हाल ही में भारत सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने आयकर विभाग के PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य पैन और टैन प्रबंधन प्रणालियों को बेहतर बनाना और उनका डिजिटलीकरण करना है। पैन 2.0 ई-गवर्नेंस की दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम है, जो मौजूदा पैन कार्ड सेवाओं को अधिक सुरक्षित, तेज़ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने में खासा सहायक होगा।
आइए इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं कि, भारत सरकार का प्रोजेक्ट PAN 2.0 क्या है, यह पुरानी पैन व्यवस्था से कैसे अलग है तथा सबसे अधिक पूछा जा रहा प्रश्न क्या पैन 2.0 के बाद मौजूदा कार्ड धारकों को नया पैन कार्ड बनवाना होगा या वे पहले की तरह अपने पुराने पैन का इस्तेमाल कर पाएंगे।
PAN 2.0 क्या है?
पैन यानी परमानेंट अकाउंट नंबर भारत में आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाने वाला एक अद्वितीय अल्फ़ान्यूमेरिक पहचान संख्या है। इसे व्यक्ति, कंपनी या अन्य संस्थानों के लिए वित्तीय लेन-देन और कर-संबंधी प्रक्रियाओं को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इसी पैन व्यवस्था को अब सरकार अपग्रेड करने या दूसरे शब्दों में डिजिटल बनाने जा रही है और इसके लिए पैन 2.0 प्रोजेक्ट शुरू किया गया है ताकि उपयोगकर्ताओं को पेपरलेस, तेज़ और सुरक्षित पैन सेवाएं प्रदान की जा सकें। इस प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट ने 1435 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
पैन 2.0 के तहत जारी किये जाने वाले पैन कार्ड बहुत हद तक पुराने पैन जैसे ही होंगे, लेकिन पुराने कार्ड के विपरीत उनमें एक QR कोड भी मौजूद होगा, जिसमें उस पैन कार्ड धारक से जुड़ी जरूरी जानकारी होगी।
आपको बता दें कि, पैन कार्ड पर QR कोड का फीचर आयकर विभाग द्वारा विगत कुछ वर्षों से दिया जा रहा है, लेकिन PAN 2.0 के तहत यह और अधिक उन्नत तथा डायनामिक होगा।
पैन 2.0 के क्या फायदे हैं?
पैन 2.0 कई मायनों में पुरानी पैन व्यवस्था से अलग होगा, इसकी कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं
एकीकृत पोर्टल: अभी तक पैन सेवाएँ तीन अलग-अलग पोर्टल (ई-फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गवर्नेंस पोर्टल) पर संचालित होती हैं। पैन 2.0 परियोजना सभी पैन/टैन सेवाओं को एक एकीकृत आईटीडी पोर्टल पर समेकित करेगी। यह केंद्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म PAN/TAN आवंटन, अपडेशन, संशोधन, ऑनलाइन पैन सत्यापन, आधार-पैन लिंकिंग, ई-पैन अनुरोध और पैन कार्ड पुनर्मुद्रण आवेदन सहित व्यापक सेवाएँ प्रदान करेगा।
पेपरलेस प्रक्रिया: PAN 2.0 के तहत पैन से जुड़ी सभी सेवाओं को पूरी तरह डिजिटल अर्थात पेपरलेस करते हुए पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा।
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टैक्सपेयर्स को सुविधा: पैन 2.0 के तहत पैन आवंटन, अपडेशन और सुधार निःशुल्क किए जाएंगे, साथ ही ई-पैन दस्तावेज़ पंजीकृत ई-मेल पतों पर भेजे जाएंगे। भौतिक पैन कार्ड के लिए अलग से आवेदन करना होगा और घरेलू डिलीवरी के लिए 50 रुपये का शुल्क देना होगा।
सुरक्षित डेटा प्रबंधन: पैन 2.0 में “पैन डेटा वॉल्ट” जैसी नई प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी को डिजिटल फॉर्मेट में एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित रूप में संग्रहित करेगा।
डायनामिक QR कोड: पैन 2.0 में पैन कार्ड पर एक QR कोड मौजूद रहेगा, जिसमें कार्डधारक की महत्वपूर्ण जानकारी जैसे नाम, पिता/माता का नाम, जन्मतिथि और हस्ताक्षर सहित फ़ोटोग्राफ़ सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्टेड रहेंगी। इस कोड का उपयोग PAN कार्ड के प्रमाणीकरण और विवरण की तेज़ी से पुष्टि के लिए किया जा सकेगा।
क्या आपको नया पैन कार्ड बनाना होगा?
पैन 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद से ही यह प्रश्न खासा चर्चाओं में है। गौरतलब है कि पुराने पैन कार्ड धारकों को नया पैन कार्ड बनवाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि वे अपना नया QR युक्त कार्ड प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।
पैन 2.0 के लिए आवेदन कैसे करें?
पैन 2.0 के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया अब काफी सरल और पेपरलेस हो गई है। पैन 2.0 के लिए आवेदन करने के लिए आप आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि वर्तमान में NSDL की वेबसाइट के माध्यम से भी नए पैन के लिए आवेदन किया जा सकता है, लेकिन आने वाले समय में पैन से जुड़ी सभी सेवाओं को एकीकृत पोर्टल से संचालित किया जाएगा।
सार-संक्षेप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने आयकर विभाग के लिए PAN 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। यह अब तक चली आ रही PAN 1.0 का अपग्रेडेड वर्जन होगा।
पैन 2.0 प्रोजेक्ट टैक्सपेयर्स के लिए PAN/TAN सर्विसेज को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है, ताकि टैक्सपेयर्स को बेहतर डिजिटल अनुभव मिले और उनके डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही नई पैन व्यवस्था (PAN 2.0) के चलते आयकर विभाग के कामकाज में भी तेजी और पारदर्शिता आएगी।