क्रेडिट कार्ड में मिनिमम ड्यू या न्यूनतम देय राशि का क्या मतलब होता है?

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क्रेडिट कार्ड (Credit Card) बैंकों, वित्तीय संस्थानों द्वारा अपने ग्राहकों को दिया जाने वाला एक कार्ड है, जिसकी मदद से वे क्रेडिट अर्थात कर्ज लेकर अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। प्रत्येक कार्ड एक क्रेडिट लिमिट के साथ आता है और इसमें कंपनी द्वारा समय के साथ बढ़ोतरी या कमी करी जा सकती है।

क्रेडिट कार्ड से लिए गए कर्ज का भुगतान करने हेतु ग्राहकों को अधिकतम 50 दिनों की ब्याज मुक्त अवधि मिलती है। प्रत्येक महीने की एक निश्चित तारीख को क्रेडिट कार्ड का बिल बनता है और इसमें क्रेडिट कार्ड से किये गए पिछले 30 दिनों के सभी खर्चों का विवरण होता है।

क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में किस तारीख को क्रेडिट कार्ड से कहां और कितना खर्च किया इसका हिसाब तो होता ही है, इसके अलावा इसमें कार्ड की क्रेडिट लिमिट, भुगतान की तारीख (Payment Due Date), कुल देय राशि (Total Amount Due) तथा न्यूनतम देय राशि (Minimum Amount Due) जैसी जानकारियाँ भी होती हैं।

क्रेडिट कार्ड बिल में मिनिमम ड्यू क्या है?

जैसा कि, हमनें ऊपर बताया हर महीने जब ग्राहकों को उनके क्रेडिट कार्ड का बिल प्राप्त होता है, तो उसमें कुल बकाया राशि के साथ-साथ न्यूनतम देय राशि या मिनिमम ड्यू का भी उल्लेख होता है।

सामान्यतः किसी ग्राहक को आखिरी तारीख तक अपनी कुल बकाया राशि का भुगतान कर देना चाहिए। क्रेडिट कार्ड बिल का समय से भुगतान न करना कई परेशानियों का कारण बन सकता है, जिनमें लेट फीस, भारी ब्याज, सिबिल स्कोर का खराब होना, कर्ज वसूली एजेंटों द्वारा उत्पीड़न तथा कानूनी कार्यवाही इत्यादि शामिल हैं।

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लेकिन कोई ग्राहक यदि समय के भीतर अपने कुल बकाये का भुगतान करने में समर्थ नहीं है तो क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ उसे एक अन्य विकल्प देती हैं। इसके तहत ग्राहक को कुल बकाये के सिर्फ एक छोटे से हिस्से का ही भुगतान करना होता है और वह ऊपर बताई गई झंझटों से बच जाता है। इसी न्यूनतम भुगतान को मिनिमम ड्यू कहा जाता है।

मिनिमम ड्यू कितना होता है ?

न्यूनतम देय राशि या मिनिमम ड्यू किसी ग्राहक की कुल बकाया राशि पर निर्भर करता है। सामान्यतः यह कुल देय राशि का 5% होता है लेकिन यह क्रेडिट कार्ड कंपनियों के अनुसार बदल भी सकता है। उदाहरण के लिए यदि आपने किसी महीने क्रेडिट कार्ड से ₹50,000 की खरीदारी करी तो आपका मिनिमम ड्यू ₹2,500 होगा।

मिनिमम ड्यू के क्या नुकसान हैं?

केवल मिनिमम ड्यू का भुगतान करना आपको बुरी तरह कर्ज के जाल में फंसा सकता है। जब आप मिनिमम ड्यू का भुगतान करते हैं तो शेष राशि पर आपको हर महीने 2 से 4% तक का ब्याज चुकाना पड़ सकता है।

दरअसल जो मिनिमम ड्यू आपसे वसूला जाता है वह आपके बकाये पर ब्याज ही होता है, आपका कुल बकाया पहले जितना ही रहता है। इसके अलावा सिर्फ मिनिमम ड्यू का भुगतान करने के कई अन्य नुकसान भी हैं

क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ ग्राहकों को एक निर्धारित सीमा तक बिना ब्याज के उधार लेकर खर्च करने की सुविधा देती हैं। इस अवधि को इंटरेस्ट फ्री पीरियड कहा जाता है और सामान्यतः यह 20 से 50 दिनों की होती है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि, इस सुविधा का लाभ तभी मिलता है जब ग्राहक समय सीमा के भीतर कुल बकाये का भुगतान कर दे।

