इन्वेस्टमेंट बैंक (Investment Bank) क्या हैं और ये क्या काम करते हैं?

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हम सभी हर रोज तरह-तरह की बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं जैसे वित्तीय लेन-देन, डिपॉजिट सेवाएं इत्यादि और ये सभी सुविधाएं हमें विभिन्न प्रकार के कमर्शियल बैंकों द्वारा प्रदान करी जाती हैं। कमर्शियल यानी ऐसे बैंक जो आम लोगों से लेकर छोटे-बड़े व्यवसायों आदि को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं।

कमर्शियल बैंकिंग के अलावा बैंकिंग सेवाओं का एक दूसरा प्रकार भी है, जिसे इन्वेस्टमेंट बैंकिंग (Investing Banking) के तौर पर जाना जाता है। इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे कि, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग क्या होती है, एक इन्वेस्टमेंट बैंकर क्या करता है और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग का इस्तेमाल कौन करते हैं।

इन्वेस्टमेंट बैंक क्या हैं?

इन्वेस्टमेंट बैंक ऐसी वित्तीय संस्थाएं हैं जो सरकारों, कंपनियों तथा अन्य बड़े संस्थानों को अपनी सेवाएं देते हैं। ये कमर्शियल बैंकों से अलग होते हैं, क्योंकि इनका प्राथमिक उद्देश्य ऋण या बचत खातों की पेशकश करना नहीं होता है, बल्कि ये बड़ी वित्तीय परियोजनाओं और कॉर्पोरेट लेन-देन में अहम भूमिका निभाते हैं।

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इन्वेस्टमेंट बैंक बड़े तथा जटिल वित्तीय लेन-लेन, विलय और अधिग्रहण (Merger & Acquisition), वित्तीय पुनर्गठन, इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ), डेट फाइनेंसिंग, अंडरराइटिंग, एसेट मैनेजमेंट, वित्तीय परामर्श जैसी सेवाएं देते हैं।

भारत के कुछ प्रमुख इन्वेस्टमेंट बैंकों में एवेंडस कैपिटल, एडलविस फाइनेंशियल सर्विसेस, जेएम फाइनेंशियल इत्यादि शामिल हैं। वहीं दुनिया के बड़े इन्वेस्टमेंट बैंकों की बात करें तो इनमें गोल्डमैन सैक्स, जे.पी. मॉर्गन एंड चेस, मॉर्गन स्टेनली, बार्कलेज, मेरिल लिंच इत्यादि शामिल हैं।

इन्वेस्टमेंट बैंक के कार्य

ऊपर आपने संक्षेप में जाना इन्वेस्टमेंट बैंक क्या काम करते हैं, आइए अब एक-एक कर इन कामों तथा इन कामों में किसी इन्वेस्टमेंट बैंक की भूमिका को विस्तार से समझते हैं।

सरकारों समेत निजी संस्थानों के लिए पूँजी जुटाने में इन्वेस्टमेंट बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये किसी कंपनी की जरूरतों तथा उसके व्यवसाय को समझते हुए पूँजी जुटाने के विभिन्न विकल्पों जैसे वेंचर कैपिटल एवं प्राइवेट प्लेसमेंट, इक्विटी तथा डेट फाइनेंसिंग, ऋण संरचना की योजना इत्यादि के सुझाव देते हैं।

प्राइवेट प्लेसमेंट पूँजी जुटाने का एक ऐसा तरीका है, जिसमें बिना किसी पब्लिक इश्यू (आईपीओ) के संस्थागत निवेशकों या योग्य व्यक्तिगत निवेशकों को सीधे कंपनी के शेयर या बॉन्ड बेचकर पैसे इकट्ठा किया जा सकते हैं।

प्राइवेट प्लेसमेंट के अलावा पूँजी जुटाने के दो सबसे पसंदीदा तरीकों में इक्विटी तथा डेट फाइनेंसिंग शामिल हैं। इक्विटी फाइनेंसिंग में कंपनियाँ आईपीओ के जरिए अपने शेयर पब्लिक को बेचती हैं, जबकि डेट फाइनेंसिंग में कंपनियाँ अथवा सरकारें बॉन्ड, डिबेंचर्स, कमर्शियल पेपर्स जैसे वित्तीय उपकरण इश्यू कर पैसे जुटाती हैं।

मर्जर और एक्विजिशन, जिसे हिन्दी में विलय और अधिग्रहण कहा जाता है, दो महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट रणनीतियाँ हैं। मर्जर की स्थिति में दो या अधिक कंपनियाँ आपस में मिलकर एक नई कंपनी बनाती हैं, जबकि एक्विजिशन में एक कंपनी किसी दूसरी कंपनी को खरीद लेती है और उसका स्वामित्व अपने नियंत्रण में ले लेती है।

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मर्जर और एक्विजिशन में किसी इन्वेस्टमेंट बैंक की भूमिका को देखें तो ये इस काम में कंपनियों को वित्तीय परामर्श, उनका वित्तीय मूल्यांकन, डील की संरचना तय करने तथा डील के लिए पूँजी जुटाने जैसी सेवाएं देते हैं।

मर्जर और एक्विजिशन कानूनी तथा वित्तीय रूप से बेहद जटिल प्रक्रियाएं होती हैं, जिनके सम्पादन के लिए विशेष वित्तीय विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है और इन्वेस्टमेंट बैंकों को इन कार्यों का खासा अनुभव होता है।

जैसा कि ऊपर आपने जाना इन्वेस्टमेंट बैंक कंपनियों, संस्थानों, सरकारों आदि के लिए पूँजी जुटाने का काम करते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान ये अंडरराइटर की भूमिका भी निभाते हैं।

अंडरराइटर्स कंपनियों के पब्लिक इश्यू में सहायता करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि कंपनियों द्वारा जारी किए गए वित्तीय साधन (शेयर, बॉन्ड, डिबेचर्स इत्यादि) सही मूल्य पर बाजार में बेचे जाएं। यदि ये नहीं बिकते हैं, तो अंडरराइटर्स स्वयं उन्हें खरीदते हैं, जिससे कंपनी को वित्तीय सुरक्षा मिलती है।

बड़े संस्थानों, हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स समेत निवेशकों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए इन्वेस्टमेंट बैंक एसेट मैनेजमेंट सेवाएं भी प्रदान करते हैं। इन्वेस्टमेंट बैंकों के पास बाजार के रुझानों, आर्थिक परिस्थितियों तथा जोखिम प्रबंधन का अच्छा अनुभव होता है, जिसका इस्तेमाल कर वे अपने ग्राहकों को उच्चतम रिटर्न दिलाने में मदद करते हैं।

उल्लेखित विषयों के अलावा इन्वेस्टमेंट बैंक अपने ग्राहकों को अन्य किसी भी वित्तीय मामले में परामर्श प्रदान करने का काम करते हैं। उदाहरण के लिए किसी कंपनी के ऋण को पुनर्गठित करना, निवेश योजनाएं बनाना, कंपनी के लिए संभावित जोखिमों की पहचान करना, कंपनी के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार में उसकी मदद करना आदि।

सार-संक्षेप

इन्वेस्टमेंट बैंक ऐसे वित्तीय संस्थान है, जो आम लोगों के विपरीत बड़ी कंपनियों, संस्थानों, सरकारों आदि को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। इन्वेस्टमेंट बैंक, संस्थानों को डेट तथा इक्विटी साधनों के जरिये पूँजी जुटाने, मर्जर और एक्विजिशन (M&A), वित्तीय परामर्श, एसेट मैनेजमेंट, अंडरराइटिंग जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं।