बाजार में किसी एक तरह के उत्पाद को खरीदने के लिए हमारे पास विभिन्न कंपनियों के विकल्प मौजूद होते हैं। हालांकि मोटे तौर पर ये सभी उत्पाद समान उद्देश्यों को पूरा करते हैं, लेकिन प्रत्येक कंपनी उत्पादन में कुछ विशिष्ट सामग्री एवं प्रक्रियाओं को अपनाती है, जिसके चलते उत्पादों की गुणवत्ता एक-दूसरे से अलग हो सकती है।
उदाहरण की बात करें तो एक स्मार्टफोन खरीदने के लिए हमारे पास Apple, Samsung, OnePlus जैसे कई विकल्प हैं किन्तु इन सभी कंपनियों के स्मार्टफोन्स में कुछ न कुछ विशिष्ट फीचर जरूर होते हैं, जो इन्हें दूसरी कंपनियों से अलग करते हैं। इसके साथ ही प्रत्येक कंपनी के स्मार्टफोन का परफ़ॉर्मेंस भी भिन्न हो सकता है।
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ऐसे में किसी ग्राहक को उसकी पसंद का उत्पाद मिले, इसके लिए जरूरी हो जाता है कि, प्रत्येक उत्पाद एक विशिष्ट पहचान के साथ बाजार में पेश किया जाए और आमतौर पर हमें ऐसा ही देखने को मिलता है। सभी कंपनियाँ अपने उत्पादों को एक अलग पहचान देती है। यह पहचान उनके नाम, लोगो, रंग या विशेष चिन्हों के माध्यम से होती है, जिसे देखकर ग्राहक उस उत्पाद की गुणवत्ता और विश्वसनीयता का अंदाजा लगा पाते हैं।
चूँकि यह पहचान सीधे तौर पर ग्राहकों के हितों से जुड़ी है अतः कानूनी रूप से इसका संरक्षण बेहद जरूरी है और इसी उद्देश्य से कंपनियाँ ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करती हैं। इस लेख में आगे समझेंगे ट्रेडमार्क क्या है, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है तथा ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन में किन दस्तावेजों की जरूरत होती है।
ट्रेडमार्क (Trademark) क्या है?
ट्रेडमार्क एक प्रकार की बौद्धिक संपदा है, अर्थात यह एक ऐसी संपत्ति है जो किसी व्यक्ति के मानसिक श्रम से उत्पन्न होती है और इसके मालिक के लिए आर्थिक रूप से भी खासा महत्व रखती है। ट्रेडमार्क के उदाहरणों की बात करें तो ये कोई आकृति, स्लोगन, रंगों का संयोजन, शब्द, प्रतीक चिन्ह, ध्वनि इत्यादि हो सकते हैं।
किसी व्यक्ति या संस्था की इस बौद्धिक संपदा को बौद्धिक संपदा अधिकार कानून के तहत संरक्षित किया जाता है और कोई दूसरा व्यक्ति, सृजनकर्ता की अनुमति के बिना इनका व्यवसायिक (Commercial) तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकता। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्यवाही करी जा सकती है।
ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कंपनियों द्वारा उनके उत्पादों को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करने के लिए किया जाता है, उदाहरण के लिए Coca-Cola कंपनी का नाम एवं उसकी लिखावट, स्पोर्ट्स ब्रैंड Nike द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला वाक्यांश “Just Do It” तथा किसी भी संस्थान का लोगो ट्रेडमार्क अधिकार के तहत संरक्षित होते हैं।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन क्या होता है?
