फ्रैंचाइज़ बिजनेस क्या है?
खुद का कारोबार शुरू करने के संबंध में आपने फ्रैंचाइज़ अथवा फ्रैंचाइजी इन शब्दों को अवश्य सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं फ्रैंचाइज बिजनेस क्या होता है और फ्रैंचाइजी किसे कहते हैं?
फ्रैंचाइज (Franchise) एक ऐसा बिजनेस मॉडल है, जिसमें किसी व्यवसाय का मालिक (फ़्रैंचाइज़र), किसी अन्य व्यक्ति (फ्रैंचाइज़ी) को अपने बिजनेस सिस्टम का उपयोग करते हुए कारोबार करने या वस्तुओं एवं सेवाओं को बेचने का अधिकार प्रदान करता है।
फ्रैंचाइजर की व्यवसाय प्रणाली (Business System) के अंतर्गत उसके व्यवसाय का नाम, प्रतीक चिन्ह, उत्पाद, उत्पादन की प्रक्रिया, ट्रेडमार्क इत्यादि शामिल होते हैं। फ्रैंचाइज़िंग लाइसेंस प्राप्त करने के बदले में, फ्रैंचाइज़ी आमतौर पर फ्रैंचाइज़र को एक शुरुआती स्टार्ट-अप शुल्क के साथ वार्षिक रूप से रॉयल्टी (Royalty) का भुगतान भी करता है।
ऊपर बताए गए बिजनेस मॉडल को फ्रैंचाइज़ (Franchise) बिजनेस कहा जाता है, जबकि मूल व्यवसाय के मालिक को फ्रैंचाइज़र (Franchiser) तथा फ्रैंचाइजिंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले व्यक्ति को फ्रैंचाइज़ी (Franchisee) कहा जाता है, बता दें कि लेख में आगे इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
फ्रैंचाइज़ बिजनेस मॉडल की उपयोगिता
ऊपर हमनें फ्रैंचाइज बिजनेस या जिसे आमतौर पर फ्रैंचाइजी बिजनेस (Franchisee Business) भी कहा जाता है के बारे में समझा, ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि कोई व्यवसाय अथवा व्यक्ति फ्रैंचाइजी बिजनेस मॉडल को क्यों अपनाता है?
गौरतलब है फ्रैंचाइज मॉडल, फ्रैंचाइज़र तथा फ्रैंचाइजी दोनों के लिए फायदेमंद होता है। जब कोई उद्यमी अपने कारोबार की भौगोलिक पहुँच को बढ़ाना चाहता है या अपनी बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि करना चाहता है तो वह अपने बिजनेस की फ्रैंचाइजी देने पर विचार कर सकता है।
वहीं फ्रैंचाइज़ी (Franchisee) के लिहाज से देखें तो यह मॉडल उसे पहले से जमे हुए (Well Established) कारोबार को चलाने का मौका देता है, जो खुद के व्यवसाय को शुरुआत से विकसित करने की तुलना में कहीं सस्ता और आसान है।
फ्रैंचाइज़ बिजनेस कैसे काम करता है?
