IPO से कमाना चाहते हैं मुनाफा तो यहाँ जानें आईपीओ में पैसे लगाने का तरीका

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अगले हफ्ते यानी 22 जुलाई से 8 अलग-अलग कंपनियाँ अपना आईपीओ (IPO) लाने की तैयारी में हैं, आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग एक तरीका है, जिसके जरिये कंपनियाँ अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पब्लिक से पैसा इकट्ठा करती हैं और बदले में उन्हें कंपनी में हिस्सेदार बनाती हैं।

लेकिन अधिकांश निवेशक किसी आईपीओ में, कंपनी का हिस्सेदार बनने के लिए नहीं बल्कि शॉर्ट टर्म में मुनाफा कमाने के लिए निवेश करते हैं, ऐसे में यदि आप भी किसी IPO में निवेश कर कम समय में मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं लेकिन आईपीओ में निवेश कैसे करें इस संबंध में बहुत अधिक जानकारी नहीं रखते हैं तो यह लेख आपकी मदद कर सकता है।

IPO में पैसे कैसे लगायें?

किसी आईपीओ में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी, जिसे आप जीरोधा के साथ बेहद कम शुल्क के साथ खुलवा सकते हैं। इसके अलावा लगभग सभी बैंक एवं PayTm, Groww, 5 Paisa, Angel Broking जैसी कंपनियाँ भी ब्रोकरेज सेवाएं प्रदान करती हैं।

जीरोधा के साथ अपना डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आप यहाँ दी गई लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं, लिंक पर क्लिक करने बाद आपको नीचे चित्र में दिखाए अनुसार अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और उसे OTP के द्वारा सत्यापित (Verify) करवाना होगा

अब अगले चरण में आपको अपनी पर्सनल डीटेल्स दर्ज करनी होगी और मांगे गए दस्तावेज जैसे PAN कार्ड इत्यादि अपलोड करने होंगे, आखिर में आपकी एक वीडियो केवाईसी होगी जिसके बाद 24 से 48 घंटों में आपको आपके डीमैट खाते में लॉगिन करने के लिए यूजर आइडी और पासवर्ड ई-मेल / एसएमएस के जरिए भेज दिया जाएगा।

इस यूजर आइडी और पासवर्ड के जरिये आप जीरोधा के काइट प्लेटफ़ॉर्म में लॉगिन कर सकते हैं और मनचाहे स्टॉक्स खरीद सकते हैं या जीरोधा कॉइन का इस्तेमाल करते हुए किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं। गौरतलब है कि, डीमैट खाता खोलना का यह प्रोसेस तकरीबन सभी ब्रोकरेज फर्म के साथ समान ही होता है।

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चूँकि यह लेख आईपीओ (IPO) में निवेश कैसे करें इस संबंध में है अतः मुद्दे पर वापस आते हुए समझते हैं डीमैट अकाउंट खुल जाने के बाद आप आईपीओ में किस तरह निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए आपको "Bids" वाले सेक्शन में जाना होगा जो आपको अपने काइट डैशबोर्ड में टॉप पर दिखाई देगा।

Bids के भीतर आपको आईपीओ, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (सरकरी बॉन्ड एवं T-Bill) जैसे विकल्प दिखाई देंगे, यहाँ से IPO वाले ऑप्शन पर क्लिक कर आप वर्तमान में सब्सक्रिप्शन के लिए खुले हुए, भविष्य में आने वाले तथा बंद हो चुके IPOs की डीटेल्स देख सकते हैं। साथ ही वर्तमान में खुले हुए आईपीओ के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं।

How to invest in an IPO explained in Hindi
जीरोधा के काइट प्लेटफ़ॉर्म द्वारा IPO में निवेश करने का तरीका

