हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में पैसों से जुड़े कई तरह के लेन-देन करते हैं। ये लेन-देन चाहे डोमेस्टिक हों अथवा क्रॉस-बॉर्डर, इन्हें पूरा करने में बैंकिंग व्यवस्था एक अहम भूमिका निभाती है, जो पैसे भेजने वाले और प्राप्त करने वाले व्यक्ति के बीच मध्यस्थ का काम करते हैं।
बैंकिंग प्रणाली के अलावा पैसों का लेन-देन करने का एक दूसरा तरीका भी है, जिसे हवाला (Hawala) कहा जाता है। आइए इस लेख में समझते हैं हवाला क्या है, हवाला कारोबार कैसे काम करता है और हवाला को लेकर भारत एवं वैश्विक स्तर पर क्या कानूनी प्रावधान किये गए हैं।
हवाला क्या है?
हवाला धन हस्तांतरण (money transfer) का एक अनौपचारिक तरीका है, जिसमें बिना किसी भौतिक हास्टटनरण या औपचारिक बैंकिंग चैनल के पैसे को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है। हवाला अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ स्थानांतरण होता है।
चूँकि हवाला के द्वारा पैसों का लेन-देन करने में किसी प्रकार के दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होती और न ही यहाँ पैसों के लेन-देन का कोई औपचारिक रिकॉर्ड रखा जाता है, लिहाजा यह लेन-देन में गुमनामी प्रदान करता है।
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यही कारण है कि, इस नेटवर्क का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे गैर-कानूनी उद्देश्यों के लिए प्रमुखता से किया जाता है।
इसके नाम के अनुरूप यह प्रणाली विश्वास और नेटवर्क पर आधारित होती है। हालांकि कई मामलों में तेज और सस्ते धन हस्तांतरण के विकल्प के तौर पर हवाला का इस्तेमाल सामान्यतः भी किया जाता है, लेकिन पारदर्शिता की कमी और अवैध गतिविधियों के वित्तपोषण को देखते हुए हवाला लेन-देन भारत में प्रतिबंधित है।
हवाला कारोबार कैसे काम करता है?
हवाला कारोबार वर्तमान की बैंकिंग व्यवस्था से भी पुराना है। इसकी शुरुआत 8वीं शताब्दी के दौरान दक्षिण एशिया में हुई और वर्तमान में इसका इस्तेमाल दुनियाभर, विशेष रूप से इस्लामी समुदाय में, पैसों का लेन-देन करने के लिए एक वैकल्पिक साधन के रूप में किया जाता है।
बैंकिंग प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए धन हस्तांतरित करने के पारंपरिक और वैध तरीके के विपरीत, हवाला नेटवर्क में पैसों का ट्रांसफर हवाला डीलरों या हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से किया जाता है। ये डीलर लेन-देन के दोनों सिरों पर काम करते हैं, एक प्रेषक की ओर से तथा दूसरा प्राप्तकर्ता की ओर से।
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हवाला डीलर सभी क्रेडिट और डेबिट लेन-देन का रिकॉर्ड रखने के लिए एक अनौपचारिक जर्नल रखते हैं । इन डीलरों के बीच ऋण का निपटान नकद, संपत्ति या सेवाओं के माध्यम से किया जा सकता है। ऐसा कोई ऑपरेटर जो किसी लेन-देन को अपेक्षित तरीके से पूरा नहीं करता है उसे इस नेटवर्क से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
हवाला कारोबार में एक प्रेषक अपनी राशि स्थानीय हवाला ऑपरेटर को देता है, जो प्राप्तकर्ता के विवरण को एक खास कोड के साथ नेटवर्क के दूसरे ऑपरेटर तक पहुंचाता है। ये दूसरा ऑपरेटर प्राप्तकर्ता को धनराशि का भुगतान करता है, जो कि, नेटवर्क के संसाधनों या ऑपरेटर के निजी संसाधनों से किया जा सकता है।
हवाला का उदाहरण
आइए एक उदाहरण के साथ समझते हैं कि, आखिर हवाला कारोबार कैसे काम करता है और किस प्रकार पैसों को भौतिक रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे बिना कोई लेन-देन पूरा कर लिया जाता है।
दुबई में काम करने वाला एक प्रवासी भारतीय, इमरान भारत में स्थित अपने परिवार को ₹5,00,000 भेजना चाहता है। वह दुबई के एक हवाला ऑपरेटर आमिर से संपर्क करता है और उसे यह राशि नकद में देता है, साथ ही भारत में अपने परिवार का विवरण भी आमिर के साथ साझा करता है।
दुबई का हवाला ऑपरेटर आमिर, यह जानकारी भारत में स्थित अपने नेटवर्क के हवाला ऑपरेटर मुहम्मद को भेजता है और मुहम्मद को एक कोड भी दिया जाता है, जिससे इमरान के परिवार की पहचान सत्यापित की जा सके। इसके बाद इमरान का परिवार अपनी पहचान सत्यापित कर मुहम्मद से पाँच लाख रुपये प्राप्त करते हैं।
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ये पूरी प्रक्रिया मात्र कुछ घंटों में पूरी हो जाती है और ये दोनों ऑपरेटर भविष्य में किसी दूसरे लेन-देन या व्यापार के माध्यम से अपनी पिछली रकम का हिसाब-किताब कर लेते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में दुबई से भारत तक कोई वास्तविक धन भौतिक रूप से ट्रांसफर नहीं किया जाता।
साथ ही इस लेन-देन में न तो किसी बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल होता है और न ही लेन-देन करने वालों की पहचान उजागर होती है। इसी गोपनीयता के कारण हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद तथा अन्य अवैध गतिविधियों के वित्त पोषण में किया जाता है।
हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि, हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल मुख्य रूप से अवैध गतिविधियों को फंड करने तथा मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है। लेकिन कई बार आम लोग खासकर प्रवासी कामगार भी इस नेटवर्क का इस्तेमाल पैसे ट्रांसफर करने के लिए करते हैं
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, द्वारा साल 2013 में एक अध्ययन किया गया, जिसके तहत लगभग 22 देशों के लोगों से एक प्रश्नावली भरवाई गई। इसमें लोगों से पूछा गया कि, वे लेन-देन के लिए हवाला का उपयोग क्यों करते हैं, इस रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर निम्नलिखित कारण सामने आए
- पैसे का त्वरित हस्तांतरण
- पैसे के हस्तांतरण की किफायती प्रक्रिया
- सांस्कृतिक प्राथमिकता
- प्राप्तकर्ता या प्रेषक के देश में उचित बैंकिंग बुनियादी ढांचे का अभाव
- बैंकिंग प्रणाली की तुलना में हवाला प्रणाली पर अधिक भरोसा
- कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने की इच्छा
- टैक्स की चोरी
- आपराधिक कृत्यों को छिपाना
हवाला के जरिये अवैध गतिविधियाँ
हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए बिना अपनी पहचान उजागर किये, मुद्रा हस्तांतरण कैसे किया जाता है इसे आपने ऊपर समझा। हवाला को "भूमिगत बैंकिंग" के रूप में भी संदर्भित किया जाता है। लेन-देन में गुमनामी के चलते दुनियाभर की अवैध गतिविधियों का वित्तपोषण हवाला नेटवर्क के माध्यम से पूरा होता है।
मनी लॉन्डर और आतंकवादी हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन हस्तांतरित करते हैं। इसके अलावा, भ्रष्ट राजनेता और धनी लोग टैक्स चोरी करने तथा नकद रूप में मौजूद काले धन को सफेद करने के लिए हवाला नेटवर्क का उपयोग करते हैं।
हालांकि कोई आधिकारिक रिकॉर्ड न होने के चलते हवाला के माध्यम से होने वाले कुल लेन-देन का सटीक अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) के अनुसार, एक अनुमानित वैश्विक अवैध वित्तीय प्रवाह लगभग 2.1 ट्रिलियन डॉलर तक हो सकता है, जिसमें हवाला सहित अन्य अनौपचारिक प्रणालियां भी शामिल हैं।
हवाला को रोकने के लिए कानून
मनी लॉन्ड्रिंग तथा आतंकवाद को फंड करने में हवाला नेटवर्क का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत समेत लगभग अधिकांश देशों में हवाला अवैध है, क्योंकि वित्तीय कानूनों के तहत पैसे से जुड़ी सेवाएं प्रदान करने के लिए उचित लाइसेंस प्राप्त करना और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानूनों का पालन करना आवश्यक होता है।
भारत की बात करें यहाँ हवाला जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए कई तरह के कानून प्रवर्तन में हैं, उदाहरण के लिए फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA), प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) आदि। वहीं वैश्विक स्तर पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसी संस्थाएं अवैध गतिविधियों के वित्तीयन पर नजर रखती हैं।
भारत में हवाला के लिए ऊपर बताए गए कानूनों के तहत कार्यवाही करी जा सकती है, जिसमें संबंधित राशि का तीन गुना तक का आर्थिक जुर्माना, उल्लंघन से संबंधित मुद्रा, प्रतिभूति या अन्य संपत्ति की जब्ती तथा कारावास जैसे दंड का प्रावधान किया गया है।
सार-संक्षेप
हवाला (Hawala), वर्तमान बैंकिंग व्यवस्था के समांतर एक ऐसी व्यवस्था है, जिसका इस्तेमाल पैसे को वास्तविक रूप से स्थानांतरित किए बिना, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ट्रांसफर किया जाता है। सामान्य भाषा में समझें तो हवाला दुनिया के एक देश से दूसरे देश में पैसे को ग़ैर-क़ानूनी रूप से ट्रांसफर करने का एक तरीका है।
यह नेटवर्क पूरी तरह "विश्वास" पर चलता है और इसमें बिना किसी दस्तावेजों और औपचारिक रिकॉर्ड के लेन-देन को पूरा किया जाता है, जिससे ऐसे ट्रांज़ैक्शन को ट्रैक करना मुश्किल होता है। लेन-देन में गुमनामी के चलते इस व्यवस्था का इस्तेमाल गैर-कानूनी कार्यों को फंड करने के लिए किया जाता है।