फ्रैंचाइज मॉडल के तहत फ्रैंचाइज़र और फ्रैंचाइजी दोनों के मध्य एक अनुबंध (Contract) होता है, जो इन दोनों पक्षों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है। आमतौर पर इस समझौते के तहत फ्रैंचाइजी को मूल व्यवसाय के नाम, उत्पाद, बिजनेस मॉडल इत्यादि का इस्तेमाल करने का अधिकार मिलता है, जबकि फ्रैंचाइज़र को इस समझौते के तहत आर्थिक लाभ होता है।
उक्त समझौते के अनुसार फ़्रैंचाइज़र को तीन तरीके से आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। इनमें पहला है अग्रिम शुल्क (Upfront Fee) जो फ़्रैंचाइज़ी द्वारा बिजनेस के नियंत्रित अधिकार (Controlled Rights)1 खरीदने की एवज में दिया जाता है।
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अग्रिम भुगतान के अलावा फ़्रैंचाइजर्स अधिकांश परिस्थितियों में फ़्रैंचाइज़ी को जरूरी प्रशिक्षण (Training), उपकरण तथा व्यवसाय से जुड़ी सलाहकार सेवाएँ भी प्रदान करते हैं, ताकि उनके उत्पादों की गुणवत्ता एक जैसी बनी रहे और इसके लिए वे फ़्रैंचाइज़ी से कुछ शुल्क भी वसूलते हैं।
अंत में तीसरे तरीके से प्राप्त होने वाले भुगतान की बात करें तो यह फ़्रैंचाइज़ी द्वारा करी जाने वाली बिक्री (Sales) में हिस्सेदारी है, जिसे रॉयल्टी कहा जाता है, यह बिक्री का कुछ फीसदी होता है।
फ्रैंचाइज़ बिजनेस के प्रकार
फ्रैंचाइज़ बिजनेस को कारोबार की प्रकृति और संचालन के आधार पर कई तरीकों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं
- बिज़नेस फॉर्मेट फ्रैंचाइज़
- प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन फ्रैंचाइज़
- मैन्युफैक्चरिंग फ्रैंचाइज़
- बिज़नेस सर्विस फ्रैंचाइज़
#1 बिज़नेस फॉर्मेट फ्रैंचाइज़
यह फ्रैंचाइज़ व्यवस्था का सबसे कॉमन प्रकार है जिसमें फ्रैंचाइज़र, फ्रैंचाइजी को अपनी ब्रांड वैल्यू और बिजनेस मॉडल का उपयोग करते हुए कारोबार करने की अनुमति देता है।
इस मॉडल के तहत फ्रैंचाइज़ी को मूल कंपनी के दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन करना होता हैं। फास्ट-फूड चेन जैसे KFC, Burger King, McDonald's इत्यादि इसके मुख्य उदाहरण हैं।
#2 प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन फ्रैंचाइज़
इस प्रकार की फ्रैंचाइज़ में फ्रैंचाइज़र अपने ब्रांड के नाम का इस्तेमाल करते हुए उत्पादों को बेचने का अधिकार फ्रैंचाइजी को देता है। इसके उदाहरणों में ऑटोमोबाइल डीलरशिप, Coca-Cola एवं PEPSI जैसी कंपनियों द्वारा अपने पेय पदार्थों का फ्रैंचाइज़ बॉटलर्स के माध्यम से वितरण शामिल है।
#3 मैन्युफैक्चरिंग फ्रैंचाइज़
मैन्युफैक्चरिंग फ्रैंचाइज़ में फ़्रैंचाइज़र फ्रैंचाइज़ी को अपनी ब्रांड वैल्यू और ट्रेडमार्क के तहत सामान का उत्पादन और वितरण करने का अधिकार देता है। इस मॉडल के तहत फ्रैंचाइज़ी फ़्रैंचाइज़र के विनिर्माण दिशानिर्देशों, गुणवत्ता मानकों एवं ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करता है।
#4 बिज़नेस सर्विस फ्रैंचाइज़
इस प्रकार की फ्रैंचाइज़ में, सेवा आधारित व्यवसायों (Service Based Business) का संचालन शामिल है, इसके तहत फ्रैंचाइजी को फ्रैंचाइजर के नाम का इस्तेमाल करते हुए व्यावसायिक सेवाएं प्रदान करने का अधिकार दिया जाता है। इसके उदाहरणों में शिक्षा संस्थान, वित्तीय सेवाएं आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।
#5 कुछ अन्य प्रकार
ऊपर बताए गए चार मुख्य प्रकारों के अलावा इसके कुछ अन्य प्रकार भी हैं, जिनमें कन्वर्जन फ्रैंचाइज़, इन्वेस्टमेंट फ्रैंचाइज़, मास्टर फ्रैंचाइज़, सिंगल एवं मल्टी यूनिट फ्रैंचाइज़ आदि शामिल हैं।
फ्रैंचाइज़ बिजनेस के फायदे एवं नुकसान