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यदि ऐसा नहीं किया गया तो इंटरेस्ट-फ्री पीरियड समाप्त हो जाता है और कुल बकाया राशि पर ब्याज लगने लगता है, जिसकी गणना उस दिन से करी जाती है जब क्रेडिट कार्ड से खर्च किया गया था।

ये ब्याज दर काफी ऊँची, सामान्यतः 2 से 4% मासिक के बीच होती है। हालांकि क्रेडिट कार्ड कंपनी के अनुसार ब्याज दरें भिन्न हो सकती हैं। ऐसे में यदि कोई ग्राहक केवल मिनिमम ड्यू का ही भुगतान करता है तो उसे इस इंटरेस्ट फ्री पीरियड का लाभ नहीं मिल पाएगा और शेष बकाये पर ऊँची दर से ब्याज भी देना होगा।

यदि आप अधिकतर मिनिमम ड्यू का ही भुगतान करते हैं तो आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट को कम किया जा सकता है, जिससे आपको पूर्व निर्धारित कुछ भुगतानों जैसे स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन आदि को पूरा करने में समस्या आ सकती है।

केवल मिनिमम ड्यू का भुगतान करने से शेष राशि पर लगने वाला भारी भरकम ब्याज और जीएसटी आपकी बकाया राशि को हर महीने बढ़ाते रहते हैं। बकाया राशि बढ़ने के साथ-साथ उस पर लगने वाला ब्याज और जीएसटी भी हर महीने बढ़ता जाता है, जिससे आपका आर्थिक बोझ समय के साथ बढ़ते रहता है।

मिनिमम ड्यू के फायदे

हालांकि मिनिमम ड्यू के सिर्फ नुकसान ही अधिक हैं और इनसे बचने के लिए हर महीने क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान किया जाना चाहिए, लेकिन किसी वित्तीय संकट में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

किसी बिल पेमेंट को स्किप करने की तुलना में मिनिमम ड्यू का भुगतान करने से आपका क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा, आप "डिफॉल्टर" की श्रेणी में नहीं आएंगे, आपका क्रेडिट कार्ड सक्रिय रहेगा जिससे आप उपलब्ध क्रेडिट लिमिट तक अन्य खर्च कर सकेंगे, इसके साथ ही आपको लेट पेमेंट फीस भी नहीं देनी होगी।

क्या मिनिमम ड्यू सिबिल स्कोर को प्रभावित करता है?

मिनिमम ड्यू का भुगतान करने से आपके सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर पर सामान्यतः कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता, हालांकि लंबे समय तक ऐसा करने से आपका क्रेडिट स्कोर जरूर खराब हो सकता है।

यदि आप अधिकतर मिनिमम ड्यू का ही भुगतान करते हैं तो यह समय के साथ आपके क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को बढ़ा देगा, जो क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (CUR) का मतलब है कि आप एक महीने में अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का कितना इस्तेमाल करते हैं।

इसके अलावा लंबे समय तक केवल मिनिमम ड्यू का भुगतान करना आपकी बकाया राशि को बहुत अधिक बड़ा देगा, जिससे एक समय के बाद आपके लिए मिनिमम ड्यू का भुगतान करना भी मुश्किल हो जाएगा। इस स्थिति में आपका क्रेडिट स्कोर बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।

सार-संक्षेप

क्रेडिट कार्ड में मिनिमम ड्यू वह न्यूनतम राशि होती है, जिसका भुगतान किसी बिल की एवज बिलिंग साइकिल के अंत तक कम से कम करना होता है। यह कुल बकाया राशि का एक छोटा हिस्सा सामान्यतः 5% होता है। कोई भुगतान ना करने के बजाए मिनिमम ड्यू का भुगतान करना आपके क्रेडिट स्कोर को खराब होने से रोकता है।

इसके अलावा मिनिमम ड्यू का भुगतान करने से 10 से 15% का विलंब शुल्क (Late Fee) तथा बकाया राशि पर भारी भरकम ब्याज से कुछ हद तक राहत मिल जाती है। गौरतलब है कि मिनिमम ड्यू का भुगतान करने से बकाया राशि पर लगने वाला ब्याज कोई भुगतान न करने की तुलना में कुछ कम होता है।

क्रेडिट कार्ड एक बेहद फायदेमंद आर्थिक टूल है, जिसका इस्तेमाल अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है लेकिन इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी और सावधानी के साथ करना बेहद जरूरी है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल उतना ही किया जाना चाहिए जितना आप बिना किसी समस्या के चुकाने में समर्थ हैं।