Wednesday, December 4, 2024

Insider Trading in Hindi: इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है और कैसे करी जाती है?

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Insider Trading in Hindi: किसी सार्वजनिक कंपनी से जुड़ी गोपनीय अथवा गैर-सार्वजनिक जानकारी के आधार पर उस कंपनी के स्टॉक्स, बॉन्ड या किसी भी अन्य फाइनेंशियल इन्स्ट्रूमेंट्स में ट्रेड करना इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) कहलाता है, सामान्यतः यह एक गैर-कानूनी कृत्य है और इसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है।

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है? इसे आपने यहाँ संक्षेप में जाना, लेख में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे शेयर बाजार के इस महत्वपूर्ण विषय इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में, जानेंगे Insider Trading क्या है? इसे कैसे किया जाता है? Insider Trading गैर-कानूनी क्यों हैं तथा इनसाइडर ट्रेडिंग किसी अर्थव्यवस्था के लिए क्यों नुकसानदेह हैं।

Insider Trading क्या है?

वर्तमान दौर में शेयर बाजार में निवेश करना एक साधारण बात है। हम सभी किसी स्टॉक के संबंध में अच्छी-खासी रिसर्च करने के पश्चात उसमें निवेश करते हैं और यह शेयर बाजार में निवेश करने का एक पारदर्शी तरीका है, इसके विपरीत किसी कंपनी की गोपनीय या गैर-सार्वजनिक जानकारी का फायदा उठाते हुए उस कंपनी के स्टॉक, बॉन्ड आदि में ट्रेड करके मुनाफा कमाना इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) कहलाता है।

इनसाइडर ट्रेडिंग एक गैर-कानूनी प्रक्रिया है जिसके लिए विभिन्न प्रकार के दंडों का प्रावधान किया गया है। गोपनीय एवं गैर-सार्वजनिक जानकारी ऐसी जानकारी होती है, जो किसी निवेशक के स्टॉक्स, बॉन्ड आदि में निवेश करने के फैसले को प्रभावित कर सकती है। इस प्रकार की गोपनीय जानकारियों में कंपनी के आने वाले वित्तीय परिणाम, विलय एवं अधिग्रहण आदि शामिल हैं।

इनसाइडर कौन है?

इनसाइडर एक भीतरी व्यक्ति है, जिसके पास किसी कंपनी से जुड़ी गोपनीय एवं गैर-सार्वजनिक जानकारी का एक्सेस होता है। जानकारी का यह एक्सेस कंपनी में उसके पद या कंपनी से जुड़े व्यक्तियों जैसे टॉप-लेवल एग्जीक्यूटिव, डायरेक्टर, अधिकारी तथा गोपनीय डेटा का एक्सेस रखने वाले कर्मचारी से उसके संबंध के चलते हो सकता है।

यह महत्वपूर्ण जानकारी ऐसे व्यक्तियों (Insiders) को बुद्धिमानी से फाइनेंशियल निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जिसकी जानकारी आम निवेशकों को नहीं है। इस गोपनीय जानकारी में कंपनी की सिक्योरिटीज़ जैसे स्टॉक बॉन्ड आदि के मूल्य को प्रभावित करने की क्षमता होती है।

इनसाइडर ट्रेडिंग का उदाहरण

इनसाइडर ट्रेडिंग की पूरी प्रक्रिया को एक उदाहरण की सहायता से समझा जा सकता है, मान लें कोई व्यक्ति रमेश ABC कंपनी में किसी महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत है। कंपनी निकट भविष्य में कुछ नए उत्पादों को लॉन्च करने वाली है, जो उसके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उत्पादित नहीं किये जा रहे हैं, इस खबर के सार्वजनिक होने के बाद ABC कंपनी के स्टॉक्स में जबरजस्त उछाल आने की संभावना है।

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चूँकि रमेश को भी यह जानकारी प्राप्त है ऐसे में वह अच्छी-खासी मात्रा में कंपनी के स्टॉक्स खरीद लेता है, खबर के सार्वजनिक होने के दिन उम्मीद के मुताबिक कंपनी के शेयरों में तेजी दिखाई देती है और रमेश अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेता है।

इस पूरी प्रक्रिया में रमेश ने ऐसी जानकारी के आधार पर ट्रेड किया जो केवल उसके पास थी अतः यह एक बेईमानी से किया गया ट्रेड या बेईमानी से अर्जित किया गया लाभ होगा और पकड़े जाने की स्थिति में रमेश पर कठोर कार्यवाही करी जाएगी।

इनसाइडर ट्रेडिंग कैसे होती है?

कोई भी इनसाइडर व्यक्ति एक सुनियोजित तरीके से Insider Trading को अंजाम देता है, यह पूरी प्रक्रिया 4 अलग-अलग चरणों में पूरी होती है जिनमें 1) जानकारी जुटाना, 2) ट्रेड से जुड़ा निर्णय लेना, 3) ट्रेड निष्पादित करना और अंत में 4) लाभ अर्जित करना शामिल हैं।

सबसे पहले इनसाइडर व्यक्ति किसी भी गैर-सार्वजनिक या गोपनीय जानकारी को जुटाते हैं जो सार्वजनिक होने के पश्चात कंपनी के स्टॉक्स, बॉन्ड आदि की कीमतों को प्रभावित कर सकती है, इसके बाद वे जानकारी के अनुरूप ट्रेड से जुड़ा निर्णय लेते हैं जिसमें सिक्योरिटी को खरीदना या बेचना शामिल है।

उदाहरण के तौर पर यदि जानकारी ऐसी हो, जिससे स्टॉक्स की कीमतें बढ़ सकती हैं तो इनसाइडर स्टॉक्स में निवेश कर सकता है वहीं यदि जानकारी नकारात्मक हो तो वह स्टॉक्स में शॉर्ट पोजीशन बना सकता है अथवा पहले से खरीदे शेयर ऊँची कीमत में बेच सकता है।

शॉर्ट सैलिंग क्या है जिसमें पहले बेच कर बाद में खरीदे जाते हैं शेयर पढ़ने के लिए लिंक खोलें 👉 शेयर बाजार में Short Selling क्या होती है और इसे कैसे और क्यों किया जाता है?

