कोई भी निवेशक शानदार रिटर्न पाने के उद्देश्य से शेयर बाजार में निवेश करता है, लेकिन बहुत कम लोग ही अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर पाते हैं। शेयर बाजार में किया गया कोई निवेश सफल रहे, यह कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कंपनी का फंडामेंटल या टेक्निकल एनालिसिस, निवेश की रणनीति, बाजार की दिशा इत्यादि।
इन्हीं में एक शेयर मार्केट के प्रमुख इवेंट्स या घटनाएं भी हैं, जिन पर अपनी नजर बनाए रखना एक सफल निवेशक बनने के लिए बेहद जरूरी है। शेयर मार्केट से जुड़ी ऐसी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं की आज इस लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे और साथ ही यह भी जानेंगे कि, इन इवेंट्स का किसी निवेशक के लिए क्या मतलब है।
शेयर मार्केट के प्रमुख इवेंट्स
शेयर बाजार में निवेश अथवा ट्रेडिंग के दौरान कुछ महत्वपूर्ण इवेंट्स पर नजर रखना बेहद जरूरी है। ये इवेंट्स बाजार की दिशा और व्यक्तिगत स्टॉक्स की कीमतों पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।
ऐसे इवेंट्स में कंपनियों की अर्निंग्स रिपोर्ट, डिविडेंड की घोषणा, मैक्रोइकोनॉमिक इवेंट्स, मर्जर और एक्विजिशन, शेयर बायबैक, स्टॉक स्प्लिट और बोनस इश्यू आदि शामिल हैं। आइए एक-एक कर जानते हैं कि इन इवेंट्स का क्या मतलब है और इन पर नजर रखकर कैसे कोई निवेशक मुनाफा कमा सकता है।
#1 कंपनियों की अर्निंग्स रिपोर्ट
अर्निंग्स रिपोर्ट (Earnings Reports) किसी सार्वजनिक कंपनी द्वारा जारी किया गया एक आधिकारिक वित्तीय दस्तावेज है, जो एक निश्चित अवधि के लिए कंपनी की कमाई, उसके खर्च तथा कुल लाभ को दर्शाता है। अर्निंग्स रिपोर्ट को लाभ और हानि विवरण (P&L Statement) भी कहा जा सकता है।
कंपनियां अपनी अर्निंग रिपोर्ट आमतौर पर हर तिमाही (Quarterly) या हर छह महीने में जारी करती हैं। हालांकि, कुछ कंपनियां साल में एक बार भी अपनी अर्निंग रिपोर्ट जारी करती हैं। निवेशक किसी कंपनी की अर्निंग रिपोर्ट का विश्लेषण करके उसकी वित्तीय स्थिति का पता लगा सकते हैं और निवेश संबंधी निर्णय ले सकते हैं।
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कोई भी कंपनी अपने प्रदर्शन एवं आगामी वित्तीय परिणामों के संबंध में अनुमानित आंकड़े जारी करती है अतः किसी कंपनी की अर्निंग्स रिपोर्ट के जरिए निवेशक यह अंदाजा लगा पाते हैं कि क्या कंपनी ने अपने अनुमानित लक्ष्य को हासिल किया है, उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है अथवा कंपनी अपने लक्ष्यों पर खरा नहीं उतरी है।
#2 डिविडेंड की घोषणा
कई कंपनियाँ अपने शेयरधारकों को डिविडेंड (Dividend) यानी कंपनी को हुए मुनाफे का एक हिस्सा देती हैं। डिविडेंड के संबंध में होने वाली घोषणाओं पर नजर रखना किसी निवेशक को दो तरीके से फायदा पहुंचा सकता है।
ऐसी घोषणाओं के बाद शेयर की कीमतों में आमतौर पर बढ़ोतरी देखी जाती है, जिससे अल्पकालिक लाभ कमाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त समय पर ऐसे इवेंट्स का पता चलने पर निवेशक रिकॉर्ड डेट (Record Date) से पहले कंपनी के स्टॉक्स खरीद सकते हैं और डिविडेंड प्राप्त कर सकते हैं।
शेयर मार्केट में रिकॉर्ड डेट वह तारीख होती है, जिसका इस्तेमाल डिविडेंड वितरण, बोनस इश्यू, शेयर बायबैक आदि इवेंट्स में शेयरधारकों की योग्यता का निर्धारण करने के लिए किया जाता है। ऊपर वर्णित लाभ केवल उन्हीं निवेशकों को मिलते हैं, जिनके डीमैट अकाउंट में रिकॉर्ड डेट को कंपनी के शेयर मौजूद थे।
#3 मैक्रोइकोनॉमिक इवेंट्स
मैक्रोइकोनॉमिक इवेंट्स (Macroeconomic Events) ऐसी घटनाएं हैं, जो किसी देश या पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती हैं। चूँकि ये अर्थ जगत में अच्छा खासा प्रभाव डालती हैं अतः ऐसी घटनाओं पर अपनी नजर रखना किसी भी निवेशक को वित्तीय रूप से फायदा पहुंचा सकता है।
इन घटनाओं में मुख्य रूप से केन्द्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियाँ, सरकारों की राजकोषीय नीतियाँ, जीडीपी (GDP) ग्रोथ रेट, बेरोजगारी दर, मुद्रा विनिमय दरें, मुद्रास्फीति प्राकृतिक आपदाएँ तथा वैश्विक घटनाएं जैसे युद्ध, व्यापार समझौते इत्यादि शामिल हैं।