IPO में पैसे लगाने से पहले ध्यान रखें ये बातें

तकनीकी लिहाज से देखें तो किसी आईपीओ (IPO) में निवेश करना कोई मुश्किल काम नहीं है हालांकि खुद को नुकसान से बचाते हुए लिस्टिंग के दिन मुनाफा (Listing Gain) देने वाली कंपनी का चयन कैसे किया जाए यह समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन नीचे बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए आप भी जबरजस्त लिस्टिंग गेन देने वाली कंपनियों की पहचान आसानी से कर पाएंगे।

#1 आईपीओ की श्रेणी चैक करें

सभी IPOs को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, इनमें मेनबोर्ड आईपीओ (Mainboard IPOs) तथा एसएमई आईपीओ (SME IPOs) शामिल हैं। ये विभाजन आईपीओ लाने वाली कंपनियों की आर्थिक जरूरतों और उनके आकार के अनुसार किया जाता है।

मेनबोर्ड आईपीओ आमतौर पर बड़ी और स्थापित कंपनियों द्वारा लाया जाता है तथा आईपीओ के बाद ये कंपनियाँ NSE एवं BSE के मुख्य बोर्ड पर सूचीबद्ध होती हैं, वहीं छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों द्वारा लाए जाने वाले आईपीओ को SME IPOs कहा जाता है इन कंपनियों को NSE एवं BSE के SME प्लेटफ़ॉर्म पर लिस्ट किया जाता है।

एक मेनबोर्ड आईपीओ के बजाए किसी SME आईपीओ में निवेश करना नए निवेशक के लिए कई तरह से नुकसानदेह हो सकता है अतः आपको साधारणतः मेनबोर्ड IPOs को ही निवेश के लिए चुनना चाहिए। SME आईपीओ के कुछ नकारात्मक पहलू निम्नलिखित हैं

  • ये छोटी और मध्यम आकार की कंपनियाँ होती हैं, जिनमें निवेश करना अधिक जोखिम भरा होता है
  • इन IPOs का लॉट साइज़ बहुत बड़ा होता है जिसकी कीमत सामान्यतः 1.20 से 1.40 लाख के बीच होती है
  • लिस्ट होने के बाद भी इनका ट्रेड केवल लॉट में ही होता है और बड़ा लॉट साइज़ होने के चलते इन शेयरों के खरीदार मिलना मुश्किल होता है जो इनकी तरलता (Liquidity) को कम करता है

#2 कंपनी के बारे में रिसर्च

यदि आपने किसी मेनबोर्ड IPO को निवेश करने के लिए सलेक्ट कर लिया है तो अब आपको चाहिए कि आप आईपीओ ला रही कंपनी के विषय में जरूरी जानकारी प्राप्त करें जैसे कंपनी का बिजनेस मॉडल, फाइनेंशियल आँकड़े, प्रोमोटर्स की जानकारी, आईपीओ लाने का कारण इत्यादि।

ये सारी जानकारी आप कंपनी द्वारा जारी Draft Red Herring Prospectus (DRHP) के माध्यम से पढ़ सकते हैं अथवा एनएसई, बीएसई या चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) जैसी वेबसाइट के माध्यम से जान सकते हैं।

#3 ग्रे मार्केट प्रीमियम

कंपनी का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) एक महत्वपूर्ण मीट्रिक है, जिससे किसी कंपनी के शेयरों की डिमांड का पता चलता है, GMP वह अतिरिक्त कीमत होती है, जिसे निवेशक प्रति शेयर इश्यू प्राइज के ऊपर देने के लिए तैयार होते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई कंपनी 20 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर आईपीओ लाती है तथा कंपनी का ग्रे मार्केट प्रीमियम 5 रुपये है तो इसका मतलब है कि निवेशक ग्रे मार्केट में एक शेयर के लिए 25 रुपये देने को तैयार हैं।

ध्यान दें

ग्रे मार्केट एक अनौपचारिक बाजार है, जो किसी स्टॉक एक्सचेंज द्वारा विनियमित नहीं होती है अतः निवेश से जुड़े निर्णय लेने से पहले कंपनी के ग्रे मार्केट प्रीमियम के अलावा अन्य आंकड़ों जैसे सेल्स, नेट प्रॉफ़िट, रिजर्व, एसेट्स इत्यादि को भी देखा जाना चाहिए।

