Wednesday, February 12, 2025

Exchange Traded Funds (ETFs): ETF क्या हैं और इनमें निवेश कैसे करें?

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) वर्तमान में निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है, इसमें म्यूचुअल फंड की भांति एक सामूहिक फंड का निर्माण किया जाता है और इसे किसी इंडेक्स, सेक्टर, कमोडिटी इत्यादि में निवेश किया जाता है।

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एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ETF क्या है?

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) एक प्रकार के सामूहिक फंड होते हैं, जिन्हें इक्विटी, इंडेक्स (जैसे सेंसेक्स, निफ्टी), सेक्टर (जैसे आईटी, हेल्थकेयर, FMCG), कमोडिटी (जैसे सोना, चाँदी, क्रूड ऑयल), बॉन्ड या किसी अन्य प्रकार ले एसेट्स में निवेश किया जाता है। ईटीएफ जैसा कि, इसके नाम से भी साफ होता है स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किये जाते हैं अतः इन्हें किसी स्टॉक की तरह खरीदा या बेचा जा सकता है।

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समय के साथ एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड वित्तीय बाजारों में निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बनते जा रहे हैं, ये निवेशकों को परिसंपत्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला में निवेश करने का शानदार अवसर प्रदान करते हैं।

उदाहरण के लिए किसी इंडेक्स ईटीएफ में निवेश करने पर निवेशक का पैसा उस इंडेक्स में शामिल सभी कंपनियों में निवेशित हो जाता है, जो इंडेक्स की सभी कंपनियों में एक-एक कर निवेश करने की तुलना में कहीं अधिक सरल और कम लागत वाला है।

म्यूचुअल फंड भी निवेशकों को किसी विशेष इंडेक्स, सेक्टर आदि में निवेश करने का मौका देते हैं इस प्रकार एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड कुछ मायनों में किसी म्यूचुअल फंड के समान ही हैं, किन्तु म्यूचुअल फंड और ETFs के बीच कुछ बुनियादी अंतर भी हैं, जिनकी चर्चा हम आगे करेंगे।

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ईटीएफ कैसे काम करते हैं?

ईटीएफ की कार्यप्रणाली बहुत हद तक किसी स्टॉक के समान है, जैसे कोई कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने के लिए अपना आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) लेकर आती है उसी प्रकार एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ, ईटीएफ लॉन्च करने के लिए न्यू फंड ऑफर (NFO) लेकर आती है।

कोई भी ईटीएफ कंपनी, किसी अंतर्निहित एसेट (Underlying Asset) का चुनाव करते हुए प्रतिभूतियों की एक बास्केट का निर्माण करती है। ये बास्केट किसी इंडेक्स, सेक्टर, कमोडिटी या एसेट का प्रतिनिधित्व कर सकती है। उदाहरण के लिए निफ्टी इंडेक्स की बास्केट में कंपनियों को इंडेक्स के अनुपात में ही शामिल किया जाएगा।

इसके पश्चात कंपनी इस बास्केट या फंड का पब्लिक इश्यू लेकर आती है और निवेशक आईपीओ की तरह इसके लिए आवेदन करते हैं। यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद फंड स्टॉक एक्सचेंज में किसी शेयर की तरह लिस्ट हो जाता है और अब ईटीएफ को किसी कंपनी के शेयरों की तरह खरीदा या बेचा जा सकता है।

ईटीएफ कितने प्रकार के होते हैं?

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स को प्रबंधन तथा अंतर्निहित परिसंपत्ति के अनुसार अलग-अलग प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिनके बारे में यहाँ विस्तार से बताया गया है-

ईटीएफ के प्रबंधन के लिहाज से इन्हें मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जाता है, जिनमें एक्टिव ईटीएफ तथा पैसिव ईटीएफ शामिल हैं। एक्टिव या सक्रिय रूप से प्रबंधित ईटीएफ, ऐसे फंड्स होते हैं जहाँ फंड मैनेजर किसी विशिष्ट बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करने हेतु सक्रिय रूप से निवेश से जुड़े निर्णय लेते हैं।

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इसके विपरीत पैसिव ईटीएफ ऐसे फंड हैं जहाँ सक्रिय रूप निवेश से जुड़े निर्णय नहीं लिए जाते, ये फंड किसी बेंचमार्क के प्रदर्शन को ही फॉलो करते हैं।

उदाहरण के तौर पर सेंसेक्स से जुड़े किसी पैसिव ईटीएफ का रिटर्न सेंसेक्स के समान ही होगा, जबकि सेंसेक्स से जुड़े एक्टिव ईटीएफ में फंड मैनेजर सेंसेक्स से बेहतर रिटर्न पाने के उद्देश्य से समय-समय पर फंड में उचित बदलाव करेंगे। गौरतलब है कि अधिकांश ईटीएफ पैसिव प्रकृति के ही होते हैं।

अंतर्निहित परिसंपत्ति के अनुसार ईटीएफ कई प्रकार के हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं-

  • इंडस्ट्री / सेक्टर ईटीएफ

सेक्टर या किसी इंडस्ट्री से जुड़े ईटीएफ ऐसे फंड होते हैं, जो किसी खास सेक्टर पर केंद्रित होते हैं। उदाहरण के लिए आईटी सेक्टर से जुड़े ETF में इस क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों को शामिल किया जाएगा। इस प्रकार के फंड का उद्देश्य किसी समूचे सेक्टर के प्रदर्शन से लाभ कमाना होता है।

  • कमोडिटी ईटीएफ

ये ऐसे ईटीएफ हैं जो मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार की कमोडिटी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करते हैं जैसे सोना, चाँदी, क्रूड ऑयल इत्यादि।

  • बॉन्ड ईटीएफ

बॉन्ड ईटीएफ निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों जैसे कॉर्पोरेट या सरकारी बॉन्ड में निवेश करते हैं। इनमें निवेश कर कोई निवेशक व्यक्तिगत रूप से बॉन्ड खरीदे बिना बॉन्ड मार्केट का अनुभव प्राप्त कर सकता है।

  • अन्य प्रकार के ईटीएफ

इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाले कुछ अन्य प्रकारों में करेंसी ईटीएफ, स्टाइल ईटीएफ, इंटरनेशनल ईटीएफ, इनवर्स और लीवरेज ईटीएफ, बिटकॉइन ईटीएफ आदि शामिल हैं।

ईटीएफ में निवेश कैसे करें?

जैसा कि, हम ऊपर बता चुके हैं एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदे या बेचे जाते हैं, अतः आप अगर ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको एक डी-मैट खाते की आवश्यकता होगी।

डी-मैट खाते को आप जेरोधा या किसी अन्य ब्रोकरेज फर्म के साथ खुलवा सकते हैं। इसके पश्चात आप किसी स्टॉक की भांति आपने पसंदीदा ईटीएफ में निवेश कर सकेंगे।

ETF में निवेश करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

यदि आप किसी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो ऐसा करने से पहले आपको कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है-

  • अंतर्निहित एसेट

निवेश करने के लिए किसी ईटीएफ का चुनाव करने से पहले उस अंतर्निहित एसेट या बेंचमार्क का चुनाव करें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं जैसे कोई सेक्टर, इंडेक्स, बॉन्ड, कमोडिटी, करेंसी आदि।

  • ट्रेडिंग वॉल्यूम

किसी भी ईटीएफ में निवेश करने से पहले उसका ट्रेडिंग वॉल्यूम चैक करना बेहद जरूरी है, यह इस बात की जानकारी देता है कि वह एक्सचेंज पर ईटीएफ कितना अधिक ट्रेड किया जाता है अथवा कितना पॉपुलर है। अधिक ट्रेड किये जाने वाले ईटीएफ तरलता (Liquidity) के लिहाज से अच्छे होते हैं इन्हें आप जब चाहें बेच सकते हैं।

  • एक्सपेंस रेशियो

एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) किसी म्यूचुअल फंड या ईटीएफ का प्रबंधन शुल्क होता है, जो निवेशकों से वसूला जाता है इसलिए ईटीएफ में निवेश करने से पहले इसे जाँचना जरूरी हो जाता है। किसी फंड में यह जितना कम होगा निवेशक को उतना अधिक फायदा होगा।

ETF में निवेश करने के फायदे और नुकसान

किसी भी इनवेस्टमेंट ऑप्शन की तरह ईटीएफ में निवेश करने के भी अपने फायदे और नुकसान हैं। यहाँ निवेश करने के कुछ मुख्य फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं-