सरकार और केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए विभिन्न कदम जैसे केन्द्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती, सरकार द्वारा सरकारी खर्च में वृद्धि एवं टैक्स की दरों में कटौती, व्यापारिक माहौल में सुधार, विदेशी निवेश को प्रोत्साहन, नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा ऐसे कुछ उदाहरण हैं, जो निवेशकों को सीधे और परोक्ष रूप से लाभ पहुंचाते हैं।
#4 शेयर बायबैक
शेयर बायबैक एक अन्य कॉर्पोरेट रणनीति है, जिसके तहत कंपनियाँ बाजार में ट्रेड होने वाले अपने शेयरों को वापस खरीद लेती हैं। शेयर मार्केट से जुड़े इस महत्वपूर्ण इवेंट पर नजर रखते हुए निवेशक अच्छी कमाई कर सकते हैं।
दरअसल शेयर बायबैक के पश्चात बाजार में ट्रेड होने वाले कंपनी के शेयरों की संख्या कम हो जाती है और इससे उसकी कीमतों में वृद्धि देखने को मिलती है। इसके साथ ही शेयरों की पुनर्खरीद (Share Buyback) के लिए कंपनियाँ वर्तमान बाजार कीमत से अधिक कीमत ऑफर करती हैं।
हालिया उदाहरण को देखें तो Welspun Living Ltd के एक शेयर की वर्तमान कीमत 183.40 रुपये के करीब है, जबकि कंपनी ने बायबैक के लिए 220 रुपये प्रति शेयर का ऑफर निवेशकों को दिया है।
गौरतलब है कि, शेयर बायबैक की रिकॉर्ड डेट 5 अगस्त 2024 है अतः आप भी अगर इस मौके का फायदा उठना चाहते हैं तो 5 तारीख से पहले कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं।
#5 मर्जर और एक्विजिशन
मर्जर और एक्विजिशन दो महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट इवेंट्स हैं, जो शेयर बाजार को खासा प्रभावित करते हैं। ये निर्णय किसी कंपनी का विस्तार या उसका पुनर्गठन करने के उद्देश्य से लिए जाते हैं।
मर्जर तब होता है जब दो कंपनियाँ आपस में मिलकर एक नई कंपनी बनाती हैं। इस प्रक्रिया में शामिल कंपनियों के शेयरधारकों को नई कंपनी के शेयर मिलते हैं। वहीं एक्विजिशन की स्थिति में एक कंपनी दूसरी कंपनी को पूर्ण रूप से खरीद लेती है। इसमें खरीदी गई कंपनी की संपत्ति, देनदारियाँ और व्यवसाय खरीदार कंपनी के स्वामित्व में आ जाता है।
कई स्थितियों में मर्जर और एक्विजिशन जैसी घटनाएं निवेशकों को शॉर्ट टर्म तथा लॉन्ग टर्म दोनों तरीके से लाभ कमाने का अवसर प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई बड़ी कंपनी, सामान्य से नीचे प्रदर्शन करने वाली किसी कंपनी को खरीद ले तो निवेशकों का छोटी कंपनी के प्रति भी विश्वास बढ़ने लगता है और उसके शेयरों की कीमतों में शॉर्ट टर्म एवं लॉन्ग टर्म दोनों अवधियों में वृद्धि देखने को मिलती है।
#6 बाजार से जुड़ी अन्य घटनाएं
इसके अलावा बाजार से जुड़ी कुछ अन्य घटनाएं भी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं, इनमें बोनस इश्यू, स्टॉक स्प्लिट, नए उत्पाद लॉन्च करना, किसी अन्य कंपनी से कोई समझौता इत्यादि शामिल हैं।
निष्कर्ष
जैसा कि हमनें पूर्व में बताया शेयर बाजार से मुनाफा कमाना कई कारकों पर निर्भर करता है, किन्तु यहाँ बताई गई विभिन्न घटनाओं का विश्लेषण कर निवेशक उचित समय पर निवेश संबंधित बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
कंपनियों की अर्निंग्स रिपोर्ट, डिविडेंड घोषणाएँ, मर्जर और एक्विजिशन तथा मैक्रोइकोनॉमिक इवेंट्स जैसे मौद्रिक नीति, सरकार की राजकोषीय नीति, जीडीपी वृद्धि दर, बेरोजगारी दर इत्यादि इवेंट्स निवेशकों के लिए लाभ के अवसरों के साथ-साथ चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करते हैं लिहाजा इन पर नजर बनाए रखना बेहद जरूरी है।
बाजार से जुड़ी विभिन्न घटनाओं का विश्लेषण कर निवेशक शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों अवधियों में कमाई कर सकते हैं। डिविडेन्ड की घोषणा, शेयर बायबैक, सरकारी घोषणाएं आदि कुछ ऐसी घटनाएं हैं जो शॉर्ट टर्म में शेयर की कीमतों में परिवर्तन करती हैं।
इसके अलावा मर्जर और एक्विजिशन, जीडीपी वृद्धि दर, बेहतर मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति जैसी कुछ घटनाओं के परिणामस्वरूप कंपनियों की वित्तीय स्थिति और विकास संभावनाएँ बेहतर हो सकती हैं।