इस प्रकार एक आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम जितना अधिक होगा, लिस्टिंग के दिन उसके प्रॉफ़िट देने की संभावना भी उतनी ही अधिक होती है। उदाहरण के लिए Emcure Pharma हाल ही में शेयर बाजार में लिस्ट हुई है, कंपनी का आईपीओ 1008 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर आया था। कंपनी का ग्रे मार्केट प्रीमियम 30% के करीब था जबकि लिस्टिंग की बात करें तो यह 31% के प्रीमियम पर यानी 1325 रुपये पर लिस्ट हुई।

#4 आईपीओ का सब्सक्रिप्शन स्टेटस

किसी भी आईपीओ में निवेश करने के लिए 2 से 3 दिनों का समय मिलता है और IPO का अलॉटमेंट इस बात पर बिल्कुल निर्भर नहीं करता कि, आपने इसके शुरुआत में अप्लाई किया है या आखिर में अतः आखिर में निवेश करने पर आप उस आईपीओ के प्रति निवेशकों के रुझान को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। इसके लिए आपको आईपीओ के सब्सक्रिप्शन स्टेटस को देखना होगा, जिसे NSE, BSE या ब्रोकरेज फर्म के ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म से देखा जा सकता है।

#5 अलग-अलग अकाउंट से करें अप्लाई

कोई कंपनी आईपीओ लाने से पहले प्रत्येक श्रेणी के निवेशकों जैसे QIB, NII, रिटेल आदि के लिए शेयरों की एक संख्या का निर्धारण करती है, जिसे कोटा कहा जाता है। अधिकांश स्थितियों में शेयरों के लिए किये गए आवेदन, पहले से निर्धारित किये गए कोटे से कहीं अधिक (ओवरसब्सक्राइब्ड) होते हैं अतः किसे शेयरों का अलॉटमेंट होगा यह पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत प्रोसेस पर निर्भर रहता है।

इस प्रकार यदि आप किसी IPO को लेकर बेहद सकारात्मक हैं और चाहते हैं कि आपको शेयर अलॉट हों तो इसके लिए एक से अधिक डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करना एक बेहतरीन विकल्प होता है। आप परिवार के अन्य सदस्यों के डीमैट खातों से भी उस IPO के लिए आवेदन कर सकते हैं, यह आपको शेयर मिलने के अवसरों को बढ़ा देता है।

ध्यान दें

कई निवेशकों को लगता है कि, एक से अधिक लॉट के लिए आवेदन करने पर शेयर अलॉट होने की संभावना बढ़ जाती है, जो कि बिल्कुल गलत है। किसी भी IPO के अलॉटमेंट की प्रोसेस में पहले सभी आवेदकों को एक-एक लॉट का वितरण किया जाता है भले ही किसी ने कितनी लॉट के लिए आवेदन किया हो, सबको एक लॉट मिल जाने के बाद यदि शेयर बचते हैं तो ही एक से अधिक लॉट के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को दूसरा लॉट दिया जाता है

सार - संक्षेप

शेयर बाजार से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) एक अच्छा विकल्प हो सकता है, यदि सही ढंग से रिसर्च करने के पश्चात किसी आईपीओ में निवेश किया जाए और किस्मत से शेयर अलॉट हो जाएं तो लिस्टिंग के दिन जबरजस्त प्रॉफ़िट बुक किया जा सकता है।

शॉर्ट टर्म प्रॉफ़िट बुकिंग के अलावा यदि आप किसी कंपनी के बिजनेस मॉडल, प्रबंधन इत्यादि से खासा प्रभावित हैं और उस कंपनी के साथ लंबी अवधि के लिए जुड़ना चाहते हैं तो इस लिहाज से भी IPOs एक अच्छे विकल्प हैं।