सभी देशों में ट्रेडमार्क समेत अन्य सभी बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कानून बनाए गए हैं। भारत में भी ट्रेडमार्क अधिकारों की सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क एक्ट, 1999 लागू है। इस कानून में ट्रेडमार्क के पंजीकरण, संरक्षण और इससे जुड़े विवादों के निपटारे से संबंधित प्रावधान हैं।
यदि आपके पास ऊपर बताई गई कोई विशिष्ट कलाकृति है, जिसके सृजनकर्ता आप स्वयं हैं तो आप इसे ट्रेडमार्क कानून के तहत संरक्षित कर सकते हैं, इस प्रक्रिया को ही ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कहा जाता है। अपने किसी ट्रेडमार्क को संरक्षित करने के लिए आपको भारत सरकार के ट्रेडमार्क पंजीकरण पोर्टल पर इसे रजिस्टर करना होगा।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। गौरतलब है कि, ये सूची केवल एक इंडिविजुअल आवेदक के बारे में है।
- डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC)
- पावर ऑफ अटॉर्नी (पेशेवर व्यक्ति के माध्यम से आवेदन करने पर)
- आवेदक की पहचान का प्रमाण
- आवेदक के पते का प्रमाण
- JPG फॉर्मेट में ट्रेडमार्क की सॉफ्ट कॉपी
- ट्रेडमार्क क्लास / श्रेणी की जानकारी
- यदि पहले से ट्रेडमार्क का इस्तेमाल किया जा रहा हो तो एक एफिडेविट
एक कंपनी या व्यवसाय के तौर पर ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करने के लिए कंपनी से जुड़े दस्तावेजों जैसे कंपनी के पंजीकरण का प्रमाण, कंपनी के निदेशकों के पहचान और पते के प्रमाण आदि की जरूरत हो सकती है।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क
भारत में किसी एक क्लास में ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए 4500 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है, यह शुल्क एक इंडिविजुअल , छोटे उद्यम तथा स्टार्ट-अप के लिए है। वहीं यदि आवेदक उपरोक्त तीन श्रेणियों के अलावा कोई अन्य है तो उसे ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए 9,000 रुपये का भुगतान करना होगा।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के द्वारा आप अपनी बौद्धिक संपदा को संरक्षित कर सकते हैं। ट्रेडमार्क का पंजीकरण ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा किया जाता है। यदि अपने किसी ट्रेडमार्क को रजिस्टर करवाने की योजना बना रहे हैं तो आपको निम्नलिखित चरणों से गुजरना होगा।
ट्रेडमार्क का चुनाव
चूँकि ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन एक व्यक्ति को उसकी कलाकृति को इस्तेमाल करने के विशिष्ट अधिकार देता है। अतः इसका रजिस्ट्रेशन करने से पहले यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि, आपकी कलाकृति अद्वितीय हो तथा किसी अन्य व्यक्ति / संस्था के बौद्धिक संपदाओं का अतिक्रमण न करती हो।
इसके बाद आपके लिए यह जानना जरूरी है कि, आप किस श्रेणी या क्लास के अंतर्गत अपना ट्रेडमार्क पंजीकरण करवाना चाहते हैं। वर्तमान में, वस्तुओं और सेवाओं के ऐसे 45 वर्ग हैं, जिनके अंतर्गत ट्रेडमार्क पंजीकृत किया जा सकता है। वर्ग 1 से 34 वस्तुओं के लिए हैं जबकि वर्ग 35 से 45 सेवाओं के लिए हैं।
ट्रेडमार्क संरक्षण के अधिकार उस श्रेणी विशेष के लिए ही दिए जाते हैं, जिसके अंतर्गत उसे रजिस्टर किया गया है। उदाहरण के लिए यदि किसी कंपनी ने फार्मास्युटिकल्स की श्रेणी में XYZ ट्रेडमार्क रजिस्टर किया है तो इस श्रेणी में कोई दूसरी कंपनी इस नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती लेकिन उत्पादों की किसी दूसरी श्रेणी जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में XYZ नाम का इस्तेमाल किया जा सकता है।
गौरतलब है कि एक से अधिक श्रेणियों के लिए भी ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है, लेकिन प्रत्येक श्रेणी के लिए आवेदक को अलग से शुल्क देना होता है। साथ ही ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के बाद यदि एक निश्चित अवधि तक इसका इस्तेमाल रजिस्टर की गई श्रेणी के तहत नहीं किया गया तो इसे रद्द भी किया जा सकता है।
ट्रेडमार्क सर्च करें