हालांकि फ्रैंचाइज़ बिजनेस अधिकांश परिस्थितियों में दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद ही होता है, किन्तु इस बिजनेस मॉडल में नुकसान होने की संभावना भी बनी रहती है। फ्रैंचाइज़ बिजनेस से जुड़े कुछ प्रमुख फायदे एवं नुकसान निम्नलिखित हैं
फ्रैंचाइज़ बिजनेस के फायदे | फ्रैंचाइज़ बिजनेस के नुकसान |
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फ्रैंचाइज़ी को रेडी-मेड बिजनेस अथवा पहले से स्थापित ब्रांड और ग्राहक आधार मिलता है। | सभी स्थानों पर उत्पादों की समान गुणवत्ता सुनिश्चित कर पाना कठिन हो सकता है, जिससे ब्रांड की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है। |
फ्रैंचाइज़ मॉडल के साथ व्यवसाय बहुत कम समय में शुरू किया जा सकता है। | कई स्थितियों में फ्रैंचाइज़ी को बिजनेस से अनुमानित रिटर्न नहीं मिल पाता और उसे नुकसान उठना पड़ता है |
इससे व्यवसायों को दुनियाभर में अपनी पहुँच बढ़ाने मे मदद मिलती है, जो उनके लिए स्वयं करना संभव नहीं हो पाता | फ्रैंचाइजी बहुत हद तक स्वतंत्र होते हैं, इसलिए फ्रैंचाइज़र का उन पर सीधा नियंत्रण सीमित होता है। |
फ्रैंचाइज़र को नियमित रूप से रॉयल्टी और फ्रैंचाइज फीस के माध्यम से आय प्राप्त होती रहती है। | फ्रैंचाइज़ी की विफलता से फ्रैंचाइज़र की वित्तीय स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। |
अधिक स्थानों पर ब्रांड की उपस्थिति से ग्राहकों की वफादारी तथा ब्रांड की बाजार में कीमत बढ़ती है। | फ्रैंचाइज़र को गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए निरंतर प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों पर ध्यान देना पड़ता है |
फ्रैंचाइज बिजनेस कैसे शुरू करें?
यदि आप भी फ्रैंचाइज बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो आसानी से ऐसा कर सकते हैं, इसके लिए सबसे पहले आपको किसी बिजनेस मॉडल का चुनाव करना होगा, जिसमें आपकी रुचि है उदाहरण के लिए फास्ट-फूड चेन, रिटेल स्टोर, ऑटोमोबाइल डीलरशिप, कूरियर सर्विस या कोई अन्य बिजनेस।
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बिजनेस मॉडल का चुनाव कर लेने के बाद आपको उस मॉडल पर कार्य कर रहे किसी प्रतिष्ठित बिजनेस का चुनाव करना होगा, उदाहरण के लिए यदि आप फास्ट फूड चेन से जुड़ा बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो KFC, McDonald's, Domino's, Burger King इत्यादि कुछ बड़े नाम हैं।
अपने मनचाहे ब्रांड का चयन कर लेने के पश्चात आप ब्रांड से संपर्क कर फ्रैंचाइजी के लिए आवेदन कर सकते हैं और यदि आप बिजनेस की सभी शर्तों को पूरा करते हैं तथा जरूरी योग्यता मानकों पर खरा उतरते हैं तो अपना फ्रेंचाइज बिजनेस शुरू कर पाएंगे।
सार-संक्षेप
फ्रैंचाइज एक प्रकार का बिजनेस मॉडल है, जिसके तहत कोई स्थापित ब्रांड नए बाजारों में अपनी पहुँच बढ़ाने के उद्देश्य से किसी अन्य व्यक्ति / व्यक्तियों के समूह / कंपनी इत्यादि को यह अधिकार देता है कि वे उनके बिजनेस का नाम तथा बिजनेस मॉडल का इस्तेमाल करते हुए कारोबार कर सकें।
ब्रांड मालिक या फ्रैंचाइजर के अलावा फ्रैंचाइजी के लिए भी यह बिजनेस मॉडल फायदेमंद होता है, क्योंकि उन्हें रेडी-मेड ब्रांड वैल्यू तथा ग्राहक आधार (Costumer Base) प्राप्त होता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति को KFC का फ्राइड चिकन पसंद है तो उसे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि, उसके नजदीकी KFC आउटलेट का फ्रैंचाइजी या फ्रैंचाइज ऑनर कौन है।
- नियंत्रित अधिकार एक व्यापक श्रेणी के कानूनी अधिकार होते हैं, जिनका उपयोग कंपनियां अपनी व्यापारिक संपत्तियों, प्रक्रियाओं, ब्रांड की सुरक्षा और नियंत्रण के लिए करती हैं। उदाहरण के लिए ट्रेडमार्क, कॉपीराइट इत्यादि ↩︎