिए किसी बेहतर अवसर का इंतजार नहीं करना होता।
- आप अपनी मर्जी के अनुसार अपनी निवेश राशि को कम या ज्यादा कर सकते हैं हालांकि यह SIP के प्रकार पर निर्भर करता है।
- SIP से मिलने वाला मुनाफा या रिटर्न निवेश के बाकी पारंपरिक विकल्पों जैसे FD, RD आदि की तुलना में कई ज्यादा होता है।
- SIP में एक निश्चित समयांतराल पर आपके बैंक अकाउंट से पैसे ऑटो डेबिट होकर म्यूचुअल फंड में निवेशित हो जाते हैं अतः आपको इनवेस्टमेंट के लिहाज से बहुत अधिक मेहनत करने की जरूरत नहीं होती।
SIP में निवेश करने के नुकसान
- SIP में प्राप्त मुनाफा शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, अतः यह अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक जोखिम भरा है। शेयर बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।
- म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर निवेशकों को अपने प्रॉफ़िट से एक हिस्सा ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी अथवा फंड मैनेजर को भी देना होता है, ये शुल्क एसआईपी के कुल रिटर्न को कम कर देते हैं।
- SIP में निवेश करने पर निवेशक के पास फंड का सीमित नियंत्रण होता है, निवेशक का पैसा कहाँ निवेश किया जाना है यह पूर्णतः फंड मैनेजर पर निर्भर करता है।
सार-संक्षेप
SIP या Systematic Investment Plan म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने का एक बेहतरीन और अनुशासित तरीका है जिसमें निवेशक एकमुश्त कोई धनराशि निवेश करने के बजाए एक निश्चित राशि को पहले से निर्धारित समयांतराल में निवेश करते हैं। यह प्रक्रिया ऑटोमेटिक रूप से संपादित होती है, निवेशकों के बैंक अकाउंट से मासिक, त्रिमसिक, अर्द्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर निवेश की जाने वाली राशि ऑटो डेबिट हो जाती है।