दूसरे चरण में आपको अपने ट्रेडमार्क को सरकारी डेटाबेस में खोजना चाहिए, इसके लिए आप सरकार के इंडिया पब्लिक सर्च पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करना से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि क्या आपका ट्रेडमार्क अद्वितीय है या इससे मिलता जुलता कोई अन्य ट्रेडमार्क पहले से ही रजिस्टर किया गया है।
ट्रेडमार्क पंजीकरण शुरू करें
यदि आपका ट्रेडमार्क यूनिक किस्म का है तो अब आप उसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको भारत सरकार के ट्रेडमार्क ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा और नीचे दिखाए गए चित्र के अनुसार नए यूजर के तौर पर स्वयं को रजिस्टर करना होगा।
यदि आप अपना ट्रेडमार्क स्वयं रजिस्टर करना चाहते हैं तो आपको डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) की आवश्यकता होगी, जिसकी मदद से आप डिजिटल तरीके से अपने आवेदन को प्रमाणित/ हस्ताक्षरित कर सकते हैं। लेकिन यदि आप किसी पेशेवर व्यक्ति से रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो उस स्थिति में इसकी आवश्यकता नहीं है।
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यूजर रजिस्ट्रेशन के पश्चात आपको अपने डैशबोर्ड में सबसे ऊपर कई फॉर्म दिखाई देंगे, इनमें से आपको फॉर्म TM-A का चुनाव करना होगा। इस फॉर्म में आपको अपनी पर्सनल डीटेल्स समेत अपने ट्रेडमार्क से जुड़ी जानकारी जैसे इसका फॉर्मेट, किस क्लास / श्रेणी के तहत ट्रेडमार्क रजिस्टर किया जाना है उसकी जानकारी देनी होगी। आखिर में आपको ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होगा जो आवेदक के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
आवेदन प्रक्रिया की जांच
सफलता पूर्वक अपना आवेदन करने के पश्चात ट्रेडमार्क रजिस्ट्रार द्वारा आपके आवेदन की जाँच करी जाती है। इस जाँच में यह सुनिश्चित किया जाता है कि, आपका आवेदन ट्रेडमार्क अधिनियम के तहत निर्दिष्ट सभी नियमों का पालन करता है तथा उसमें सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए है।
इसके बाद आपके ट्रेडमार्क की बारीकी से जाँच करी जाती है और यह देखा जाता है कि, कहीं सबमिट किया गया ट्रेडमार्क भ्रामक, आपत्तिजनक, अनुचित तथा किसी अन्य ट्रेडमार्क से मिलता जुलता तो नहीं है।
ट्रेडमार्क जर्नल्स में प्रकाशन
यदि आपका आवेदन सभी जाँचों में खरा उतरता है तो रजिस्ट्रार द्वारा इसे स्वीकार करते हुए ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित किया जाता है। प्रकाशन के पश्चात किसी तीसरे पक्ष के पास सामान्यतः तीन महीनों की अवधि होती है इस दौरान वे ट्रेडमार्क के संबंध में अपनी कोई आपत्ति (यदि हो तो) दर्ज करवा सकते हैं।
ट्रेड मार्क पंजीकरण
यदि निर्धारित समय के भीतर ट्रेडमार्क के संबंध में किसी तरह की कोई आपत्ति दर्ज नहीं करी जाती है, तो ट्रेडमार्क को पंजीकृत कर दिया जाता है और आवेदक को इसका एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। कोई भी पंजीकृत ट्रेडमार्क दस वर्षों के लिए वैध होता है, जिसका नवीनीकरण किया जा सकता है। ट्रेडमार्क प्रमाण-पत्र मिल जाने के बाद आवेदक अपने ट्रेडमार्क के आगे पंजीकृत ट्रेडमार्क प्रतीक (®) का उपयोग कर सकते हैं।
गौरतलब है कि अगर निर्धारित अवधि के भीतर कोई तीसरा पक्ष आवेदन पर आपत्ति दर्ज करता है तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रार आवेदक को विरोध के नोटिस की एक प्रति देता है। आवेदक को इस नोटिस की प्राप्ति के दो महीनों के भीतर अपना जबाव दर्ज करना होगा, ऐसा न करने पर उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाता है।
सार-संक्षेप
ट्रेडमार्क एक तरीके की बौद्धिक संपदा है, जिसे पंजीकृत कर कोई सृजनकर्ता (Creator) अपनी बौद्धिक संपदा को संरक्षित या प्रोटेक्ट कर सकता है। ट्रेडमार्क व्यवसायिक तौर पर किसी ब्रांड या उसके उत्पादों की पहचान सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, जिससे ग्राहकों के लिए सही उत्पादों का चुनाव करना आसान हो जाता है।
ट्रेडमार्क के उदाहरणों में अक्षर, शब्द, संख्या, वाक्यांश, ग्राफिक्स, लोगो, ध्वनि, रंगों के मिश्रण तथा एक से अधिक ट्रेडमार्क प्रकारों के संयोजन शामिल हो सकते हैं। कोई भी व्यक्ति जो इस प्रकार की कलाकृतियों का स्वामी है वह ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकता है।