ईटीएफ में निवेश के फायदेईटीएफ में निवेश के नुकसान
ईटीएफ निवेशकों को किसी समूचे सेक्टर या इंडेक्स में निवेश करने का विकल्प देते हैंईटीएफ बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव के अधीन होते हैं अतः अंतर्निहित परिसंपत्तियों के प्रदर्शन के आधार पर उनका मूल्य भी ऊपर या नीचे जा सकता है।
ऐसे निवेशक जो आर्थिक रूप से किसी स्टॉक में निवेश करने में सक्षम नहीं हैं, ईटीएफ के जरिए ऐसे स्टॉक में निवेश कर सकते हैंऐसे ईटीएफ जिनका उद्देश्य किसी इंडेक्स को फॉलो करना है वे Tracking Error के चलते इंडेक्स के जितना रिटर्न नहीं दे पाते हैं, अर्थात फंड का प्रदर्शन इंडेक्स से भिन्न हो सकता है
अधिकांश पारंपरिक म्यूचुअल फंड की तुलना में बेहद कम एक्सपेंस रेशियोसक्रिय ईटीएफ द्वारा लिया जाने वाला अधिक प्रबंधन शुल्क इसका एक और नकारात्मक पहलू है
ईटीएफ सामान्यतः फाइनेंशियल इन्स्ट्रूमेंट्स की एक बास्केट होते हैं अतः ये निवेशकों को एक डायवर्सिफाइड इनवेस्टमेंट ऑप्शन देते हैंईटीएफ में निवेश करने पर निवेशक के पास अपने पोर्टफोलियो का सीमित नियंत्रण रहता है
चूँकि ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं अतः अधिकांशतः इनमें निवेश करना तरलता के लिहाज से अच्छा हैम्यूचुअल फंड के विपरीत ईटीएफ सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होते हैं अतः कुछ ईटीएफ में तरलता बहुत कम होती है

ETF और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है?

हालांकि एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड बहुत हद तक एक जैसे मालूम होते हैं, लेकिन ये दोनों कई मायनों में एक दूसरे से भिन्न हैं। आइए इन दोनों के मध्य कुछ मुख्य अंतरों को समझते हैं-

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF)म्यूचुअल फंड
ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE या BSE में ट्रेड किये जाते हैंम्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनी से खरीदा जा सकता है
ईटीएफ का आकार एक्सचेंज में लिस्ट हो जाने के बाद परिवर्तित नहीं होता हैम्यूचुअल फंड का आकार नए निवेशकों के जुड़ने या पुराने निवेशकों के बाहर निकलने से कम या ज्यादा हो सकता है
ईटीएफ के एक यूनिट की कीमत पूरे फंड के नेट एसेट वैल्यू (NAV) से अधिक या कम हो सकती हैम्यूचुअल फंड की कीमत फंड के नेट एसेट वैल्यू (NAV) के बराबर ही होती है
ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं अतः इनकी कीमतें स्टॉक्स की तरह रियल टाइम में परिवर्तित होती हैंम्यूचुअल फंड्स में NAV की गणना बाजार बंद होने के पश्चात होती है अतः इसकी कीमतें बाजार के साथ परिवर्तित नहीं होती
ईटीएफ सामान्यतः म्यूचुअल फंड से सस्ते होते हैंअधिकांश म्यूचुअल फंड ईटीएफ की तुलना में महँगे होते हैं
चूँकि ETF सेकेंडरी मार्केट में किसी वस्तु के तौर पर ट्रेड होते हैं अतः इन्हें नकदी के लिए भुनाया नहीं जा सकताम्यूचुअल फंड शेयरों को उस दिन के लिए फंड के NAV पर नकदी के लिए भुनाया जा सकता है।

सार-संक्षेप

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) वर्तमान में निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है, इसमें म्यूचुअल फंड की भांति एक सामूहिक फंड का निर्माण किया जाता है और इसे किसी इंडेक्स, सेक्टर, कमोडिटी इत्यादि में निवेश किया जाता है। हालांकि म्यूचुअल फंड के विपरीत ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड किये जाते हैं। एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड सीमित बजट के साथ प्रतिभूतियों की एक विस्तृत श्रंखला में निवेश करने का एक प्रभावी तरीका है।

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