तीसरे चरण में इनसाइडर व्यक्ति ट्रेड का निष्पादन करता है, ऐसा वह अपने किसी करीबी व्यक्ति, रिश्तेदार, दोस्त तथा ऑफशोर शैल कंपनियों के माध्यम से कर सकता है। अंतिम चरण में व्यक्ति गोपनीय जानकारी के सार्वजनिक होने का इंतजार करता है और जानकारी के सार्वजनिक होने के पश्चात सिक्योरिटी को बेच कर या शॉर्ट सैलिंग की स्थिति में खरीद कर मुनाफा कमाता है।

Insider Trading कब कानूनी होती है?

कोई व्यक्ति जो किसी कंपनी के लिए “इनसाइडर” है, यदि वह उस कंपनी से जुड़े फाइनेंशियल इन्स्ट्रूमेंट्स जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड, डिबेंचर्स आदि में नियम-कानूनों का पालन करते हुए ट्रेडिंग (खरीदना या बेचना) करता है तो वह इनसाइडर ट्रेडिंग के अपराध से बच सकता है।

इसमें पहले से सार्वजनिक की गई जानकारी के आधार पर ट्रेड करना, भविष्य में किसी ट्रेडिंग प्लान की पूर्व सूचना बाजार नियामक SEBI (Security and Exchange Board of India) को देना, आदि शामिल हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग का उद्देश्य गोपनीय जानकारी के जरिए अनुचित लाभ कमाना नहीं होता है।

Insider Trading कब गैर-कानूनी है?

ऐसी कोई भी ट्रेडिंग या वित्तीय उपकरणों की खरीद-फरोख्त जो किसी कंपनी की गोपनीय जानकारी के आधार पर करी गई हो तथा इसका मुख्य उद्देश्य निजी लाभ अर्जित करना हो गैर-कानूनी इनसाइडर ट्रेडिंग है।

भारत में इनसाइडर ट्रेडिंग को नियंत्रित करने के लिए कई कानून हैं, जिनमें भारतीय सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऍक्ट 1992, कंपनी ऍक्ट 2013 तथा Securities and Exchange Board of India (Prohibition of Insider Trading) Regulations, 2015 शामिल हैं।

इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए दंड

यदि कोई व्यक्ति इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी पाया जाता है तो उसे अपराध की गंभीरता को देखते हुए दंडित किया जा सकता है। इस अपराध के लिए दी जाने वाली सजाओं में आर्थिक जुर्माना, जेल तथा ट्रेडिंग से एक निश्चित अवधि या आजीवन प्रतिबंधित करना आदि शामिल हैं।

आर्थिक जुर्माने की बात करें तो यह इनसाइडर ट्रेडिंग के अपराध का दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर 250,000,000 रुपये या ट्रेडिंग से हुए लाभ का तीन गुना, जो भी अधिक हो लगाया जा सकता है। वहीं इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए जेल की अवधि अपराध की गंभीरता के आधार पर तय की जा सकती है।

इनसाइडर ट्रेडिंग के क्या नुकसान हैं?

इनसाइडर ट्रेडिंग जिसमें गैर-सार्वजनिक या आंतरिक जानकारी के आधार पर प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री करना शामिल है, वित्तीय बाजारों, निवेशकों और सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए ही बेहद खतरनाक है। इनसाइडर ट्रेडिंग वित्तीय बाजारों की निष्पक्षता और अखंडता को कमजोर करता है।

यह बाजार को लेकर घरेलू और विदेशी निवेशकों के विश्वास को भी खत्म करता है। कोई भी निवेशक एक पारदर्शी प्रक्रिया की उम्मीद में बाजार में प्रतिभाग करता है और जब निवेशकों को यह लगने लगे कि, इनसाइडर ट्रेडिंग के कारण स्टॉक्स की कीमतों में हेरा-फेरी की जा रही है तो इससे उनके आत्मविश्वास में कमी आती है और बाजार से उनकी हिस्सेदारी कम होने लगती है जो अर्थव्यवस्था के लिए कतई अच्छा नहीं हैं।

सार-संक्षेप

इनसाइडर ट्रेडिंग दो शब्दों इनसाइडर और ट्रेडिंग से मिलकर बना है। इनसाइडर से आशय ऐसे व्यक्ति से है जो किसी कंपनी का भीतरी व्यक्ति हो अथवा जिसके पास किसी कंपनी की गोपनीय या गैर-सार्वजनिक जानकारी का एक्सेस हो, ऐसा कोई व्यक्ति जब गैर-सार्वजनिक जानकारी का इस्तेमाल करते हुए कंपनी से जुड़ी सिक्योरिटीज में ट्रेड करता है तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहा जाता है।

इनसाइडर ट्रेडिंग एक गैर-कानूनी कृत्य है जिसके लिए आर्थिक जुर्माने समेत जेल का प्रावधान है, साथ ही इस अपराध के दोषी व्यक्ति को बाजार के क्रियाकलापों से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है। इनसाइडर ट्रेडिंग किसी वित्तीय बाजार समेत पूरी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक है।

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